(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
अपनी मांगो को लेकर विभिन्न किसान संगठन के हजारों किसानों नें कलेक्ट्रेट घेरते हुए लगाया पक्का मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान सभा, किसान परिषद, जय जवान जय किसान मोर्चा के आह्वान पर अपनी मांगो को लेकर हजारों की संख्या में किसानों ने आज कलेक्ट्रेट तक मार्च करते हुए घेराव किया।
किसान हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने तक कलेक्ट्रेट पर पक्का मोर्चा बनाकर रहेंगे।
इस मौके पर किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉक्टर रूपेश वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि हाई पावर कमेटी का गठन नए कानून को लागू करने, 10% प्लाट, आबादियों के निस्तारण एवं उन मुद्दों पर सिफारिशों देने के लिए 21 फरवरी 2024 को किया गया था। 31 अगस्त को कमेटी ने अपनी सिफारिशें दाखिल कर दी है किन्तु सरकार सिफारिश पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें दबाकर बैठ गई। किसान परिषद के सुखबीर खलीफा ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान तब तक पक्का मोर्चा लगा कर रहेंगे जब तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होती। एनटीपीसी के किसानों के संबंध में डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनी है अभी तक उसने रिपोर्ट सीएमडी को नहीं दी है।
सुनील फौजी ने कहा कि नए कानून को जानबूझकर जिले में लागू नहीं किया गया और सर्किल रेट का रिवीजन भी नहीं किया गया है।
कमेटी की रिपोर्ट में नए कानून को लागू करने का एजेंडा पहले से शामिल है इसलिए कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी अति आवश्यक है।
बृजेश भाटी ने कहा कि हमारी समस्या समय वर्ष 1989 से लंबित है, कमेटी को रेफर की गई है इसलिए कमेटी की सिफारिशों का इंतजार बेसब्री से है।
आज किसानों का हल्ला बोल आंदोलन, कलेक्ट्रेट के घेराव और अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन को समर्थन देने आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रविंदर भाटी, आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष सुशील प्रधान, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष इंद्र प्रधान, किसान यूनियन अजगर के हरवीर नागर और नरेश चपरगढ़, किसान शक्ति के जितेंद्र भाटी, बेरोजगार सभा के विजयपाल ने समर्थन दिया।
यतेंद्र नागर, विकास नागर, एनटीपीसी के नेता अनूप राघव, सिस्टम सुधार संगठन के अंशुमन ठाकुर, अजब सिंह नेताजी, पप्पू ठेकेदार, संयोजक वीर सिंह नागर, उदल आर्य भगत सिंह चेची, अशोक भाटी शिशांत भाटी यतेंद्र भाटी, यतेंद्र मैनेजर, मुकेश यादव रंगलाल भाटी, मुकेश खेड़ी, सुशील सुनपुरा, नरेश नागर, सुरेंद्र भाटी, अभय भाटी, आशा यादव गंगेश्वर दत्त शर्मा कंवरपाल सिंह, मंगेश त्यागी जोगेंद्री देवी तिलक देवी रईसा बेगम एवं हजारों महिला पुरुष किसानों ने हिस्सा लिया।