(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
√ तीन सदस्य की पीठ ने मृतक के आश्रितों को 6,30 ,212 रुपये के साथ 1 हजार प्रतिकर और 6℅ व्याज के साथ एक महीने में धनराशि भुगतान के दिये आदेश
स्थाई लोक अदालत में पॉलिसी धारक मृतक आश्रित की पत्नी ने अपने मृतक पति की मृत्यु का दावा प्रस्तुत संबंधित बीमा कंपनी के समक्ष किया, जिसे बीमा कंपनी ने खारिज कर दिया था।
पीड़िता अपने अधिवक्ता के माध्यम से स्थाई लोक अदालत में बाद दायर किया जिसमें अदालत ने आदेशित करते हुए संबंधित बीमा कंपनी को एक माह के अंदर मृतक पॉलिसी धारक के आश्रित को मौजा अदा करने के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार संजय निवासी गांव जटवारी मथुरा ने रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में 17 जून 2022 को दो पॉलिसी प्रीमियम अदा कर ली थी जिसमें नॉमिनी के रूप में अपनी पत्नी विमलेश का नाम अंकित कराया था।
पॉलिसी धारक संजय की पॉलिसी लेने के 5 दिन बाद ही साइलेंट अटैक से मृत्यु हो गई। पॉलिसी धारक मृतक संजय की पत्नी विमलेश ने बीमा कंपनी में विमित धनराशि अदा करने के लिए दावा प्रस्तुत किया जिसे बीमा कंपनी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पॉलिसी धारक ने पॉलिसी लेते समय अपनी बीमारी कैंसर को छुपा कर पॉलिसी कराई थी, ऐसी स्थिति में पॉलिसी धारक का मृत्यु दावा खारिज किया जाता है।
मृतक पॉलिसी धारक की नॉमिनी पत्नी विमलेश ने अपने अधिवक्ता पवन कुमार सिंह के माध्यम से स्थाई लोक अदालत के समक्ष वाद प्रस्तुत किया।
जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने यह पाया के कैंसर से मृत्यु पॉलिसी धारक संजय के भाई जिले सिंह की हुई है जिसके मृत्यु प्रमाण पत्र एवं अन्य मेडिकल सबूत के आधार पर संजय के पॉलिसी धारक को उसकी नियमित धनराशि नहीं दिया जाना न्याय संगत नहीं है।
न्यायालय ने दोनों पक्षों के मध्य सुलह वार्ता के भी प्रयास किये। जिनके सफल नहीं होने पर गत 26 नवंबर को स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष विमल प्रकाश शुक्ला, न्यायिक सदस्य प्रतिभा शर्मा और न्यायिक सदस्य अंजू रानी की तीन सदस्यों की पीठ ने अपना निर्णय सुनाते हुए विपक्षी बीमा कंपनी रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को मृतक संजय की नॉमिनी विमलेश को 6 लाख 30 हजार 212 रुपये के अलावा 1000 रुपये प्रतिकर तथा 6% की ब्याज सहित समस्त धनराशि एक माह के अंदर भुगतान करने के आदेश दिए हैं।
मृतक पॉलिसी धारक की नॉमिनी पत्नी विमलेश की ओर से अधिवक्ता पवन कुमार सिंह ने पैरवी की। न्यायालय के इस आदेश से मृतक पॉलिसी धारक संजय के परिवार में खुशी की लहर दोड़ गई है।