लेखक-ओम लवानिया
एसएस राजमौली ने बिग बजट बाहुबली को भव्य स्केल पर बनाने की सोची थी तब उनके दिमाग में फ़िल्म की कॉस्ट को रिकवर करने के आर्थिक सोर्स दौड़ रहे थे। आख़िर कहाँ से कलेक्शन बढ़ा सकते है। क्योंकि इनके पास साउथ ब्लॉक और ओवरसीज़ मार्केट था।
राजमौली ने 2009 में मगधीरा 40 करोड़ में बनाई थी और फ़िल्म ने इन सर्किट में 150 करोड़ बिज़नेस किया था।
बाहुबली के हैवी बजट को देखते हुए, उत्तर भारत को तलाशना शुरू किया था, तिस पर गोल्डी माइन्स ने माहौल बना रखा था। करण जौहर के साथ मिलकर बाहुबली पैन भारत आई तो बवाल काट गई और डबड़ वर्जन में बाहुबली बॉलीवुड में सबसे बड़ी फ़िल्म बन गई और 2023 तक रही।
इसके बाद तो केजीएफ, आरआरआर, देवरा, पुष्पा आदि कई फ़िल्में आई। कुछ सफल बैठी, तो कंगुवा, गॉट, कब्जा सरीखी फ़िल्में लुढ़क गई। बेशक अपने रीजन में ठीक ठाक कर गई।
पुष्पा-द रूल स्वतंत्रता वीकेंड से पोस्टपोन होकर दिसंबर में पहुँची थी। तब स्त्री-2, वेदा और खेल खेल में को वाक ओवर दिया था। उधर, दिनेश विजन ने छावा को क्लैश में खड़ा कर दिया। मैत्री निर्माताओं को अच्छे से मालूम था कि फ़िल्म को प्रॉफिटेबल बनाने के लिए नार्थ बॉक्स ऑफिस को तबाही से जीतना पड़ेगा और बुद्धिमानी के साथ फ़िल्म के ट्रेलर को अपने रीजन से दूर बिहार पटना में दर्शकों के हवाले किया। ताकि उत्तर भारत के मासेज जुड़ सके, पुष्पा ब्रांड तो था लेकिन बजट के हिसाब से वाइल्ड फायर बनाना जरूरी था।
दरअसल, सुकुमार जानते थे कि बॉलीवुड फ़िल्म छावा से बॉक्स ऑफिस क्लैश में रहेगी तो फर्स्ट इम्प्रेशन इज द लास्ट इम्प्रेशन है। इसलिए एक दिन पहले प्रीपोन कर दी। हालाँकि अनिल थड़ानी ने दिनेश विजन को समझा दिया, साथ में बहुत नुक़सान लगेगा। क्योंकि पुष्पा का फायर अब वाइल्ड हो चला है। दिनेश ने समझदारी दिखाई और फ़िल्म को पोस्टपोन कर दिया। पुष्पा को सोलो सम्मान दिया है।
पैन भारत बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ भारतीय फिल्मों का अधिकार है और अच्छी फिल्में इसे वसूल रही है तो बढ़िया है। विजेता आगे रहेगी और लूजर नीचे गिरेंगी।
इसके परिणाम स्वरूप में देखिए, पुष्पा नार्थ में फाड़ रहा है। तेलुगू पहला दिन बड़ा देता है बाकी दिन नार्मल हो जाते है। अब उत्तर ने कमान संभाली है। इसलिए दो वीक तक फ़िल्म ब्लॉकबस्टर हो जाएगी। जिस प्रकार के ट्रेंड है हिंदी पट्टी से 700 करोड़ और बाक़ी जगह से 300 करोड़ उठा लेगी और ओवरसीज अलग है।
इसी कड़ी में राजमौली की हज़ार करोड़ी एक्शन थ्रिलर एडवेंचर और बाक़ी डार्लिंग प्रभास की फ़िल्म अपने हाई बजट में नार्थ को फ़ोर्सफुली टारगेट में लेंगी। हालाँकि राजमौली तो पैन भारत के बाद पैन वर्ल्ड फ़िल्म को रिलीज़ दें। इसके लिए अमेरिकन डिस्ट्रीब्यूटर्स तैयारी में जुटे है। फ़िल्म को सफलता के लिए 3-4 हज़ार करोड़ चाहिए। इस फ़िल्म के साथ राजमौली बहुत बड़ा रिस्क ले रहे है। सटीक बैठा तो इंटरनेशनल, नहीं नेशनल तो रहेंगे। इसलिए इसका बड़ा हिस्सा पैन भारत से उठायेंगे। जब बाहुबली को 1000 करोड़ी बना चुके है तो अगली में दो हज़ार करोड़ पर फोकस होगा।
साउथ ब्लॉक के पास लिमिटेशन है।
कुछ खास और बड़ी फिल्में ही हैरानी भरे आंकड़े जुटा ले जाती है। बाक़ी तो छोटे बजट तक मामला अच्छा है।
फ़िल्म के बैक स्टेज राइट्स में ओटीटी और सैटेलाइट फ़िल्म के प्रदर्शन पर निर्भर रहते है।
(लेखक फिल्म समीक्षक हैं)