(मुकेश सेठ)
( मुंबई)
श्वास की बीमारी के कारण आज सुबह निजी अस्पताल में ली अंतिम साँस अन्त्येष्टि कल सुबह 10 बजे लखनऊ में होगी
भारतीय श्रमजीवी पत्रकार महासंघ (आईएफडब्ल्यूजे) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, समाज सुधारक प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया के पूर्व सदस्य कामरेड डॉ के विक्रम राव का आज तडके लखनऊ के एक निजी अस्पताल में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया ।
उनके निधन के समाचार सुनते ही देश भर के मीडिया जगत में शोक की लहर छा गई ।
डॉ के विक्रम राव ने जीवन के अंतिम सांस तक पत्रकारिता धर्म निभाते हुए पत्रकारों के हित में संघर्ष किया।
वे अपने राष्ट्रीय स्तरीय संगठन के माध्यम से विभिन्न प्रदेशों एवं जिलों में पत्रकारों की इकाइयों को गठन कर निरंतर पत्रकार जगत के हित की गतिविधियों का संचालन कराया करते थे।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया समेत कई अख़बारों में संवाददाता के रूप में कार्य करने के बाद उन्होंने स्वतंत्र पत्रकारिता के माध्यम से अपने लेखनी को निरंतर प्रवाह मान रखा ।
अपने संगठन के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय अधिवेशनों में बड़े-बड़े दिग्गज राजनेताओं को बुलाकर के पत्रकारों के हित में उन्होंने तमाम घोषणाएं करवाई और योजनाओं को लागू कराया।
इंदिरा गांधी के द्वारा देश पर आपातकाल थोपने का पुरजोर विरोध के कारण डॉ के विक्रम राव, जार्ज फर्नांडिस के साथ जेल में क़ैद किए गए थे और सरकार द्वारा फर्जी तरीके से बड़ौदा डायनामाइट केस उन्हें जॉर्ज फर्नांडीज के साथ कोर्ट के जरिए फांसी की सजा भी सुनाई गई थी।
डॉ राव आजीवन श्रम कानूनों के लिए संघर्ष करते हुए पत्रकार हितों की रक्षा की।
डॉ के विक्रम राव उम्र अधिक हो जाने के बाद भी निरंतर अपनी लेखनी को चलाते रहे । उन्होंने अंतिम दिवस तक भी अपना लेख लिखकर के प्रकाशन हेतु समाचार पत्र माध्यमों को प्रेषित किया था ।
कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें लोकतंत्र सेनानी सम्मान से अलंकृत किया गया था ।
दो दिवस पूर्व ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर के पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए बात की थी और अपनी लिखी दो पुस्तकें भी उन्हें भेंट की थी।
आईएफडब्ल्यूजे के माध्यम से देश भर में पत्रकार संगठनों को मजबूत करने में श्री के विक्रम राव ने जहां बहुत माहिती भूमिका निभाई वही पत्रकारों को विदेश में पत्रकारिता का प्रशिक्षण दिलवाया।
विभिन्न देश की पत्रकारों को सदभाव यात्रा करा करके विदेशी पत्रकार संगठनों के साथ सामंजस स्थापित करने का कार्य उन्होंने किया था।
डॉ के विक्रम राव का निधन पूरे भारतीय प्रेस जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।