(मुकेश शर्मा)
(ग्वालियर)
आशुतोष तिवारी का आज भी अध्यक्ष जैसा रूतवा,तिवारी के इशारे पर काम करते हैं शुक्ला!
कैबिनेट मंत्री विजय वर्गीय तक पहुंची शिकायतें एक्शन कब लेगी सरकार लोगों में है चर्चा ए आम
मधयप्रदेश गृह निर्माण एवम अधो संरचना विकास मंडल वृत ग्वालियर (हाऊसिंग बोर्ड) में नटवरलालों का दबदबा है क्योंकि इन नटवरलालों पर आयुक्त चंद्र मौली शुक्ला मेहरबान हैं और आयुक्त पूर्व अध्यक्ष आशुतोष तिवारी के दबाव में काम कर रहें है?कभी 1200 रु महीने में भिंड जिले के ग्राम छेंकुरी में विद्याभारती का काम देखने वाले आशुतोष तिवारी हाऊसिंग बोर्ड के अध्यक्ष बनते ही अपने चहेतों पर इतने मेरबान हो गये और अघोषित रूपसे अकूत संपत्ति के मालिक बन बैठे।मध्यप्रदेश में हाऊसिंग बोर्ड के जितने भी निर्माण कार्य चल रहे है उनमें पेटी कॉन्ट्रेक्टरअधिकांश में या तो उनके रिश्तेदार है या मित्र फिर चाहे निर्माण कार्य कितना भी घटिया हो।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है ग्वालियर और सागर में मैसर्स यश उपाध्याय द्वारा किए जा रहे कार्य अब आते हैं भूखंडों के आवंटन पर तो आशुतोष तिवारी के कार्यकाल में भूखंडों के हुए आवंटनों की जांच की जाए तो सारा काला चिट्ठा सामने आ जाएगा।
हालांकि आशुतोष तिवारी और चंद्र मौली शुक्ला की शिकायतें विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों तक पहुंच चुकी हैं और जांच का आश्वासन भी मिला है। गृह निर्माण मंडल के ग्वालियर वृत की बात करें तो यहां खेल अजब गजब है आशुतोष तिवारी यहीं निवास करते है और यहां पदस्थ अधिकारी /कर्मचारी आज भी उनकी चरण वंदना करते हैं जैसे अभी भी आशुतोष तिवारी हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष हों?गृह निर्माण मंडल के सूत्र बताते हैं कि आयुक्त चंद्र मौली शुक्ला की कोई एसी कमजोरी आशुतोष तिवारी के पास है कि शुक्ला आज भी तिवारी के दवाब में कार्य कर है कि ब्यापम के आरोप में जेल काट चुके उप यंत्री राजेंद्र तिवारी को नियम विरुद्ध कार्यपालन यंत्री का प्रभार दे रखा है।कुछ दिनों पहले तक राजेंद्र तिवारी पर कार्यपालन यंत्री संभाग क्रमांक 2 और संपत्ति अधिकारी के अलावा 2 सब डिवीजनों का सहायक यंत्री का भी प्रभार था जैसे तैसे शिकायतों के आधार पर तिवारी का स्थानांतरण सहायक यंत्री श्योपुर हुआ रूसूख कहें या पैसा तिवारिको तुरंत कार्यपालन यंत्री श्योपुर और मुरैना का प्रभार चंद्र मौली शुक्ला के मौखिक आदेश पर देदिया(ये कहना है उपायुक्त एन डी अहिरवार का) क्या ऐसा कोई लिखित नियम है कि उप यंत्री को कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपा जाए बो भी कितने समय तक?अब राजेंद्र तिवारी ग्वालियर आने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं इसके लिए उनका सूट केस तैयार है देखना यह है कि उनका सूट केस थामता कौन है आशुतोष तिवारी या चंद्र मौली शुक्ला?

ग्वालियर वृत में हाल ही में पदस्थ सहायक यंत्री नीरू राजपूत को संभाग क्रमांक 2 का कार्यपालन यंत्री बना दिया गया स्वाभाविक है सूट केस के बगैर तो नहीं बनाया होगा,क्योंकि संभाग क्रमांक 2 में आशुतोष तिवारी के रिश्तेदार के करोड़ों के काम चल रहे है जिनके फर्जी विल पास पहले स्वर्गीय एस के शर्मा करते रहे बाद में राजेंद्र तिवारी की पांचों उंगलियां माफ करना पांच नहीं साढ़े चार उंगलियां घी और सर कढ़ाई में रहा अब नीरू राजपूत का यही हाल है मोहतरमा बगैर पैसे के एक नंबर का काम भी नहीं करतीं तो दो नंबर(ठेकेदारों) का कैसे करेंगी? वैसे जानकारी मिली है कि नीरू राजपूत की पदस्थापना भी राजेंद्र तिवारी ने कराई है ताकि उनको अपनी उंगलियों पर…?
खैर आशुतोष तिवारी और आयुक्त चंद्रमौली शुक्ला की जुगल जोड़ी जमकर भ्रष्ट्राचार का खेल खेल रही है।