(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
√ लाख कोशिशों के बाद भी मथुरा प्रशासन नही लगा पा रहा लगाम, युवाओं का भविष्य और जीवन कब तक होता रहेगा बर्बाद
कान्हा नगरी में नशे का खेल दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता जा रहा है, पहले ये नशे का कारोबार शहरी इलाकों तक सीमित था अब ग्रामीण अंचल में भी इसके सौदागर पहुंच चुके है,जिसका दुषपरिणाम अब देखने को मिलने लगा है। नशा चाहे भांग का हो या शराब का इन दो धंधों से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि मथुरा की युवा पीढ़ी को आदत पड़ चुकी है। ये दोनों नशे के व्यापार तो सरकारी आंकड़ों में दर्ज है ठीक इसके उलट गांजा, स्मैक, नशे के इंजेक्शन का कारोबार तो किसी को अंदाजा नहीं है कितनी मात्रा में बढ चुका हैं। , जिसके कारण योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति भी धराशाई हो जाती है।नशे की लत का शिकार हुए युवा अपनी लत को पूरा करने के लिए किसी भी खौफनाक अंजाम तक पहुंच जाते हैं।
बताया जाता है कि इलाकाई पुलिस की पूर्ण जानकारी और कथित पत्रकारों की मिली भगत से जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध नशीले पदार्थ चरस गांजा और अन्य घातक नशीले पदार्थ धड़ल्ले से बिक रहे हैं।अवैध मादक पदार्थों की तस्करी और बेचने के काम में लगे हुए असमाजिक तत्व जहाँ युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं तो वहीं यह लोग कतिपय पुलिस कर्मियों के लिए पैसे उगलने वाली मशीन बने हुए हैं।
जनपद में इस समय जो अपराध का ग्राफ देखने को मिल रहा है उसमें सबसे ज्यादा नशे की लत का शिकार हुए युवाओं के द्वारा ही अंजाम दिया गया है। , मथुरा प्रशासन में कुछ जयचंद इन नशा कारोबारियो को अपना आशीर्वाद दे रहे है जिसके कारण मथुरा के होनहार काबिल अफसर चाहते हुए भी इस गंदगी को साफ नही कर पा रहे है।
नशे का कारोबार सभी को अधिकतर पता है कि मथुरा में कहा – कहा फैला हुआ है, मीडिया भी कई बार खुलासा कर चुका है इतने पर भी पुलिस छुटपुट माल पकड़ कर जनता को गुमराह कर अपनी पीठ थपथपा लेते है। मथुरा के थाना हाइवे क्षेत्र के आसपास का इलाका नशे करोवरियो के काम के लिए बदनाम हो चुका है, ऐसा ही गोवर्धन चौराहे के समीप हंसराज कालोनी,थाना गोविन्द नगर,थाना यमुना पार का इलाका, वृंदावन का सुनरख रोड, जतीपुरा कोसी, शेरगढ़ सहित तमाम इलाकों मै लोग परेशान हो चुके है।
मथुरा के जनरल गंज रेलवे लाइन पर शाम के वक्त रेल पटरी पर भी नशे बाजी का अड्डा जमा रहता है, सरकारी तंत्र के तमाम लोग इन जगहों से गुजरते है पर उन लोगो को ध्यान देने की फुरसत नहीं , जव कोई बड़ा हादसा घटित हो जायेगा तब अधिकारी इस ओर भागे चले आएंगे।