★आलोक तिवारी★
★मथुरा★
डीपीआरओ की शासन में मजबूत पकड़ के चलते स्थानीय मंत्री साबित हो रहे बौना
♂÷जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर एक तेजतर्रार महिला अधिकारी तैनात है,उनकी कार्यशैली जितनी आक्रामक और प्रभावशाली है उतनी ही वह शासन में मजबूत पकड़ के साथ होशियार और समझदार भी हैं । पूर्व में मथुरा में एक इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक के रूप में तैनात रही हैं तभी से उन्हें मथुरा की भौगोलिक स्थिति के अलावा यहां की राजनीति की भली-भांति समझ है। इसी दूरदर्शिता के चलते उन्होंने अपनी वर्तमान तैनाती में अपना सरनेम वर्मा से चौधरी करने के पीछे उनकी सूझबुझ माना जा रहा है ।
जानकारी के अनुसार जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) मथुरा के पद पर किरण चौधरी प्रदेश की सबसे तेजतर्रार और चर्चित अधिकारी के रूप में जानी जाती है इनकी कार्यशाली के चलते मथुरा में भी उन्होंने अपनी धाक जमा रखी है।
सूत्रों के अनुसार वर्तमान पंचायत राज अधिकारी पूर्व में जनपद मैं इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात रही है। अपने उस कार्यकाल में किरण वर्मा के नाम से नौकरी की थी , कुछ समय के बाद पीसीएस की परीक्षा क्वालीफाई कर जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तैनाती मिली। पहली तैनाती में वह जिला श्रावस्ती में तैनात रही वहां भी अपना सरनेम वर्मा लिखती थी।द्वितीय पोस्टिंग मथुरा में हुई ट्रांसफर लिस्ट में उनका नाम वर्मा सरनेम लिखा हुआ आया। मथुरा में कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपना सरनेम बदलकर चौधरी कर लिया । उन्हें मथुरा जनपद की भौगोलिक स्थिति और राजनीतिक आकाओं के कद और उनकी पकड़ की भली-भांति जानकारी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र मैं जाट जाति का प्रभाव को देखते हुए उन्होंने अपना सरनेम चौधरी कर दिया। इसमें समझदारी यह रही मथुरा का जाट उनके चौधरी सरनेम के चलते जाट समाज के लोग उन्हें अपनी सजातीय महिला अधिकारी मानकर उनका यहां के जाटों के द्वारा उन्हें पूरा समर्थन मिलता रहा है।
मजे की बात यह है जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चौधरी वर्तमान में प्रदेश और केंद्र की सरकार में मजबूत राजनीतिक पकड़ वाली अधिकारी बताई जाती है।यही कारण है जनपद के एकमात्र कैबिनेट मंत्री ने कई बार शासन स्तर पर प्रयास कर जिला पंचायत राज अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने का प्रयास किया,इतना ही नहीं उन्हें यहां से हटाने का भी प्रयास किया गया जो प्रत्येक स्तर पर असफल साबित हुआ।
दरअसल स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री की नाराजगी जिला पंचायत राज अधिकारी से इस बात को लेकर है कि जिले की जो बड़ी-बड़ी ग्राम पंचायतों है उनमें अपने चहेते सचिवों को नियुक्त किया हुआ है। संबंधित विभाग मुख्यमंत्री के पास है और जिन प्रभावशाली सत्ताधारी नेताओं का पंचायत राज अधिकारी को आशीर्वाद प्राप्त है वह इतने क़द्दावर हैं उनके सामने स्थानीय कैबिनेट मंत्री, जिला पंचायत राज अधिकारी की मजबूत राजनीतिक पकड़ के चलते बौने साबित हो रहे हैं।
स्थानीय राजनीतिक पंडितों की माने तो जिला पंचायत राज अधिकारी के सम्मुख मथुरा की राजनीतिक का अस्तित्व ना के बराबर साबित हो रहा हैं ।
यही कारण है वह पूरी दबंगई के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने की ओर अग्रसारित हैं।