लेखक- ओम लवानिया
बॉलीवुड में आज भी ऐसे उम्दा कलाकार के साथ ही इंसान है जो जिनके लिए पैसा ही माई बाप नही है बल्कि राष्ट्र, समाज की उन्नति और उसमें व्याप्त बुराइयों को भी दूर करने के लिए हमेशा अपना योगदान देते रहते हैं।
जॉन अब्राहम ऐसे ही एक सफ़ल और प्रतिबद्ध कलाकार, फिल्म निर्माता के रूप में जाने जाते हैं।
जॉन बॉलीवुड में सबसे मुखर अभिनेता है, बेबाकी से अपनी राय रखते है।मालूम हो कि वर्षों पूर्व अपनी फिल्म “बाटला हाउस”के प्रमोशन पर जॉन ने बॉलीवुड के कड़वे सच का पहलू लोगों के सामने रखा था।
उन्होंने कहा था कि “फिल्म इंडस्ट्री धर्मनिरपेक्ष नहीं है, इंडस्ट्री 100 प्रतिशत धर्मनिरपेक्ष नहीं है, यह दो गुटों में बंटी हुई है और यही बॉलीवुड की जिंदगी की सच्चाई है।”
ऐसा नहीं है कि जॉन कोई ऐसी बात बतला रहे है जिसे सनसनीखेज कहा जा सके। दरअसल, बॉलीवुड की हरकतों से एचडी में परिलक्षित होता है, भीतर कैसा सिस्टम बैठा और कैसे नैरेटिव व प्रॉपगैंडा क्रिएट करता है।
इन दिनों जॉन सुर्खियों में है क्योंकि इनकी फ़िल्म” वेदा”स्वतंत्रता दिवस वीकेंड में नज़दीकी सिनेमाघरों में पहुँचेगी और बॉक्स ऑफिस क्लैश में भाग लेगी। निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ़िल्म में अभिनेत्री शरवरी केंद्रीय भूमिका में है।
“वेदा” फ़िल्म प्रमोशन के दौरान जॉन इंटरव्यू दे रहे है तब उन्होंने बताया कि बॉलीवुड में बहुतेरे लोग ऐसे है जो नहीं चाहते थे, मुझे सफलता मिले। मेरे बारे में कॉफी विथ, बड़ी बड़ी मैगजीन में फोटो के साथ हेडलाइन छपती थी, “जॉन इज ओवर” अर्थात् जॉन की बुराई।
जॉन ने आगे कहा कि उनमें से एक मेरा प्रोड्यूसर है और उसने आगे बढ़कर कहा कि, “सॉरी”,मैंने पूछा लेकिन क्यों किया?
आपकी अदालत में सोलोमैन आये थे तब उन्होंने जॉन के बारे में क़िस्सा सुनाया था, “साया फ़िल्म से कटरीना कैफ को निकलवा दिया था और वे तीन दिन तक रोई थी। मेरा करियर खत्म हो गया ब्ला ब्ला। तब कैफ ऐसी स्थिति में थी जॉन ने फ़िल्म से निकलवा दिया था। अब न्यूयॉर्क फ़िल्म के वक्त कैफ उस स्थिति में निर्देशक, प्रोड्यूसर और प्रोडक्शन कंपनी अच्छे दोस्त है। कटरीना पॉवर में है। लेकिन मैंने उन्हें समझाया और मेरी व उनकी वजह से जॉन को बड़ी हिट फ़िल्म मिली”
इस पूरे घटनाक्रम को समझेंगे तो जॉन को निष्क्रिय करने का षड्यंत्र रचा गया था ताकि साया का रिवेंज निकाला जा सके। क्योंकि विवेक भी ऐसे ही प्रकरण से करियर को खत्म होते देख चुके है। जब सिस्टम एक्टिव होता है तब हर हथकंडे अपनाए जाते है।
करीना कपूर खान ने जॉन अब्राहम की अभिनय क्षमता पर तंज मारकर कहा कि, “एक्सप्रेशनलेस है, उसे एक्टिंग नहीं आती है” और मंच “कॉफी विथ करण ” था।
नो डाउट जॉन एक्सप्रेशन के मामले में गरीब है। लेकिन मॉडलिंग में मेगामॉडल रहे है, साथ ही यशराज बैनर की बड़ी फिल्म “धूम” से यूथ में खलबली मचा चुके है तो फिटनेस में युवाओं के आइकॉन है।
काम करना, नहीं करना चॉइस है लेकिन ऐसी कमेंटबाजी नये कलाकारों को तोड़ने के लिए यूज किए जाते है। किंतु जॉन कलाकार के स्तर पर इतने प्रपंच के बावजूद सफल है। उनकी फिल्म “परमाणु-पोकरन”, बाटला हाउस, सरीखे कंटेंट लाए है। जिन्हें बॉलीवुड में किसी ने छुआ नहीं था तो धर्मनिरपेक्ष वाली बात इस मामले में सटीक बैठती है।
जॉन कहते है मैं अपने देश से प्रेम करता हूँ, और मेरी वजह से सोसायटी में कुछ परिवर्तन आ सके यही मेरा लक्ष्य है, मुझे दुनिया में मेरा देश सबसे प्यारा है।
सिर्फ देशभक्ति कहने से नहीं बल्कि कुछ करने से होती है।
कोशिश रहती है कि ऐसा कोई काम नहीं करूँ, जिससे समाज में गलत संदेश जाए। पान मसाला इंडस्ट्री 45000 हजार करोड़ की है,काफी पैसा मिलता है कानूनी भी है तो इस मामले में सबके अपने मापदंड है मैं पैसे के लिए कभी मौत नहीं बेचूँगा।
पैसे के मामले में मेरा बेंचमार्क सेट है, ज़्यादा पैसे इकट्ठा करने से क्या फायदा, मर जाएँगे तो क्या काम आएँगे!
जॉन बॉलीवुड में ऐसे लेवल पर है, “यू कैन लव हिम, यू कैन हेट हिम, बट यू कांट इग्नोर हिम”।
(लेखक फ़िल्मी समीक्षक और प्रख्यात ब्लॉगर हैं)