(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
√ लखनऊँ के सरोजिनी नगर में कब्जे में ली गयी जमीन पर कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा था कब्जा जिस पर आज ED ने पूर्व मंत्री की संपत्ति को किया कब्जामुक्त बुलडोजर से किया जायेगा ध्वस्त
√ NRHM और श्रम विभाग में घोटाले के जरिये अकूत संपत्ति के मामले में ४ साल जेल जा चुके बाबू सिंह कुशवाहा के उपर मनमोहन सरकार के दौरान ED ने दर्ज किया था केस
√ यह संपत्ति दस वर्ष से ED ने कर रखा है अटैच इसके आगे की कार्यवाई मुझे नही मालूम:बाबू सिंह कुशवाहा
कभी बसपा सुप्रीमो और २००७ से लेकर २०१२ के दौरान मुख्यमंत्री रहते मायावती के बाद सरकार में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले बाबू सिंह कुशवाहा जो की वर्तमान में समाजवादी पार्टी से जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं की दिक्कतें बढ़ने वाली है।
वर्षों पूर्व से ही आय से अधिक संपत्ति समेत लगभग दो दर्जन से अधिक केस में आरोपी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की भृकुटि टेढ़ी हो चुकी है।
‘ऑपरेशन बाबू साहब 2’ के तहत मायावती सरकार के पूर्व मंत्री की बेनामी संपत्तियां खंगाल रहे प्रवतन निदेशालय को बड़ी सफलता हाथ लगी है। लखनऊँ जनपद के कानपुर रोड के बंथरा के जुनाबगंज में सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की चालीस करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति आयकर ने जब्त की है और बुलडोजर से ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि दस साल पहले मनमोहन सिंह सरकार ने NRHM समेत कुछेक अन्य विभाग में हजारों करोड़ के हुए घोटाले में मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा पर ED ने केस दर्ज किया था।कार्यवाई में बाबूसिंह कुशवाहा की यह संपत्ति तब से ही ED ने अटैच कर रखी थी। इधर काफी दिनों से कुछ लोगो द्वारा उक्त भूमि पर खेती करने की जानकारी मिलने पर ED ने कदम उठाते हुए आज फ़िर से उसको जब्त कर लिया है।
बुल्डोजर के जरिए जमीन पर बने पुराने निर्माण आदि को गिराया जायेगा।
चर्चा है कि कहीं इस जमीन पर कब्जा करने की नियत से आरोपी पूर्व मंत्री व सांसद के लोग ही न हो या फ़िर कोई और इसकी भी जांच ED करेगी।
उधर इस बाबत जब सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह जमीन दस साल पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने अटैच कर रखी है आज क्या हुआ है उस बारे में मै क्या बता सकता हूँ।
मालूम हो कि मायावती सरकार में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना में हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, सांसद अखिलेश यादव समेत केन्द्र में मनमोहन सरकार चलाने वाली काँग्रेस , बीजेपी ने उस दौरान लगाने के साथ जमकर हमला किए थे।
उनके निशाने पर मुख्यमंत्री मायावती के साथ नम्बर दो की हैसियत रखने वाले मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा निशाने पर रहते थे।