(मुकेश सेठ)
(मुंबई)
√ १५ दल कर रहे प्रस्ताव का विरोध तो समर्थन में ३२ दल सरकार के साथ
√ शीतसत्र में सरकार और प्रस्ताव के विरोधी दलों में बढ़ेगी राजनीतिक तपिश,पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षा में सरकार ने बनाई थी कमेटी
तीसरी बार केंद्र में भले ही सहयोगियों के दम पर में सत्ता सीन मोदी सरकार हो किंतु वह अपने घोषणा पत्र में किये गए वादे को पूरे करने की दिशा में बढ़ती जा रही है।
बीजेपी ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर लंबे समय से चली आ रही कवायद अब आगे बढ़ती दिखाई दे रही है।
इस प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति “वन नेशन वन इलेक्शन” की संभावनाओं पर गत मार्च महीने में अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है और संसद में इसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जायेगा।बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने “वन नेशन वन इलेक्शन” की संभावनाओं पर मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।इस रिपोर्ट में जो सुझाव दिए गए हैं, उसके मुताबिक पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए।
समिति ने आगे सिफारिश की है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी हो जाने चाहिए। इससे पूरे देश में एक निश्चित समयावधि में सभी स्तर के चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे। वर्तमान में, राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग आयोजित किए जाते हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से”वन नेशन वन इलेक्शन”की वकालत करते आए हैं। पीएम मोदी ने कहा था,’मैं सभी से एक” राष्ट्र एक चुनाव” के संकल्प को हासिल करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध करता हूं, जो समय की मांग है। लोकसभा चुनाव से पहले आजतक से विशेष बातचीत में पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर कहा था कि सरकारों के पूरे पांच साल के कार्यकाल के दौरान चुनाव ही नहीं होते रहने चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘मैं हमेशा कहता हूं कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए,पूरे 5 साल राजनीति नहीं होनी चाहिए. इससे चुनावों का प्रबंधन करने वाले खर्च में कटौती होगी।
लोकसभा में शीत सत्र के दौरान इतना तो तय है कि सरकार और इस प्रस्ताव के विरोधी दलों के बीच राजनीतिक तपिश बढ़ने वाली है।