लेखक- सुभाषचन्द्र
√ खरगे जी, आपकी पार्टी ने तो बड़े बड़े घोटाले किए और आप इसे कह रहे “चिल्लर काम”
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने दो दिन पहले सदन को बताया कि सीट नंबर 222 पर 500 रुपए के नोटों को बंडल मिला है। उन्होंने कहा कि सदन स्थगित होने के बाद routine anti-sabotage check up में यह पैसा मिला है।
अब जाहिर है कि सीट जब कांग्रेस के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की है तो दोष भी उन पर ही आएगा।
लेकिन कितना पैसा मिला इसका कहीं खुलासा नहीं हुआ है।
धनखड़ जी ने कहा “security officials recovered a wad of currency notes from seat number 222” – “Wad of notes” का हिन्दी में मतलब है कि नोटों का एक बंडल”।
एक बंडल में 10 पैकेट होते हैं और 500 के एक पैकेट में 50000 रुपए होते हैं और अगर एक बंडल मिला है तो उसका मतलब निकलता है वो 5 लाख रुपए थे लेकिन फिर भी बरामद हुई पूरी रकम बताई जानी चाहिए थी।
देश के सबसे बड़े वकीलों में शुमार पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री व सांसद अभिषेक मनु सिंघवी कह रहे हैं कि वो तो घर से 500 का एक नोट लेकर आते हैं, इसलिए उन्हें नहीं पता ये पैसा किसका है।धनखड़ जी ने जांच के आदेश दिए हैं लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे उबल रहे हैं कि बिना जांच हुए सांसद का नाम नहीं लेना चाहिए था। खरगे कहते हैं कि “Can he do like this? Aaisa chillar kaam krti hai aur deshj ko of barbaad kr rahe hai yeh log (BJP) – बात तो सही है, एक कांग्रेसी को बस 5 लाख मिलें, यह बात हजम नहीं होती।
कानून मंत्री रहते सिंघवी ने तो अपने प्रभाव से “ऑफ़िस की कुर्सी से महिला” को जज की कुर्सी पर ले जाने के कांड की भी जांच नहीं होने दी थी। खरगे साहब बिना जांच सिंघवी का नाम न लेने की बात कह रहे हैं लेकिन अडानी का नाम राहुल गाँधी, प्रियंका वाड्रा के साथ पूरी पार्टी गली गली लेते फिर रहे है।
“अडानी मोदी एक हैं” के नारे लगा रहे हैं, तब काँग्रेस अध्यक्ष को ख्याल नहीं आता कि प्रधानमंत्री मोदी को क्यों घसीट रहे हैं।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गाँधी के साथ सोनिया गाँधी के संबध जॉर्ज सोरोस से उजागर किये हैं भाजपा नें जो कि देश के लिए गंभीर चिंता की बात है।
खरगे साहब से यह कहना है कि ये कोई “चिल्लर काम नहीं है” ,ऐसा चिल्लर काम तो कांग्रेस ने बंगारू लक्ष्मण को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते फंसा कर किया गया था और कांग्रेस राज में तो बड़े बड़े कांड हुए हैं।
खरगे साहब को स्मरण होना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी ने 22 जुलाई, 2008 को “कैश फॉर वोट” कांड किया था और 1993 में सांसदों No Confidence motion के दौरान रिश्वत दी गई जिसमें आपके तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को 3 साल के कठोर कारावास की सजा भी हुई थी लेकिन जमानत पर छूट गए थे – ये सब मामले कोई “चिल्लर काम” नहीं थे –
खरगे साहब और याद कीजिए एक बड़ा कांड जैन हवाला डायरी मामला जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी ने सबसे पहले त्यागपत्र दिया था और कहा था कि जब तक बेदाग़ साबित नहीं हो जाता, लोकसभा में कदम नहीं रखूंगा, उस डायरी में नरसिम्हाराव के नाम भी साढ़े 3 करोड़ लिखे गए थे – आडवाणी को देख कर Sharad Yadav, Yashwant Sinha and seven other ministers of the ruling Congress party also stepped down from office. Former governors Shiv Shankar and Motilal Vora ने भी त्यागपत्र दिया था –
यह जैन डायरी हवाला कांड से पहले जब कांग्रेस के नेता रोज रोज नरसिम्हा राव की नाक में दम करते थे, तब राव ने कहा था कि मुझे जितना चाहो परेशान कर लो लेकिन एक दिन मैं तुम सबके मुंह पर ऐसी कालिख पोत दूंगा जिसे तुम जिंदगी भर धोते रहोगे – ऐसा कहते हैं यह बात उन्होंने कामनाथ को कही थी –
अभिषेक मनु सिंघवी कोई दूध का धुला नहीं है जो लगातार केजरीवाल के मुक़दमे लड़ रहा है और लोगों को आभास है उसने सुप्रीम कोर्ट में अपनी setting के सहारे उसे और उसके साथियों को जमानत दिलाई है – एक सूचना के अनुसार अकेले केजरीवाल के केस लड़ने के लिए सिंघवी को 18 – 20 करोड़ की कमाई हुई है –
अब उसकी सीट पर नोटों का (के) बंडल किसने रखे और क्यों रखे, इसका खुलासा तो जांच के बाद ही होगा – परंतु खरगे साहब इसे “चिल्लर काम” मत समझो – आपके गृह राज्य का मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी तो जमीन घोटाले में फंसे हैं – वो “चिल्लर मामला” नहीं है

(लेखक उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और यह उनके निजी मत हैं)