लेखक- योगेश कुमार जोशी
जियो पॉलिटिक्स और भारतीय कूटनीति की जबरदस्त विजय गाथा लिखने वाले इन त्रिमूर्ति ने अभी हाल ही में एक जबरदस्त कारनामे को अंजाम देते हुए अमेरिका सहित डीप स्टेट के कस बल ढीले करते हुए उन्हें झुकने पर मंजूर कर लिया है।
डीप स्टेट की पुसी (बिल्ली) का सामना भारतीय शेरो से था।
प्रकरण था निखिल गुप्ता का ….
कुछ याद आया ..?
वही RAW वाले ….
यूं समझिए कि …
भारतीय कूटनीति/Diplomacy की बहुत बड़ी जीत हुई है।
निखिल गुप्ता ?
हां, वही R&AW का एजेंट निखिल गुप्ता जिसे अमेरिका ने भारत की मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की झूठे मर्डर केस में फंसाकर चेक रिपब्लिक से प्रत्यर्पण करके अपने देश लाया था और इसके एवज़ में वह भारत को ब्लैकमेल कर रहा था।
अचानक कुछ हुआ और….
उसको अमेरिका ने सभी आरोपों से बरी करके भारत भेज दिया है।
इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधुनिक भारत के चाणक्य विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ज़िम्मा सौंपा था।
कुछ ही दिनों पहले एस.जयशंकर चुपचाप अनाधिकारिक दौरे पर अमेरिका जाते हैं, फिर वहां के विदेश मंत्री एंटनी व्लिंकन के साथ बंद दरवाजे में बातचीत होती है, और फिर उस बैठक को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन को बुलाया जाता है। तकरीबन 2 घंटों तक चले इस बातचीत के बाद, एस.जयशंकर जी अपने होटल चले गए।
अगले दिन एस. जयशंकर जी भारत के लिए फ्लाइट पकड़ते हैं और दुसरी फ्लाइट में निखिल गुप्ता भारत के लिए उड़ान भरते है।
इसके साथ ही,
अमेरिका मुंबई में 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भी अमेरिका, भारत को प्रत्यर्पण करने के लिए भी राजी हो गया है।
कुछ काम गुप्त तरीके से होता है, और वह काम जब अंजाम तक पहुंच जाता है तब दुनिया जानती है कि वर्तमान वैश्विक भु-राजनीति में भारतीय कूटनीति का कोई तोड़ नहीं है।
कुल मिलाकर जबसे मोदी सरकार केंद्रीय सत्ता में आई है तब से वैश्विक नीति में भारत की भूमिका बलशाली देश की बनती जा रही है और प्रधानमंत्री मोदी विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं।
(लेखक इंटरनेशनल पॉलिटिक्स के ज्ञाता हैं)