लेखक- शनीस आर्य
पहला और दूसरा विश्व युद्ध इसीलिए हुआ था क्योकी पूरे दुनिया ने मिल कर जर्मनी को दीवाल की तरफ लगा दिया था।
वो न लड़ता तो क्या करता। इतने प्रतिबंद लगाए की जर्मन एक एक ब्रेड देखने को तरस गए थे।
मुल्क बर्बाद हो गया था। जर्मन की खूबसूरत महिलाएं कोड़ीओ के दाम बिस्तर पर परोसे जाने लगी थी। गरीबी भुखमरी क्या न कराए। भूखे मरते परिवार बचाने के लिए देश की महिलाएं आगे आयी। UK पर दूसरे मुल्कों ने उस महिलाओं की खूब नोच खसोट की ।
अमेरिका और UK जैसे देश जर्मनी से जलते थे। उसकी तरक्की उनको पसन्द नही थी। पर जब कि इस दुनिया मे सब को तरक्की करने का हक है। कोई भी गैरतमंद कौम ऐसे हालातो में गुस्सा होगी। बदले की भावना से से लड़ेगी ही।
हम हिन्दू ही है जो हमारे महिलाओ पर हुए अत्याचार भूल गए। 2 दीनार में अफ़ग़ानिस्तान में हमारे बहन बेटियो का सौदा हुआ । हमे कोई फर्क नही पड़ता सेक्युलरिज्म का धतूरा पी कर सोए हुए है। खेर अपनी छोड़ो हम तो है ही गुलाम मानसिकता वाले लोग।
पर जर्मन जिंदा कॉम थी । उन्हीने तय किया हम बदला लेंगे । हम तो डूबेंगे सनम दुनिया को भी ले डूबेंगे।
बेतहासा दबाये गये देश की जनता जाग गयी। हिटलर जैसे नायक को खड़ा किया और यूरोप की ईंट से ईंट बजा दी। सिर्फ अमेरिका बच गया क्योकी दूर था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप की हालत अफ्रीका से भी बदतर होती अगर अमेरिका ने मदद न कि होती ।
अब आप कहेंगे आज इसकी चर्चा क्यो ?
तो में कहना चाहूंगा कि आज दुनिया वही आ खड़ी है जहां से सब शुरू हुआ था।
दूसरा विश्व युद्ध खत्म होते ही दुनिया फिर 2 गुट में बट गयी। जर्मनी की दिवाल टूटी तब अमेरिका और उसके साथी देशों ने USSR के साथ एक करार किया जिसमें ये तय हुआ कि USA NATO को आगे नहीं बढ़ाएगा । पर USSR को वेस्टर्न कंट्री ने साजिश कर के बर्बाद कर दिया। 90 का दशक आते आते USSR टूट गया 15 मुल्क अलग हुए। और रूस समेत सभी देशों में भयंकर गरीबी फैल गयी।
जब भी बर्बादी आती है ज्यादा सफर महिलाएं ही करती है । रसिया ओर USSR के टूटे मुल्क की खूबसूरत महिलाएं दुनिया की चमड़ा बाजरो की शान बनी । रसियन खून के आंसू रो रहे थे। अमिरिकन उनका मजाक उड़ाते थे। रसियन कड़वे घुट पीते रहे पीते रहे। वो सही समय के इंतजार में थे।
USSR टूटा तब एक करार हुआ था कि नाटो का विस्तार नही होगा और USSR के सदस्य देशों में बिल्कुल भी नही। USSR के सदस्य देशों को भी अलग होते वक्त लिखवा लिया गया है कि फादर लेंड रसिया के खिलाफ गए तो पापा 2 – 4 लगाने का हक रखते है।
1990 से रसिया कमजोर था। अमेरिका मनमानी करते चला गया । नाटो को आगे लाते चला गया। रसिया बिनती करते रहे चलो 90% दुनिया तुम्हारी मुझे सिर्फ 10% दे दो में खुश रहूंगा। पर अमेरिका मान ही नही रहा था। उंगली करते रहा।
जैसे भगवान कृष्ण ने कहा था हो सके तो आधा दो नही तो पांच गांव दे दो पर दुर्योधन नहीं माना ।
आखिर पुतिन साहब का धैर्य जवाब दे गया। सब से पहले अपने से अलग हुए देशों को ठोका । गलत करोगे तो पापा मारेगे ही।
अमेरिका किसी का सगा नही। USSR के अलग हुए राष्ट्र भी उसके लिए रसियन ही है। भले ही बर्बाद हो जाये।
1990 के बाद रसिया को पुतिन नामक नायक मिला। जिसने रसिया को वो पुराना प्राइड पुरानी ग्लोरी लौटाई है। रसियन उसके पीछे डट कर खड़े है। दिल्ही में भी आज भी रसियन लडकिया अपना जिस्म बेचती मिल जाती है। पर पुतिन साहब के आने के बाद ये कम हुआ है। वरना पहले उनकी स्थिति बहुत खराब थी। बंधुआ मजदूर की तरह उनको रखते थे हर देश में। पुतिन साहब ने हर देश के एम्बिसी को सूचना दी कि इन महिलाओं के पीछे खड़े रहे कोई उनका शोषण न कर पाए ।
पुतिन साहब एक कट्टर राष्ट्र भक्त नेता है। वो अपने देश को टूट ते हुए देख चुके है। उन्होंने अपने देश की लड़कियों को कौड़ी के दाम बिकते देखी है। वो कोम हम जैसी बेगरत नही जो भूल जाये।
पुतिन साहब को जो जानते नही वही उनको अंडर एस्टीमेट करेगे। वो ईश्वर द्वारा भेजा गया नायक है। रसियन उसके लिए जान दे देंगे।
रसियन पुराना हिसाब चूकते करने निकले है। वो हिटलर ओर जर्मन से ज्यादा तबाही मचाएंगे । रसिया को जर्मनी की तरह दीवाल की तरफ लगाया जा रहा है। जर्मन की तरह रसियन भी जाग गए है । शायद कोई चमत्कार ही ये सब रोक सकेगा।
बहुत कुछ है जो बदलने वाला है।
आज कुछ लोग पागल जेलेंस्की का पक्ष ले रहे है।
वो लोग खुद जेलेंस्की जैसे है अपना यूक्रेन खो चुके है पर मान नहीं रहे की उनसे गलती हुई है ।
वो चाहते है कि भारत भी यूक्रेन की पदचिह्न पर चल के बर्बाद हो ओर उनका लिया हुआ निर्णय सही साबित हो ।
भले ही देश दाने दाने को मोहताज हो जाए।
इगो इतना बड़ा भी नहीं होना चाहिए ।
(लेखक प्रसिद्ध ब्लॉगर हैं)