★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{जयपुर में जबरदस्त सांप्रदायिक तनाव, दंगाईयों ने पुलिस को दौड़ाकर पीटा,9 पुलिसकर्मी जख़्मी,5 दंगाई अरेस्ट}
[ख़ास समुदाय के लोग दिल्ली हाइवे कर रहे थे जाम,हरिद्वार जा रही कावड़ियों से भरी बस पर किया पथराव जिस पर दो समुदायों के आमने सामने आने से भड़का दंगा]
(दंगा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस ने किया फ़्लैग मार्च और दोंनो समुदायों के बीच प्रशासन ने कराई शांति बैठक)
[बीजेपी नेताओं ने जयपुर कमिश्नर से मुलाकात कर साम्प्रदायिक दंगों को लेकर सौंपा ज्ञापन की कड़ी कार्रवाई करने की मांग]
♂÷राजस्थान की राजधानी जयपुर इन दिनों जबरदस्त तनाव के घेरे में है। यहां इंटरनेट सेवाएं बंद है, धारा 144 लगा दी गई है और हर आदमी खौफ़जदा है
इसकी वजह बेहद मामूली है। दरअसल एक मामूली सड़क दुर्घटना के बाद खास मजहब के लोग सड़क जाम कर रहे थे। इस दौरान वहां हरिद्वार जा रही कांवड़ियों से भरी बस आ गई। जिसपर सड़क जाम कर रहे मजहबी असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरु कर दिया।
यह घटना सामने आने पर दूसरे धर्म के लोग भी सामने आ गए। उन्होंने भी जवाब देना शुरू कर दिया जिसमें दोनों ही पक्षों के दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए।
पुलिस ने जब मामला सुलझाने के लिए स्थितियों को नियंत्रित करने की कोशिश की तो उसके उपर भी हमला कर दिया गया इस घटना में 9 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं।
मामला ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर प्रशासन ने 10 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है और पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस घटना की शुरुआत जयपुर के गाल्टा गेट इलाके से हुई जहां खास मजहब के लोग दिल्ली हाईवे जाम करने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान वहां कांवड़ियों से भरी बस पर पथराव किया गया। जिसके बाद इस बड़े सांप्रदायिक तनाव की शुरुआत हुई। दंगाइयों ने कई गाड़ियों को नुकसान भी पहुंचाया है।
धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा को लेकर काँग्रेस की अशोक गहलौत सरकार और पुलिस का लापरवाह और गैर जिम्मेदार रवैया असामाजिक तत्वों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहा है।
धार्मिक यात्राओं एवं यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देकर सरकार को ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ ठोस से ठोस कार्रवाई करनी चाहिये।
पुलिस ने मामला संभालने के लिए अतिरिक्त फोर्स की व्यवस्था की है। इस बीच सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाते हुए तनाव भड़काने की कोशिश भी जारी है। जिसकी वजह से पुलिस ने इंटरनेट सेवा पर अस्थायी रुप से प्रतिबंध लगा दिया है।
पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले तीन लोगों की पहचान की है। यह लोग झड़प की घटनाओं को बढ़ा चढ़ाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर सरकारी कर्मचारियों के कार्यों में बाधा डालने, राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध करने और पुलिस पर हमला करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। दंगा प्रभावित क्षेत्र में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया और दोनों समुदायों के लोगों की शांति बैठक का आयोजन करवाया है।
जयपुर के गाल्टा गेट, रामगंज, सुभाष चौक, माणक चौक, ब्रह्मपुरी, कोतवाली, संजय सर्किल, नाहरगढ़,शास्त्री नगर, भट्टा बस्ती, आदर्श नगर, मोती डूंगरी, लाल कोठी, ट्रांसपोर्ट नगर और जवाहर नगर में सोमवार रात से धारा 144 अब तक जारी है।
उधर इन सांप्रदायिक दंगों को लेकर राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आज पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की है। और सांप्रदायिक दंगों को लेकर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है।
आज पुलिस कमिश्नर,जयपुर शहर से मिलकर गलता गेट की घटना के बारे में विरोध दर्ज करवाया एवं साम्प्रदायिक माहौल खराब करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की।
राजस्थान में कांग्रेस शासन के दौरान दंगाइयों के हौसले बुलंद हैं। अभी दो दिन पहले राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के शाहपुर थााना क्षेत्र में असामाजिक लोगों ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा ध्वस्त कर दी थी।
कुछ ही दिनों पहले राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता की बुरी तरह पिटाई कर दी गई थी। उसके पिता ने आरोप लगाया था कि पीड़ित धारा 370 के हटाए जाने का जश्न मना रहा था, जिसके विरोध में धर्मांध लोगों ने उसकी पिटाई कर दी।