★मुकेश शर्मा★
★भोपाल★
{पुलिस से लेकर वन विभाग तक है खनन माफिया से भयभीत}
[मंत्री ओपीएस भदौरिया, भजपा नेता केपी सिंह एवं पूर्व मंत्री एंदल सिंह कंषाना के समर्थक कर रहे हैं अवैध खनन]
(हाईकोर्ट के अधिवक्ता अशोक सिंह भदौरिया ने कहा कि केपी सिंह आर्थिक माफिया है, सभी नेताओं को चुनाव के वक्त देता है चंदा और निकालता है अपना काम)
♂÷मध्यप्रदेश का चंबल संभाग यूं तो डकैतों के लिये कुख्यात रहा है , परन्तु आजकल सफेद पोश खद्दरधारी भी डकैतों से कम नहीं हैं? सरकारी संरक्षण प्राप्त उक्त डकैत आजकल संभाग की जीवन दायनी चंबल और सिंध दोनों नदियों को गिद्ध की तरह नोंच रहे हैं? प्रदेश के चंबल संभाग में खनन के अवैध कारोबार को लेकर आईपीएस सहित कई सरकारी अधिकारी,कर्मचारी एवं आम आदमी असमय काल कवलित होचुके हैं । रेत के अवैध उत्खनन को लेकर हाल ही की तीन बड़ी खबरें हैं जिनमें मुरैना पुलिस अधीक्षक का स्थानांतरण, मुरैना में महिला वन अधिकारी को थाने के हवलदार द्वारा एफआईआर की दी गई धमकी या फिर खबर वनविभाग के सेंवढ़ा अनुविभाग के रेंजर ने मुख्य वन संरक्षक सीसीएफ को पत्र लिखकर स्वयं की जान को खतरा बताना। रेंजर सेवढ़ा रेंजर पिछले दिनों भरसूला गोराघाट थाना क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन को रोकने के लिये गये थे।
यहां रेत माफिया केपी सिंह भदौरिया के समर्थको ने बंदूक अड़ाकर जान से मारने और रेत में गाढ़ने तक की धमकी दे डाली। जब इस बात की शिकायत इंचार्ज डीएफओ से की। तो रेंजर का उल्टा डांट डपट सुननी पड़ी। इस घटना के बाद रेंजर बुरी तरह से डरे सहमे हुए है। वह वन विभाग की नौकरी छोड़ना चाहते हैं। वह जान की सुरक्षा की भीख मांग भी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है दतिया जिले में रेत का कारोबार भिण्ड जिले के भाजपा नेता केपी सिंह भदौरिया करते हैं, और भिण्ड में मंत्री ओपीएस के समर्थक तथा मुरैना में पूर्व मंत्री एंदल सिंह कंषाना के संरक्षण में यह अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा है।यहां आपको बतादें कि भिण्ड और दतिया जिलों में रेत खनन का ठेका है पर चंबल नदी में कोई ठेका नहीं है।
दतिया के इंचार्ज डीएफओ अभिनव पल्लव द्वारा वन परिक्षेत्र भरसूला में अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए आदेशित किया गया। इस आदेश का पालन करने और कार्रवाई को अंजाम देने के लिए सेंवढ़ा रेंजर चंद्रशेखर श्रोत्रिय गोराघाट पुलिस से संपर्क किया। गोराघाट पुलिस ने रुचि नहीं दिखाई। रेंजर से कहा कि एसपी के आदेश पर ही कार्रवाई हो सकेगी। इस बात की जानकारी रेंजर श्रोत्रिय ने डीएफओ पल्लव को दी। डीएफओ ने कहा कि मुझे पता नहीं कार्रवाई चाहिए। इसके बाद बुधवार की शाम को रेंजर श्रोत्रिय भरसुला वन परिक्षेत्र पहुंचे। यहां 8 से 10 टैक्टर और ट्रॉली में अवैध रेत भरी जा रही थी। इसे देखकर रेंजर ने खाली करने को कहा। इसी समय बंदूकधारियों ने रेंजर को घेर लिया। रेंजर के साथ गाली गलौज की। हालांकि ट्रैक्टर चालक वाहन राजसात होने के डर से रेत खाली करके भाग गए। लेकिन रेत माफिया के बंदूकधारियों ने रेंजर पर बंदूक तान दी और कहा कि अभी गोली मारकर खत्म कर दूंगा। उसके बाद रेत की इस खदान में दबाकर चला जाऊंगा। परिवार को पता भी नहीं चलेगा। यह बात सुनकर रेंजर श्रोत्रिय बहुत भयभीत हो गए। वो जैसे तैसे इन लोगों के बीच से निकले और उन्होंने सीधे डीएफओ को फोन किया। रेंजर का आरोप है कि डीएफओ ने कहा कि मुझे कुछ पता नहीं। रेत का खनन बंद होना चाहिए। चाहे पुलिस का सपोर्ट लो या स्वयं के स्तर पर करो अन्यथा रेत के अवैध उत्खनन में आपको लिप्त मानते हुए विभागीय जांच शुरू कर दूंगा। रेंजर का कहना है कि मुझे आशा थी कि आप बीती सुनाने के बाद पुलिस गार्ड आत्मरक्षा के लिए मिल जाएगा। यहां उल्टी डांट सहनी पड़ी। इसके बाद रेंजर ने डीएफओ के नाम पत्र लिख दिया।
डीएफओ की डांट के बाद रेंजर ने लिखा त्यागपत्र
रेंजर श्रोत्रिय ने अपना त्यागपत्र सीसीएफ ग्वालियर को भेज दिया है जानकारी लेने के लिये सभी वरिष्ठ अधिकारियों को फोन लगाए पर किसी का मोबाइल रिसीव नहीं हुआ। त्यागपत्र में रेंजर द्वारा प्रभारी वरिष्ठ अधिकारियों पर सहयोग करने के बजाये प्रताडि़त करने का गंभीर आरोप लगाया है। पत्र में लिखा है कि जिले के रेत उत्खनन ठेकेदार केपी सिंह भदौरिया द्वारा स्वीकृत सर्वे नम्बरों के अलावा वन क्षेत्र से उत्खनन करा रहे हैं। वन परिक्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिये पुलिस और राजस्व अधिकारियों का सहयोग नहीं मिला। रेत ठेकेदार भदौरिया की वन परिक्षेत्र भरसूला में कोई स्वीेकृत खदान नहीं है। परन्तु वहां पर पिछले एक माह से रेत का उत्खनन जारी है। यहां रोके जाने पर मुझे जान से मारे जाने की धमकी दी है।
मैंने कहा था कि पुलिस बल लेकर जायें-डीएफओ
इस पूरे मामले में डीएफओ अभिनव पल्लव का कहना है कि मैंने रेंजर से कहा था कि पुलिस बल लेकर ही जायें। मैंने रेंजर को अवैध उत्खनन रोकने के लिये कार्यवाही के लिये बोला था। इसके लिये मैंने एक पत्र दतिया एसपी को भी लिखा था। जिसमें अवैध उत्खनन रोकने के लिये पुलिस बल दिये जाने की मांग की थी। रेंजर ने इस्तीफा क्यों दिया? मुझे नहीं पता। नहीं मैंने इस्तीफा देखा नहीं है, मेरा लक्ष्य अवैध उत्खनन रोकना है और इसीलिये मैंने रेंजर को निर्देशित किया था।बहर-हाल शिवराज सरकार पर अवैध खनन के जो आरोप लग रहे हैं बो कतई गलत नहीं है देखते हैं भाजपा आलाकमान निरीह जीवों एवं आम आदमी की और कब नजर करेगा?
इस संदर्भ में मध्यप्रदेश उच्चन्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के अधिवक्ता एवं प्रदेश महासचिव किसान कमेटी काँग्रेस अशोक सिंह भदौरिया का कहना है कि के पी सिंह आर्थिक माफ़िया है, इनका कोई ईमान है न ही कोई पार्टी।के पी सिंह का सबकुछ पैसा है और वह चुनाव के समय सभी नेताओं को चंदा देता है और अपना काम चलाता है।