★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{सोमवार को तहरीक-ए-लब्बैक प्रमुख साद रिज़वी की गिरफ्तारी के बाद हजारों कट्टरपंथियों ने सड़को पर उतरकर किया हिंसक झड़प,3 की मौत के बाद 10 पुलिकर्मी भी हुए हैं ज़ख्मी}
[साद रिज़वी ने सरकार से कहा था कि वह 20 अप्रैल से पहले फ़्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से करे निष्कासित,फ़रवरी में सरकार ने किया था वादा]
(इमरान सरकार का कहना है कि वह सिर्फ़ संसद में इस विषय पर चर्चा करने के लिए है प्रतिबद्ध,प्रधानमंत्री इमरान खान भी इस मुद्दे पर बोलने से कर रहे परहेज़, कहीं कट्टरपंथी अधिक उग्र न हो जाये)
♂÷तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख साद रिज़वी की गिरफ्तारी के बाद देश के अनेक हिस्सों में हिंसक झड़पों की शुरुआत हो गई है। हजारों की संख्या में कट्टरपंथियों ने राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे लाइनों को अवरुद्ध कर दिया है,कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़पों में मंगलवार को दो प्रदर्शनकारियों और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और स्थानीय मीडिया ने दी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गुलाम मोहम्मद डोगर ने बताया कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख साद रिज़वी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उनके समर्थकों के साथ रात में हुई झड़पों में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि लाहौर के पास शाहदरा कस्बे में झड़पों में 10 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।
पंजाब प्रांत में दो लोगों के मारे जाने की सूचना है।रिज़वी ने धमकी दी थी कि अगर सरकार पैगंबर मोहम्मद का चित्र प्रकाशित किये जाने को लेकर फ्रांस के राजदूत को निष्कासित नहीं करती है, तो प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे।इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और गत सोमवार को हिंसा शुरू हो गई।
डोगर के मुताबिक, रिज़वी की गिरफ्तारी कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई थी, लेकिन रिज़वी को हिरासत में लेने के बाद उनके इस्लामवादी समर्थकों ने देश के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन किए. प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में राजमार्गों और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया।
झड़पों से दो दिन पहले रिज़वी ने एक बयान में प्रधानमंत्री इमरान खान नीत सरकार से कहा था कि वह 20 अप्रैल से पहले फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए उनकी पार्टी से फरवरी में किए गए वादे का सम्मान करे। हालांकि,सरकार का कहना है कि वह सिर्फ संसद में इस विषय पर चर्चा करने के लिए प्रतिबद्ध है। रिजवी के समर्थकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया और पार्टी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।दिलचस्प बात तो ये है कि प्रधानमंत्री इमरान खान भी इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं कट्टरपंथी और उग्र ना हो जाएं।
गिरफ्तारी के खिलाफ रिज़वी के समर्थकों की प्रतिक्रिया इतनी त्वारित थी कि पुलिस लाहौर में मुख्य राजमार्ग और सड़कों को खुलवा नहीं सकी है हजारों लोग अपनी गाड़ियों के साथ फंसे हुए हैं, झड़पों की शुरुआत सोमवार को सबसे पहले लाहौर में हुई। इसके बाद रिज़वी के समर्थकों की झड़प सिंध प्रांत के कराची शहर में पुलिस से हुई। उन्होंने इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में भी प्रदर्शन किए हैं, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
रिजवी के पिता खादिम हुसैन रिजवी के आकस्मिक निधन के बाद साद रिजवी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान पार्टी का नेता बन गया था।रिजवी के समर्थक, देश के ईशनिंदा कानून को रद्द नहीं करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं।
पार्टी चाहती है कि सरकार फ्रांस के सामान का बहिष्कार करे और फरवरी में रिजवी की पार्टी के साथ हस्ताक्षरित करारनामे के तहत फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाले।