★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{स्टर्लिंग बायोटेक कम्पनी के प्रमोटर्स नितिन,चेतन व दीप्ति सन्देसरा भाग चुके है छोड़ कर देश,सरकार भी घोषित कर चुकी है भगोड़ा}
[सन्देसरा बन्धुओ से अहमद पटेल परिवार के सम्बन्धों की चल रही है जाँच, पटेल के बेटे व दामाद पर कस रहा शिकंजा]
(बेटे फैसल पटेल के बयान को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत किया है दर्ज़, दामाद इरफान सिद्दीकी पर भी केस है दर्ज़)
♂÷गुजरात की फार्मा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक (Sterling Biotech) के लोन घोटाले मामले में कांग्रेस के सबसे रसूखदार नेताओं में से एक और सोनिया गांधी के सलाहकार, करीबी अहमद पटेल का परिवार मुसीबत में फंस गया है।
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के बाद अब कांग्रेस के रसूखदार नेता अहमद पटेल के परिवार पर सीबीआई और ईडी का शिकंजा कसता दिख रहा है।
पहले दामाद और अब बेटे से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की टीम ने पूछताछ की। केंद्रीय जांच एजेंसियां लोन घोटाला करने वाली गुजरात की फॉर्मा सेक्टर की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के संचालकों से अहमद पटेल के बेटे और दामाद के संबंधों की जांच कर रही है।
अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल के बयान को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट(PMLA) के तहत ईडी ने दर्ज किया है। आरोप है कि बेटे फैसल और दामाद इरफान सिद्दीकी ने स्टर्लिंग बायोटेक घोटाले की धनराशि का इस्तेमामल मनी लॉन्ड्रिंग में किया।इरफान सिद्दीकी वकील हैं. उनकी शादी अहमद पटेल की बेटी मुमताज से हुई है।
गुजरात में फॉर्मा क्षेत्र की इस कंपनी का संचालन वड़ोदरा का संदेसरा घराना करता है। आरोप है कि फॉर्मा कंपनी के प्रमोटर संदेसरा बंधुओं नितिन और चेतन तथा दीप्ति संदेसरा ने 14,500 करोड़ रुपये का बैंक लोन फ्रॉड किया फिर पकड़े जाने की डर से देश छोड़कर भाग गए, सरकार उन्हें भगोड़ा घोषित कर चुकी है। गुजरात के संदेसरा बंधु अपनी शानोशौकत के लिए भी जाने जाते थे।घर पर बॉलीवुड हस्तियों के साथ उनकी पार्टी सुर्खियों में रहती थी।दरअसल, कारोबार बढ़ाने की बात कहकर संदेसरा बंधुओं ने स्टर्लिंग बायोटेक के नाम पर 5383 करोड़ का लोन लिया था।
यह लोन आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह ने दिया था। मगर उन्होंने जानबूझकर इसे नहीं चुकाया, बैंकों की शिकायत पर आखिरकार सीबीआई ने अक्टूबर 2017 में फार्मा कंपनी के प्रमोटर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।
सीबीआई ने तब दर्ज एफआईआर में कहा था, “एक भरोसेमंद स्रोत से सूचना मिली है कि स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, इसके निदेशक और अन्य लोगों ने मिलकर गलत नीयत के साथ आंध्रा बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैकों को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रची। वहीं ईडी ने जांच में पाया कि स्टर्लिंग बायोटेक ने बैंकों से कर्ज लेने के लिए अपनी प्रमुख कंपनियों की बैलेंस शीट में आंकड़ों की हेराफेरी की। कर्ज लेने के बाद उन्होंने पैसे को विभिन्न शेल कंपनियों के जरिए उन कार्यों लगा दिया, जिसके लिए लोन लिया ही नहीं गया था।
ईडी अब तक तीन बार अहमद पटेल के बेटे से पूछताछ कर चुकी है बताया जा रहा है कि स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़ीं लोन आदि धोखाधड़ियों की कीमत 14 हजार 500 करोड़ रुपये है।
दरअसल ईडी ने जब लोन घोटाले और धोखाधड़ियों की जांच शुरू की तो शक कांग्रेस नेता अहमद पटेल के बेटे और दामाद पर भी गया।स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी से जुड़े लोगों और संदेसरा बंधुओं के करीबियों से पूछताछ में पटेल परिवार को हिस्सा जाने की बात सामने आई। कहा गया कि धोखाधड़ी से हासिल धनराशि का कुछ हिस्सा अहमद पटेल के बेटे और दामाद पर खर्च हुआ।
वहीं संदेसरा समूह के एक कर्मचारी सुनील यादव ने जांच एजेंसियों को दिए बयान में कहा था कि संदेसरा समूह के निदेशक चेतन संदेसरा के नई दिल्ली स्थित पुष्पांजलि फॉर्म हाउस पर अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दीकी का आना-जाना था चेतन कथित तौर पर इरफान सिद्दीकी को नकदी सौंपते थे। कर्मचारी ने अहमद पटेल के बेटे की भी संदेसरा बंधुओं से नजदीकी की बात कही थी। जिसके बाद से जांच एजेंसियों की शक की सुई अहमद पटेल परिवार की तरफ मुड़ गई।
स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी चलाने वाले संदेसरा बंधुओं के ठिकानों पर वर्ष 2011 में सीबीआई ने छापेमारी की थी। इस दौरान बरामद एक डायरी में नेताओं, अफसरों और अन्य रसूखदारों को धनराशि दिए जाने की बातें कोड वर्ड में लिखी हुई थी।यह मामला खासा चर्चित रहा है इसी डायरी में सीबीआई के अफसर राकेश अस्थाना का भी कथित तौर पर नाम सामने आया था।पिछले साल सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद में भी इस डायरी की चर्चा हुई थी।