
♂÷एक तरफ़ जहाँ सारे एग्जिट पोल केन्द्र में दुबारा दोहरे कार्यकाल के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार की जोरदार वापसी के सँकेत देकर मोदी-बीजेपी के कट्टर समर्थकों में हर्ष के समन्दर लहरा दिए है तो वहीं बीजेपी मोदी के कट्टर राजनैतिक विरोधी के तमगे से नवाज़े जाने वाले अल्पसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिमों में पुनः आ रही मोदी सरकार को लेकर मनोमस्तिष्क में अनजाने से डर व्याप्त होने लगे हैं जिसका सबूत ये है कि तमाम मुसलमानो ने अपने बयानात में कहा कि केंद्र में मोदी व सूबे में योगी दोनो की छवि कट्टर हिन्दू व मुस्लिम विरोधी की रही है।
उत्तर प्रदेश के नोएडा से सटे।एक साधारण गांव नया बांसगांव के मुसलमानों का कहना है कि वे उस समय को याद करते हैं जब उनके बच्चे हिंदुओं के साथ-साथ खेला करते थे और एक दूसरे के साथ मिलकर तीज त्योहार मनाते थे। इकट्टे वहां जाते थे और एक दूसरे की दूकान से खरीददारी किया करते थे।
किन्तु अब अधिकांश मुसलमानों का कहना है कि अब पिछले जैसा सामाजिक व साम्प्रदायिक सद्भाव व्यवहार नहीं रहा है, क्योंकि 2-3 वर्षों में दोनों समुदायों के बीच बड़ा ध्रुवीकरण हो चुका है और इनमें से कुछ भयभीत भी हैं ऐसी स्थिति में रहना कठिन सा है इसलिए वे यहां से जाने की सोच रहे हैं।
मुसलमानों ने एक संवाद समिति से कहा कि उनका विचार है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा यहां आम चुनावों में दूसरी बार जीत गई तो तनाव और बढ़ सकते है।
मालूम हो कि रविवार को जारी किए गए लगभग सभी एग्जिट पोल के पूर्व अनुमान में मोदी सरकार को फिर एक बार सत्ता में आता दिखाया गया है मतगणना गुरुवार को होनी है शाम तक सारी तस्वीरें साफ़ हो जाएगी कि मोदी यस या नो।

डबलरोटी और तंबाकू बेचने वाले एक दूकानदार गुलफाम अली ने कहा कि शुरू में स्थिति बहुत अच्छी थी,अच्छे और बुरे समय में हिंदू और मुसलमान साथ रहते थे, शादी-विवाह हो या फ़िर मय्यत के मौके दोनों साथ साथ रहते थे। अब स्थिति ऐसी है कि एक गांव में रहते हुए हम और वो अपने अपने ढंग से रह रहे हैं। मोदी 2014 में सत्ता में आए और 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में सत्ता सम्भाल ली, तब पहला संदेश मिला कि राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ कट्टरवादी हिंदू व वरिष्ठ भाजपा नेता है।
अली ने आगे बताया कि मोदी और योगी दोनों मिलकर काम कर रहे हैं,उनका मुख्य एजेंडा हिंदू और मुसलमानों को बांटना है इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था।
अली ने कहा कि हम गांव छोडऩा चाहते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा कर नहीं सकते,पिछले 2 वर्षों में एक दर्जन मुस्लिम परिवारों ने गांव से पलायन कर लिया जिसमें मेरे चाचाजान भी शामिल हैं। फिलहाल भाजपा ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी नीतियों से समुदाय में विभाजन होता हैं बल्कि वो धर्मनिरपेक्ष राजनीति व साम्प्रदायिक सद्भाव में पूरी तरह से निष्ठा रखते हुए सबका साथ-सबका विकास के मूल मंत्र पर काम करते है।
पिछले वर्ष के अंत में नया बांस गांव में एक गांव ऐसा था जहां गेहूं के खेत हुआ करते थे। संकरी सीमेंट की गलियां थीं, जिनमें बैलगाडिय़ां दौड़ती थीं और गायें घूमती थीं। वह अब भारत के सबसे विभाजित गांव का प्रतीक बन गया है। क्षेत्र के कुछ हिंदुओं ने शिकायत की कि उन्होंने मुसलमानों के एक ग्रुप को गाय काटते हुए देखा है। गाय हिंदुओं के लिए पूजनीय है।
क्रोधित हिंदुओं ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह इस अवैध कटान को रोकने में विफल रही है और उग्र हिंदुओ की भीड़ ने हाईवे जाम किया और पथराव कर वाहनों को जला दिया था।
जिसमें 2 व्यक्तियों की हत्या भी हो गयी थी उसमे एक पुलिस अफसर भी था। 5 महीने के वक़्त बीतने के बाद भी बहुत से मुसलमानों ने कहा कि उनके जख्म अभी भी भरे नहीं हैं।
कुल मिलाकर देश मे मोदी प्रदेश में योगी सरकार को अब और अधिक सख्ती से शासन-प्रशासन और सरकार चलाने पड़ेंगे की उनके ऊपर मुस्लिम समुदाय के विरोधी नही बल्कि साथी होने के अहसास से इस वर्ग को बखूबी भरोसा दिलाये जा सके।