★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★

{बाबरी मस्जिद के पक्षकार अंसारी ने स्थानीय मुस्लिम नेताओं के साथ मांग की है कि मस्जिद के लिए अधिग्रहित भूमि में से मिलेगी 5 एकड़ तो लेंगे अन्यथा ठुकरा देंगे ज़मीन}
[अंसारी ने कहा कि अयोध्या में कोई विवाद नही है,हिन्दू मस्जिद बनाने में तो मुस्लिम मन्दिर बनाने में करें सहयोग]
♂÷सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सम्मान करने की बात करते करते अब बाबरी मस्जिद पक्षकार व मुस्लिम समुदाय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सरकार को आदेश दिए गए कि उनको 5 एकड़ जमीन कहीं अन्य स्थान पर दिया जाए मस्जिद बनाने के लिए के आदेश पर अब कह रहे हैं कि 5 एकड़ ज़मीन उसी 67 एकड़ अधिग्रहित भूमि में से मिलनी चाहिए।
अयोध्या मामले में मुख्य याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी ने कुछ स्थानीय मुस्लिम नेताओं के साथ मिलकर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत मस्जिद के निर्माण के लिए आवंटित की जाने वाली पांच एकड़ जमीन अयोध्या में अधिग्रहित 67 एकड़ जमीन में से ही दी जाए। केंद्र सरकार ने 1991 में विवादित स्थल समेत यह 67 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी।
अंसारी ने कहा, ‘अगर वे हमें जमीन देना चाहते हैं, तो हमें हमारी सुविधा के मुताबिक दी जानी चाहिए और वह 67 एकड़ अधिग्रहित जमीन में से ही होनी चाहिए,तब हम यह लेंगे अन्यथा हम इस पेशकश को ठुकरा देंगे क्योंकि लोग कह रहे हैं चौदह कोस से बाहर जाओ और वहां मस्जिद बनाओ, यह उचित नहीं है।
बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अगर मनमाफिक 5 एकड़ जमीन चिन्हित होकर मिलेगी तो हम जरूर लेंगे।उन्होंने कहा कि सरकार और कोर्ट ने 5 एकड़ जमीन देने के लिए कहा है, लेकिन अभी तक मुझे कोई प्रस्ताव तो मिला नहीं है।
अयोध्या को लेकर पूछे गए सवाल पर इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में कोई विवाद नहीं है,हिंदू और मुसलमान एक हैं हिंदू मस्जिद बनाने में सहयोग करें और मुस्लिम मंदिर बनाने में। हम कहां पीछे हटने वाले हैं हमें किसी से परहेज नहीं है।
स्थानीय मौलवी, मौलाना जलाल अशरफ ने कहा कि मुसलमान मस्जिद बनाने के लिये खुद जमीन खरीद सकते हैं और उसके लिये सरकार पर निर्भर नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘अदालत या सरकार हमारी संवेदनाओं को कुछ हद तक शांत करना चाहती है तो पांच एकड़ जमीन अधिग्रहित इलाके में ही मिलनी चाहिए क्योंकि कई कब्रिस्तान और दरगाह इसी इलाके में आते हैं।
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के महासचिव खलिक अहमद खान ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त किए। मुस्लिम पक्ष की तरफ से एक अन्य याचिकाकर्ता हाजी महबूब ने कहा, ‘सरकार को निश्चित रूप से यह स्पष्ट करना चाहिए कि वो हमें कहां जमीन देना चाहते हैं।
अयोध्या नगर निगम में पार्षद हाजी असद अहमद ने कहा, ‘अगर अदालत या सरकार मस्जिद के लिए जमीन देना चाहती है तो उन्हें इसे अधिग्रहित 67 एकड़ जमीन में से ही देना चाहिए, अन्यथा हमें दान नहीं चाहिए।