★मुकेश शर्मा★
★भोपाल★
{प्रशासनिक अमले पर नहीं है पकड़, जिलाधीश व शासन के आदेशों का नहीं हो रहा है पालन}
♂÷प्रदेश के भिण्ड जिले के गोहद विकास खण्ड के एसडीएमसुभम शर्मा इन दिनों अपनी अजीबोगरीब कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में हैं। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है,अब तक देश मे 2 लाख से ऊपर इंसानों की जान जा चुकी हैं करोड़ लोग से ऊपर इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।ऐसे में दिन प्रतिदिन कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से शासन और प्रशासन के हाथ पैर फूल रहे हैं। बड़े बड़े हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन एवं रेमडेसीविर इंजेक्शन की किल्लत से हाहाकार मचा हुआ है। राज्य व केंद्र सरकार लगातार भीड़भाड़ वाले आयोजन न करने की अपील कर रही है।
वहीँ दूसरी तरफ गोहद विकास खण्ड के अनुभवहीन एसडीएम इस महामारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। एसडीएम द्वारा अपने अनुभाग के एकमात्र अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहद में इस महामारी से निपटने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं कराए गए हैं। यहां मरीज को जरा सी भी तकलीफ होने पर ग्वालियर एवं जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है। इसके अलावा नगर पालिका परिषद की कई फाइलें एसडीएम कार्यालय में धूल खाती हुई मिल जाएंगी एसडीएम नगर पालिका परिषद के प्रशासक भी हैं। सूत्रों की माने तो यह फाइलें बजन के इंतजार में एसडीएम की टेबल पर धूल खाती हुई फिर रही हैं? कोरोना महामारी के प्रथम चरण में तत्कालीन एसडीएम आरए प्रजापति व नगर पालिका सीएमओ सैयद रिहान अली जैदी ने फील्ड पर उतरकर जनता के बीच जाकर हर गली मोहल्ले को सैनेटाइजेशन कराया एवं फोगिंग मशीन से रोजाना नगर की गलियों में फोगिंग कराई थी। इसके अलावा जरूरतमंदों को घर-घर राशन पहुंचाया गया था। कोरोना संक्रमित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन बना कर जरूरत मंदों का ख्याल रखा गया था। परन्तु वर्तमान एसडीएम शुभम शर्मा एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी रामप्रकाश जगनेरिया ए सी केबिन में बैठकर केवल कागजों में कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं। जो वर्तमान परिस्थितियों को देखकर संभव नहीं लग रहा है। अगर एसडीएम का यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं जब गोहद अनुभाग कोरोना का हॉट स्पॉट बन जाएगा। जनचर्चा है कि एसडीएम का पूरा ध्यान नगरपालिका की मलाईदार प्रशासक की कुर्सी पर केंद्रित है?
अनुभाग के मुखिया के द्वारा कई व्यवस्थाओं की अनदेखी की जा रही है जिनमें
नगर में प्राइवेट अवैध सब्जी मंडी को अनदेखा कर संचालित कराना।
केशव पार्क के बगल में प्रस्तावित सब्जी मंडी की फाइल को दबाकर रखना।
एसडीएम के निकलने वाले रास्ते में कई झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकानें सजाए मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हुए नजर आते हैं। इन झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिकों पर धड़ल्ले से लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ होते देखा जा सकता है। इन डॉक्टरों के पंजीयन जातक चेक नहीं किये गए।
अधिकारी व कर्मचारियों को मुख्यालय पर रुकने के भिण्ड कलेक्टर के आदेश का जानबूझकर पालन न कराना
ग्वालियर से अप डाउन करने वाले अधिकांश लोगों का कोरोना पोजिटिव निकलना जिनमें कोर्ट, तहसील व अन्य विभाग सम्मिलित हैं। फिर भी आप-डाउन करने वालों को खुली छूट देरखी है।
गोहद अनुभाग में एकमात्र शासकीय अस्पताल होने के बावजूद भी अस्पताल में कोविट वार्ड व कोविट सेन्टर का न होना ना ही इसके लिए कोई प्रयास करना। वैसे तो इस अस्पताल में कोई व्यवस्थाएं नहीं है। दूसरी ओर यहां पर पदस्थ डॉक्टरों का रवैया व व्यवहार मरीजों के प्रति अच्छा नहीं है।
नगर मैं कोरोना संक्रमित मरीजों का खुलेआम घूमना। इन मरीजों की देखरेख के लिए लगाई गई कर्मचारियों की ड्यूटी का पालन न होना,
नगर पालिका परिषद में लगभग 400 से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी हैं जिनमें से अधिकांश ग्वालियर भिंड से अप डाउन कर नौकरी करते हैं जिसमें नगर पालिका के मुखिया सीएमओ रामप्रकाश जगनेरिया भी शामिल हैं। इन 400 कर्मचारियों में कई कर्मचारियों को खांसी, जुकाम और कोरोना जैसे सिम्टम्स होने के बावजूद भी उनकी पीसीआर जांच ना कराना।
नगर के किसी भी वार्ड मैं कोरोना महामारी से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन एवं मच्छरों के प्रकोप से बचाने के लिए फॉगिंग मशीन से फॉगिंग न कराना।
मध्यप्रदेश शासन एवं केंद्र सरकार के द्वारा 3 माह व 2 माह का खाद्यान्न निशुल्क प्रदाय किया जाना है। जिसमें कई कंट्रोल संचालक फूड अधिकारी से सांठगांठ कर घालमेल कर रहे हैं इस ओर ध्यान न देना। जैसे कि फरवरी माह से जून माह के खाद्यान्न में कंट्रोल संचालकों के द्वारा गेहूं के स्थान पर केवल ज्वार वितरित करना। लोगों की शिकायत के बाद भी उन्हें गेहूं नहीं दिया गया।
अनुभाग में एकमात्र अस्पताल होने के बावजूद भी कोरोना सिम्टम्स वाले रोगियों की सैंपलिंग न होना सैंपल के लिए जाने वाले मरीजों से सैंपल लेने से मना करना।
अनुभाग में एसडीएम एवं नगर पालिका सीएमओ अपने ए.सी. चैम्बरों से बाहर नहीं निकलते। नगर में क्या हो रहा है क्या नहीं हो रहा उन्हें कुछ नहीं पता पिछले दिनों प्राइवेट सब्जी मंडी की जानकारी लेने पर एसडीएम अपने कार्यालय के पास की सब्जी मंडी भी नहीं बता पाए।
गोहद का पूरा अनुभाग केवल पुलिस प्रशासन के भरोसे छोड़ दिया गया है कहां क्या हो रहा है कहां क्या नहीं हो रहा है। राजस्व विभाग, नगरी प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को कोई जानकारी नहीं।
इनका कहना है
अप्रैल व मई माह का खाद्यान्न लेने में कंट्रोल पर गया तो मुझे एक किलो चावल एवं चार किलो ज्वार प्रति व्यक्ति माह के हिसाब से राशन दिया गया। इसी प्रकार अन्य हितग्राहियों को भी ज्वार दी गई, गेहूं नहीं दिया गया। फरवरी माह से कंट्रोल पर ज्वार दी जा रही है।
अमित खान दिव्यांग व वीपीएल कार्डधारक नगरवासी गोहद
आज में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहद में कोविड का सेम्पल देने गया था लेकिन मेरा सेम्पल लेने से मना कर दिया कहा गया यहाँ कोविड सेम्पल लेना बंद कर दिया है,कहा गया ऊपर से आदेश आया है।
कल्पित जैन स्थानीय निवासी गोहद
जिलाधीश के आदेशानुसार कोई भी अधिकारी व कर्मचारी अप डाउन नहीं करेगा परंतु अधिकारी व कर्मचारियों का ग्वालियर से निरंतर अपडाउन किया जा रहा है जिससे संक्रमण होने की आशंका अधिक है मैंने अप डाउन रोकने के लिए एसडीएम महोदय से बात की थी। लेकिन अभी तक उस पर एसडीएम ने कोई कार्यवाही नही की उधर कोविड पॉजिटिव मरीज व उनके परिजन खुलेआम बाजार में घूम रहे है उस पर प्रशासन का ध्यान नही है। जिससे संक्रमण फैलने का भय व्याप्त है। अस्पताल का स्टाफ लोगो को ग़ुमराह कर कोविड सेम्पल लेने से मना कर रहा है जो कि गलत है। गोहद के नागरिकों की सुरक्षा पहला हमारा कर्तव्य है।
विवेक जैन अध्यक्ष भाजपा नगर मंडल गोहद
गोहद में आज 12-13 आरटीपीसीआर टेस्ट हुए हैं अपना इतना ही टार्गेट है। इसके अलावा जो लोग आते हैं उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट करते है। जिससे 15 मिनट में रिपोर्ट आ जाती है। कल किट खत्म हो गई थी इसलिए जांच नहीं हो पाई आज किट आ गई है जांच चालू है। कोविट वार्ड जिले में है इसके अलावा और कहीं नहीं है।
शुभम शर्मा एसडीएम गोहद
एसडीएम काम नहीं कर रहे है मैं दिखवा लूंगा।
डॉ सतीश कुमार एस भिण्ड कलेक्टर