★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{पूर्व काँग्रेस अध्यक्ष गाँधी ने कहा कि काँग्रेस की मध्यप्रदेश,अरुणाचल प्रदेश की सरकार गिरने के बावजूद भी मीडिया चुप था}
[राहुल ने कहा कि हमारे पास ऐसे क़ानून होने चाहिए जो विधायकों को स्थानांतरित करने की अनुमति न दे]
(उधर जम्मू में काँग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जम्मू और कश्मीर राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए संसद के बाहर व अंदर हमारी लड़ाई रहेगी जारी)
♂÷‘कांग्रेस को आगामी चुनावों में सिर्फ 10-15 सीटें नहीं, बल्कि 2/3 की बहुमत से जीतना चाहिए क्योंकि बीजेपी लोगों को खरीदती है।’काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड सांसद राहुल गाँधी ने आज शनिवार को थुथुकुडी के वीओसी कॉलेज में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि ‘कांग्रेस सरकार के मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में गिरने के बावजूद मीडिया चुप था’।

काँग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘BJP-RSS के संस्थानों में प्रवेश’ का दावा करते हुए कहा कि ‘अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो भी यह एक बड़ी चुनौती होगी’। बता दें कि तमिलनाडु में 6 अप्रैल को चुनाव होने हैं, जिसके परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएंगे जिसके चलते चुनावी राज्यों में नेताओँ के द्वारा दौरा करने व पार्टी के कील काँटे दुरुस्त करने शुरू कर दिए हैं।
उन्होंने कहा- “हमारे पास ऐसे कानून होने चाहिए जो विधायकों को स्थानांतरित करने की अनुमति न दें, लेकिन उससे पहले हमें एक कामकाजी संसद की जरूरत है, हमें एक न्यायपालिका की आवश्यकता है जिसमें आरएसएस और बीजेपी नहीं घुसती, एक प्रेस जो इस मुद्दे को उठाता है। आप दलबदल के खिलाफ मजबूत कानून बना सकते हैं, आप उन्हें अयोग्य ठहरा सकते हैं, लेकिन याद रखें कि उसे करने के लिए आपको संसद की जरूरत होगी। आपको अभी संसद नहीं मिलेगी। इस विचार को लागू करने के लिए भी, हमें संस्थागत ढांचे की आवश्यकता है, हमारे पास वह नहीं है।”
सांसद ने आगे कहा, “जब हम सत्ता में आएंगे तो क्या होगा? सभी संस्थानों में पूरी पैठ है। हमें 15 साल के जजों से निपटना होगा, जिन्हें न्यायपालिका में रखा गया है क्योंकि वे एक राजनीतिक दल का समर्थन करते हैं। आगे बढ़ने वाले देश के लिए ये एक बड़ी चुनौती होगी।”
बता दें कि कांग्रेस ने हाल ही में 6 विधायकों के पद छोड़ने के बाद पुडुचेरी में अपनी सरकार गवां दी। पुदुचेरी के अलावा, कांग्रेस पहले ही कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड में भी दलबदल के चक्कर में अपनी सरकार गंवा चुकी है।
मदुरै में जल्लीकट्टू कार्यक्रम में भाग लेने के बाद, राहुल गांधी राज्य के चुनावों से पहले चुनाव प्रचार करने के लिए तमिलनाडु लौट आए हैं। तमिलनाडु के अलावा, उन्होंने कई बार केरल, पुदुचेरी का दौरा किया है जिस दौरान उन्होंने अपने वर्तमान निर्वाचन क्षेत्र वायनाड की तुलना उत्तर प्रदेश से करते हुए दावा किया कि ‘उन्हें उत्तर से ज्यादा दक्षिण पसंद है’।
जबकि गांधी ने असम का दौरा किया है, उन्होंने बंगाल को नजरअंदाज कर दिया जहां कांग्रेस ने वाम दलों के साथ गठबंधन किया है ताकी केरल को नाराज ना करे जहां उसका सामना वामपंथियों से है। वही तमिलनाडु की बात करें तो, कांग्रेस और उसके सहयोगी द्रमुक का सामना AIADMK-BJP के साथ-साथ कमल हासन की MNM और बाकी स्थानीय दलों के साथ है।
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने DMK और PMK के साथ चुनाव लड़ने के लिए 54 सीटों की मांग की है।
उधर जम्मू में काँग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा में नेता विपक्ष रहे गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, ‘राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई रहेगी जारी’