★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★

[ट्वीट के लिए गिरफ्तारी की क्या वज़ह, रिहा किया जाए तुरन्त पत्रकार कहा उच्चतम न्यायालय ने]
{मुख्यमंत्री योगी के ऊपर अपने ट्विटर हैण्डल पर पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया ने की थी एक महिला की वीडियो अपलोड कर अभद्र टिप्पणी}

[सोमवार को प्रशांत समेत न्यूज़ चैनल के एमडी समेत तीन की गिरफ्तारी की थी यूपी पुलिस ने]
♂÷उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी प्रशांत कनौजिया को रिहा किया जाएगा। गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्रकार को तुरंत रिहा किया जाए। कोर्ट ने यूपी पुलिस से पूछा है कि ट्वीट के लिए गिरफ्तारी की क्या ज़रूरत थी। कार्रवाई अपनी जगह है, लेकिन गिरफ्तारी क्यों की गई?

इतना ही नहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब मौलिक अधिकार का हनन हो तो हम आंख बंद नहीं रख सकते। हम ये नहीं कह सकते कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाए। इससे पहले यूपी सरकार ने कहा था कि पत्रकार को गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया है। अगर याचिकाकर्ता को इसके बाद कुछ कहना है तो उसे हाईकोर्ट जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पत्रकार कनौजिया की पत्नी जिगीशा अरोड़ा की तरफ से दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि ये गिरफ्तारी अवैध और असंवैधानिक है। गौरतलब है कि कनौजिया ने ट्विटर और फेसबुक पर वीडियो साझा किया था जिसमें एक महिला मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर विभिन्न मीडिया संगठनों के संवाददाताओं के समक्ष यह दावा करती दिख रही है कि उसने आदित्यनाथ को शादी का प्रस्ताव भेजा है।