★मुकेश शर्मा★
★ग्वालियर(मध्यप्रदेश)★
{रिटायर्ड डीएसपी अशोक भदौरिया एवं बिज़नेसमैन सुरेश भदौरिया के भाई हैं राजीव भदौरिया(गुड्डू)}
[राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के है समधी राजीव भदौरिया,उठाते है बड़े नामों का अनुचित लाभ]
(लोन तक कि बड़ी रकम पचा जाने वाले दो बार कम्पनी के नाम बदलते हुए 5.83 लाख से कीमत बढ़ाते हुए कर दिए 14.75 लाख)
{12 साल से फ़्लैट का पजेशन न मिलने से लोग पुलिस व कोर्ट में भी करा चुके हैं शिकायत दर्ज किन्तु प्रभावशाली परिवार-रिश्तेदारों के आगे सरकार-पुलिस भी बनी असहाय}
♂÷भिण्ड जिले में अटेर तहसील से किशूपुरा गांव के दौलतमंद एवं ताकतवर परिवार के पुत्र ने अपने पिता की साख पर दाग लगा दिया है। ग्वालियर न्यू कलैक्ट्रेट के पीछे झांसी रोड़ पर ग्राम रमौआ स्थित डीपीएस स्कूल के सामने “बसन्तकुंज”के नाम से मल्टी तैयार करने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए लेकर डकार चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि 2006 के प्रोजैक्ट में दो बार कंपनी का नाम बदल चुके बिल्डर भदौरिया और पार्टनर दाऊ ने अब इस कंपनी का नाम साईं इन्फ्रास्ट्रक्चर रखा है।
5,83000/- से बढा़कर अब मल्टी के फ्लैटों की कीमत 14,75000/-तक कर दी है। जिससे इनकी बेईमानी साफ नजर आती है और हद तो तब हो गई जब कुछ माह पूर्व इन भदौरिया बिल्डर्स ने अपना आयकर भवन के सामने ग्लोबल अपार्टमेंट वाला कार्यालय भी बंद कर दिया।इसने 2014-15 के दौरान एक अखबार मालिक को भी अपना दलाल बनाया था, जिसका ऑफिस गुड्डू (राजीव)भदौरिया के कब्जाए फ्लैट जीडीए बिलिडिंग सिटी सेंटर में था उसने भी फर्जी तरीके से करोड़ों की धोखाधड़ी कर लोगों को चूना लगा चुका है और उस रकम को अपनी बीवी बच्चों के नाम से बैंक डिपॉजिट फिक्स कर चुका है,लोग आज भी अपनी रकम वापसी के लिये इसके लधेड़ी जगनापुरा स्थित निवास पर चक्कर लगा रहे हैं !
जानकारी मिली है कि जिस पार्टी का लगभग दो करोड़ रुपया प्रभा होटल से उठाया था वो लोग अब हरियांणा के एक रसूखदार नेता और शातिर किलर के साथ दो आलीशान वाहनों से इनकी पुरजोर तलाश में जुटे हुए हैं।
एक अन्य जानकारी के अनुसार ये दलाल अखबार मालिक जमीनों का कारोबारी होने के साथ-साथ भदौरिया का नजदीकी होने के कारणं डबरा, भितरवार, जलालपुर, गोपालपुरा में फर्जी तरीके से तहसीलदार एवं पटवारी से मिलकर करोड़ों की जमीन का पट्टा कराकर उस पर लिये गए लोन को भी डकार चुके हैं !
सूत्र बताते हैं कि 12 साल में पजेशन न मिल पाने की वजह से कुछ लोग न्यायालय की शरणं ले चुके हैं तो कुछ लोगों ने सिरौल थाने में आवेदन भी दिये हैं !
ज्ञात हो कि प्रतिष्ठित समाचार पत्र दैनिक भास्कर के डीबी स्टार ने 16/6/2015 को बसंतकुंज के बिल्डरों की कारगुजारियों को प्रमुखता से छापा था।
लोगों का करोड़ों रुपये डकार चुके गुड्डू (राजीव ) भदौरिया के बड़े भाई अशोक भदौरिया हैं जो पुलिस महकमें के डीएसपी पद से रिटायर हैं इन्हें लोग फर्जी एन्काउन्टर स्पेशलिस्ट भी कहते हैं क्यों कि इनके कार्यकाल के दौरान इन पर फर्जी एन्काउन्टर करने के आरोप भी लगते रहे हैं जो जांच योग्य हैं।इनके सबसे बड़े भाई सुरेश भदौरिया जो कि इंदौर स्थित अमलताश होटल एवं उज्जैन की महाकाल डिस्लरी के साथ अन्य कई उद्धोगों के मालिक हैं उनकी इज्जत पर भी बट्टा लगा रहे हैं !
रकम वापसी के लिये चक्कर लगा रहे लोगों का कहना है कि सुरेश भदौरिया चाहें तो दो माह में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग तैयार कराकर पजेशन दे सकते हैं परंतु इन दौनों भाईयों के काले कारनामों और खराब नीयत की वजह से वो इनकी मदद नहीं करते है।
गुड्डू (राजीव) भदौरिया पर चेक बाउंन्स के भी कई मामले चल रहे हैं लेकिन नाम के साथ बडे़ भाई रि.डीएसपी अशोक एवं उद्धोगपति सुरेश भदौरिया का नाम जुड़ने के कारणं पुलिसिया कार्यवाही उठाकर ताक पर रख दी गयी है और सरकार-पुलिस के हाथ काँपने लगते है समुचित धाराओं के तहत कार्रवाई करने के नाम पर।
अब सवाल ये है कि सेवानिवृत्त डीएसपी अशोक भदौरिया एवं उद्धोगपति सुरेश भदौरिया के छोटे भाई गुड्डू(राजीव) भदौरिया उन गरीब लोगों का पैसा कैसे वापिस करेंगे,कब वापिस करेगे ये बड़ा सवाल है जिन गरीबों नें छोटा सा घर अपना हो सके इस ख़्वाब को सच करने के लिये इनकी बसंतकुंज नाम की मल्टी स्टोरी में इनवैस्ट किया था।
अब आलम ये है कि अशोक भदौरिया, राजीव (गुड्डू ) भदौरिया के समधी गोविन्द सिंह राजपूत कमलनाथ सरकार के कैविनेट मंत्री बन चुके हैं वो भी राजस्व एवं परिवहन महकमे के ! ये तो भदौरिया ब्रदर्स के लिये सोने पर सुहागा वाली बात हो गई इसलिये अब सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का वाली कहावत चरितार्थ हो गई ! अब कोई इनका क्या कर लेगा,कानून घर का , शासन का मंत्री घर का है अब किसी का पैसा वापस नहीं देंगे तो नहीं देंगे फिर कोई बेईमान कहे तो क्या फर्क पड़ता है .?
निर्माणांधीन मल्टी विवादित होने की वजह से लोगों ने रकम वापस मांगना शुरू कर दिया था लेकिन हालात ये हैं कि लोगों के कॉल रिसीव होना बंद हो गए हैं और शकुंतलापुरी स्थित निवास पर भी इनसे मुलाका सम्भव नहीं है।