★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना का प्लान B अगर सम्माजनक सीटे नही देगी बीजेपी तो अकेले चुनावी समर में उतरेगी पार्टी}
[2014 के चुनाव में बीजेपी से मिले झटके को यादकर कमर कस रही भगवा पार्टी,रविवार को मातोश्री में 288 सीटों पर सम्भावित उम्मीदवारों के लिए गए इन्टरव्यू]
(मुख्यमंत्री फडणवीस के जनादेश यात्रा के जवाब में शिवसेना अपने युवानेता आदित्य ठाकरे को भी राजनीतिक यात्रा के जरिये प्रोजेक्ट कर रही आगामी सीएम)

♂÷आगामी दिनों में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी राजनैतिक दल जुट गये हैं। भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन मे बराबर’ की भूमिका निभाने का लक्ष्य रखने वाली पार्टी शिवसेना अगर मनमुताबिक सीट समझौते में नही मिलती तो प्लान बी पर भी काम कर रही है।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा यानी सीट शेयरिंग की बातचीत विफल हो जाती है तो शिवसेना प्लान बी अपनाएगी और चुनाव में अकेले उतरने की चुनावी रणनीति पर पुख़्ता योजना बना रही है।
बताया जा रहा है कि रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसके संकेत दे दिए हैं।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को अपने आवास मातोश्री पर पार्टी सासंदों, विधायकों, विभाग प्रमुखों के साथ बैठक की और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी 288 सीटों के लिए टिकट पाने के इच्छुक उम्मीदवारों के साथ साक्षात्कार किये गए और चुनावी तैयारियों की समीक्षा भी की गयी।
बैठक में शामिल शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा, “उद्धवजी ने सभी क्षेत्रों के लिए चुनाव की योजना पर चर्चा की, क्योंकि हम अभी इलेक्शन मोड में हैं हमेशा की तरह, हमें किसी भी परिस्थितियों के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। पिछली बार 2014 के चुनाव में हम तैयार नहीं थे, लेकिन जरूरत के अनुसार इस बार हम बेहतर तरीके से तैयार हैं। ”
मालूम हो कि महाराष्ट्र की देवेंद्र सरकार की प्रमुख साझेदार शिवसेना भाजपा के साथ 50-50 सीट-बंटवारे के फार्मूले पर जोर दे रही है।
युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर चुनाव में जाएगी। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने आजतक किसी के साथ धोखा नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो ऐलान किया था, उसी के साथ जाएंगे।
विदित हो कि शिवसेना अपनी राजनीतिक यात्रा के दौर में अब तक ठाकरे परिवार से कोई भी न तो कभी कोई चुनाव लड़ा है न ही किसी संवैधानिक पद पर रहा है बल्कि सत्ता का रिमोट मातोश्री से ही चलाया जाता रहा है किंतु पहली बार देखा जा रहा है कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस जहाँ जनादेश यात्रा के दौरान दमदारी से ख़ुद को दुबारा सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री बनने की बात दुहरा रहे हैं तो वही जवाब में शिवसेना भी अपने युवा चेहरे आदित्य ठाकरे को राजनीतिक यात्रा पर निकाल कर साफ़ सन्देश दे रही है कि शिवसेना की तरफ़ से मुख्यमंत्री यहीं होंगे।
कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की आचार संहिता दो-चार दिन में चुनाव आयोग लागू करने वाला है और एसेम्बली इलेक्शन पार्टियों के सर पर सवार होने जा रहे हैं। ऐसे में अभी तक प्रमुख सत्ताधारी दल बीजेपी शिवसेना के बीच सीटों के समझौते न हो पाने से बीजेपी शिवसेना की एक दूसरे की ताक़त तौलने व झुकाने की नीति से पोलिटिकल पिक्चर में जबरदस्त थ्रिलर पैदा हो गया है।
इतना तो तय है गठबन्धन हुआ तो भारी जीत मिलने में दो राय नही हो सकती क्योंकि अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर एनआरसी को लागू करवाने के मुद्दे को बीजेपी जहाँ छाती ठोक कर राष्ट्रवादी राजनीति के घोड़े पर सवार हो सरपट भागना चाहेंगी तो वही इसका लाभ साझेदारों को भी मिलना निश्चित होगा क्योंकि बीजेपी के पास मोदी शाह की अजेय व भीमकाय कद वाले नेता व नेतृत्व है जबकि विपक्षी दलों के पास वर्तमान में इनके मुकाबिल दूर दूर तक कोई भी टक्कर लेता नही दिख रहा है।