★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{राजद नेताओं ने निर्विरोध चुना लालू यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष,पार्टी कार्यालय पहुँच तेजस्वी,तेजप्रताप ने किया नामांकन व घोषणा}
[परिवार में सत्ता संघर्ष रोकने के लिए लालू ने तेजस्वी, तेजप्रताप मीसा भारती की जगह ख़ुद सम्भाली पार्टी की कमान]
(लालू बिहार के मुख्यमंत्री होने के साथ केंद्र में रह चुके हैं रेलमंत्री, घोटाले के आरोप में बन्द है जेल में)
♂÷भारत की राजनीति में देखा जाता है कि तमाम राजनीतिक दलों के मुखिया ने अपनी पार्टियों की बागडोर बेटों को दी, मगर लालू प्रसाद यादव इस बात में विश्वास नहीं रखते, तभी तो जेल में रहते हुए भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिर से लालू प्रसाद यादव ही हुए है।मंगलवार को बेटों ने पिता के लिये नामांकन किया और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव निर्विरोध चुन लिए जाते हैं क्योंकि उनके सामने किसी ने भी नामांकन ही नही किया। इस बात पर विरोधियों ने ख़ूब मखौल उड़ाया। लालू प्रसाद यादव ने न तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और न ही पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप पर भरोसा किया यहां तक कि अपनी राज्यसभा सदस्य पुत्री मीसा भारती को भी उन्होंने इस लायक नहीं माना।
मालूम हो कि वर्ष 1997 में जनता दल से अलग होकर लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय जनता दल नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। इस दल के सर्वेसर्वा लालू प्रसाद यादव बिहार के कई बार मुख्यमंत्री रहे ही और वह केंद्र में भी रेलमंत्री जैसा भारी भरकम मंत्रालय सम्भाल चुके हैं। इस दल ने राज्य के साथ केन्द्र में भी बड़ी भूमिका निभाई थी। 2015 में लालू यादव ने नीतिश कुमार से हाथ मिलाकर बीजेपी को बिहार में सत्ता से दूर किया।गठबंधन टूटा तो लालू की पार्टी मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में आ गई और इस दौरान लालू प्रसाद चारा घोटाले में जेल चले गए।
अब जब फिर से संगठनात्मक चुनाव का वक़्त आया तो चर्चा जोरों से चली कि विधायक दल का नेता होने के नाते तेजस्वी यादव को राजद का अध्यक्ष चुना जाएगा मगर मंगलवार को जब बात नामांकन की आई तो लालू के दोनों बेटे तेज़ प्रताप और तेजस्वी यादव ने पिता के लिये पार्टी कार्यालय पहुंच नामांकन परचा भरा और पिता के ही फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष होने की घोषणा भी कर दी।
दूसरे दलों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कमान दे रखा है।केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने भी अपने सांसद बेटे चिराग को लोकजनशक्ति पार्टी की कमान दे रखे है मगर लालू प्रसाद यादव को पार्टी और परिवार में टूट का डर सता रहा है, इस लिहाज से लालू प्रसाद यादव कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं थे।लालू प्रसाद यादव के घर के अन्दर सत्ता का महाभारत चल रहा, यह किसी से छुपा नहीं है।ऐसे में लालू प्रसाद यादव को डर है कि कहीं दोनों भाई भिड़ जाएं।उधर, लालू के हाथ से कमान गयी तो डर इस बात का भी है कि कहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक न भड़क जाएं।
इस बाबत तेजस्वी से जब ये सवाल पूछा गया तो उनके पास भी जवाब नहीं था उन्होने इस पर इतना ही कहा, मेरे पास नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी है।
इधर, विरोधियों ने लालू प्रसाद यादव के अपने पुत्र पर भरोसा नहीं करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया।जद यू और बीजेपी ने आरोप लगाया कि लालू यादव को पता है कि अगर ऐसा हुआ तो पार्टी और परिवार टूट जाएंगे सो जेल में रहते पार्टी लालू ही संभालेंगे, इनका मानना है की तेजस्वी में अब भी वो दम नहीं कि वो पार्टी चला लें।