★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{शवों को दफ़नाने के दौरान मौजूद रहे कमिश्नर,आईजी,डीएम,एसपी समेत तमाम अधिकारी व भारी पुलिस बल}
[बुधवार की सांयकाल उन्नाव ज़िले के असोहा थाना क्षेत्र अंतर्गत बबुरहा गाँव मे दो किशोरियों की संदिग्ध हाल में हुई थी मौत तो तीसरी का अस्पताल में चल रहा इलाज़]
(पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नही मिले हैं चोट के निशान,पुलिस टीम सभी पहलुओं पर कर रही जाँच,जल्द होगा खुलासा=DGP)
[काँग्रेस,सपा,भीम आर्मी समेत विपक्ष क़ानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए योगी सरकार में दलितों का उत्पीड़न व हत्या होने का लगा रहा आरोप]
♂÷उत्तर प्रदेश में उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव की दो किशोरियों जो कि रिश्ते में बुआ भतीजी लगती थी की मौत के बाद पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है तो वहीं पर विपक्षी दलों द्वारा इस घटना पर योगी सरकार पर सियासी तीर छोड़ते हुए राजनीति भी घटना के पश्चात शुरू हो गयी है।
मालूम हो कि शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों किशोरियों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों ने शवों को दफनाया है, इस दौरान आईजी, कमिश्नर, डीएम, एसपी समेत कई अधिकारी मौके पर मौजूद थे। उधर, जिला प्रशासन की तरफ से मृतकों के घर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
उधर लखनऊ में उत्तरप्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेंद्र चन्द्र अवस्थी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चोट के निशान नही मिले हैं पुलिस टीम सारे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बारीकी से जाँच कर रही,जल्द ही सच्चाई सामने आ जायेगी।
उन्होंने बताया कि बेहोश बच्ची का उपचार कानपुर में चल रहा है और डॉक्टरों ने इसे सस्पेक्टेड केस ऑफ पोइजनिंग बताया है,डॉक्टरों के एक पैनेल ने इनमे से दो मृत बच्चियों का पोस्टमार्टम किया है। इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की मृत्यु पूर्व या बाह्य चोट नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया कि विसरा को सुरक्षित करके रासायनिक विश्लेषण के लिए भेजा दिया गया है।
डीजीपी ने कहा घटनाक्रम की तफतीश के लिए फोरेंसिक एक्सपेर्ट की मदद ली जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने 6 टीमें गठित की गयी हैं। सभी संभावनाओं के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में घटना की जांच चल रही है।
विदित हो कि बीते बुधवार को सायंकाल उन्नाव जनपद के असोहा थाना क्षेत्र में पशुओं का चारा लाने गईं तीन बच्चियाँ खेत में बेहोशी की हालत मे मिली थीं।परिजनों ने इन तीनों बेहोश बच्चियों को आनन फानन में सीएचसी असोहा पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दो बच्चियों यानी बुआ भतीजी को मृत घोषित कर दिया।
तीसरी बच्ची को उपचार के लिए उन्नाव और उसके बाद कानपुर के एक अस्पताल भेजा गया है बच्ची की हालत अभी भी स्थिर बनी हुई है।डॉक्टरों के मुताबिक इन सभी बच्चियों को विषैला पदार्थ दिया गया है,मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सरकार अस्पताल में भर्ती बच्ची के इलाज में आने वाला सारा खर्च वहन करेगी।
पुलिस टीम इस घटना को प्रथम तौर पर ऑनर किलिंग फ़िर आत्महत्या या रंजिशन घटना को अंजाम देने के नजरिये से भी लेकर जाँच कर रही है क्योंकि मृतका के पिता ने एफआईआर में कहा है कि किशोरियों के गले में दुपट्टा कसा हुआ था जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर किसी भी किस्म के दाग नही थे।
कहा जा रहा है कि पोस्टमार्टम के दौरान मृतका काजल के पिता सूरजपाल ने अपने बेटे कल्लू से कहा था कि”तुमने ऐसा क्यों कर दिया”।
घटनास्थल पर भी पुलिस को कोई भी ऐसा सबूत नही मिला कि ज़हरीला पदार्थ किस वस्तु के साथ खिलाया गया है।
यूपी मानवाधिकार आयोग ने भी मृतक बुआ भतीजी के मामलें में दो सप्ताह में एसपी उन्नाव से जाँच रिपोर्ट तलब की है।
उधर बुधवार को इस हृदयविदारक घटना के सामने आते ही राजनीतीक दलों ने अपनी बाहें चढ़ानी शुरू कर योगी सरकार पर निशाना साधने में लग गयी हैं।
काँग्रेस नेता राहुल गाँधी व प्रियंका वाड्रा गाँधी ने ट्वीट के जरिये योगी सरकार में लॉ एंड ऑर्डर फेल बताते हुए कहा कि दो दलित किशोरियों की हत्या शर्मनाक व दुःखद है।
सपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर पहले ही योगी सरकार पर हमला बोलते हुए क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया था तो पूर्व सांसद व सपा नेत्री अन्नू टण्डन के नेतृत्व में मृतका के घर पर जाकर मिलते हुए कहा कि सपा उनके साथ खड़ी है।इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष ने मोबाइल फोन पर परिजनों की बात अखिलेश यादव से करवाई।
उधर भीम आर्मी के लोग गुरुवार को अस्पताल में भर्ती किशोरी व उसके परिजनों से भारी हंगामे के बीच मिले और मांग की कि किशोरी को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया जाय।