★मुकेश शर्मा★
★ग्वालियर(मध्यप्रदेश)★
{विधवा महिला के खिलाफ एक तरफा कार्यवाही से थाना प्रभारी पर लगे है सवालियां निशान}
[अनुराधा शिवहरे ने बताया कि पति के निधन के बाद परिवार के लोग सम्पत्ति हड़पने के लिए जा सकते है किसी भी हद तक]
(परिवार द्वारा मुझे मारने पीटने के घटना के बाद उल्टे मुझे ही पुलिस प्रताड़ित कर रही है शहर छोड़ने के लिए लगाया आरोप अनुराधा ने)
♂÷मध्यप्रदेश के मुरैना में विधवा महिला के खिलाफ की गई अख्तर एफआईआर की कार्यवाही से सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अतुल सिंह और बीट प्रभारी शिवानी यादव पर सवालिया निशान लगा दिया है ! दबंगों या प्रशासन में बैठे मठाधीश अफसरों के दवाब या प्रभाव में एक विधवा महिला के खिलाफ बिना उसकी जानकारी के , बिना उससे बयान लिये एक प्रतिष्ठित परिवार की उस विधवा महिला के खिलाफ की गई एफआईआर से तो यही सिद्ध होता है कि दवाब, प्रभाव या अभाव में धनबल के सहारे इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया है जो न सिर्फ मुरैना पुलिस बल्कि मध्यप्रदेश के समूचे कानून ब्यवस्था और महिलीओं के प्रति कानूनी अफसरों की संवेदन शीलता को कटघरे में खड़ा करता है और सवालिया निशान अंकित करता है .. ?
शहर के टीआईटी कॉम्प्लैक्स में रहने वाले एक प्रतिष्ठित परिवार की महिला अनुराधा शिवहरे के अनुसार उसको परिवार के लोग उसकी सम्पत्ति पर कब्जा करने की नीयत से परेशान कर घर से निकालने की धमकी देकर मारपीट तक कर रहे हैं ! जिसकी शिकायत में सिटी कोतवाली पुलिस पर आरोप लगाया गया है !
मध्यप्रदेश शासन और भारत सरकार महिला कानून को लेकर गम्भीरता दिखाते हुए प्रतिबद्ध हैं, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिये कई हैल्प लाइन नं. जारी किये गए, महिला थाने बनाए गए, कानून को मजबूती दी गई बावजूद इसके आज महिलाए कितनी सुरक्षित हैं ये बताने की जरूरत नहीं है ! इसके अलावा किसी संगठन या अन्य किसी सहयोग से अथवा स्वयं हिम्मत कर महिला अगर थाने तक पहुंचकर पुलिस के सामने अपनी पीड़ा बयां करती है तो पुलिसिया रवैया महिला के लिये प्रश्नचिन्ह बन जाता है कि वो अब कहां जाए …?
शहर के मध्य टीआईटी कॉम्प्लैक्स में निवासरत स्वर्गीय पंकज शिवहरे की पत्नी ने अपने परिवार पर आरोप लगाया है कि परिवार के कुछ सदस्य उनके पति पंकज शिवहरे के द्वारा दिये गये मान सम्मान का फायदा उठाकर उसकी सम्पत्ति पर एकाधिकार कर लिया है, पंकज के फ्लैट पर फर्जी तरीके से लौन मंजूर करा लिया है, और पंकज की पत्नी अनुराधा को मारपीट कर घर से निकालने के लिये मजबूर किया जा रहा है जिसकी शिकायत लेकर अनुराधा अपने बच्चों के साथ सिटी कोतवाली गईं थी मगर पुलिसिया रवैया अपनाते हुए पुलिस ने अनुराधा को कड़ी धूप में लगभग चार घंटे तक बिठाकर रखने के बाद भगा दिया ! जैसे तैसे पुलिस अधीक्षक कार्यालय के हस्तक्षेप से थोड़ी बहुत कागजी कार्यवाही हुई लेकिन सिटी कोतवाली में पदस्थ महिला पुलिस शिवानी यादव और थाना प्रभारी अतुल सिंह कार्यवाही करने में अक्षमता क्यों दिखा रहे हैं ये बताने या समझाने की जरूरत नहीं है।
जाहिर है दवाब या प्रभाव ही पुलिसिया जमीर को कार्यवाही करने से रोक सकता है।
और फिर टीआईटी कंम्प्लैक्स में निवासरत अनुराधा शिवहरे का परिवार मुरैना शहर के गिने चुने प्रतिष्ठित परिवारों में से है इसलिये पुलिस और प्रशासन में पहुंच रखने के चलते सम्भावित है कि परिवार के कुछ लोग अनुराधा को ठिकाने लगवा दें ? अब सवाल ये है कि मुरैना से भोपाल तक आवेदन और पिछले दो साल से कागजी कार्यवाही करने के बाद भी मामला ठण्डे बस्ते में क्यों है ? पुलिस ने आखिर दो साल में पंकज शिवहरे की मौत के मामले में और अनुराधा के आवेदनों पर क्या कार्यवाही की ? क्या पुलिस अनुराधा को इंसाफ दिला पाएगी …?
पुलिस नहीं बता रही है CCTV फुटेज !
अनुराधा ने अपने आवेदन में परिवार के सदस्यों द्वारा की गई मारपीट की घटना का वीडियो फुटेज जांच में लेने की बात कही है लेकिन पुलिस वीडियो फुटेज न लेकर उल्टे अनुराधा को ही शहर छोड़ने के लिये मजबूर कर रही है और झुंठे केस में फसाने की धमकी दे रही है ! ये बात साबित करती है कि पैसा बोलता है…
परिवार के लोग सम्पत्ति हड़पने के लिये कर रहे हैं परेशान : अनुराधा
अनुराधा शिवहरे ने जानकारी देते हुए बताया कि परिवार के लोगों ने मेरे पति पंकज शिवहरे की सम्पत्ति फर्जी तरीके से हड़पकर उस पर फर्जी लॉन मंजूर करालिया हैं जिसमें इनके रिश्तेदार बैंक अधिकारी भी शामिल हैं ! मुझे संदेह है कि मेरे पति की हत्या सम्पत्ति के लिये की गई है और मेरी हत्या कराने के प्रयास किये जा रहे हैं ! पिछले डेढ़ साल से पुलिस के चक्कर लगाकर भोपाल तक आवेदन दे चुकी हूं मगर आज तक नतीजा नहीं निकला ! मुझे आत्महत्या करने के लिये और शहर छोड़ने के लिये दवाब डालकर मजबूर किया जा रहा है !
वीडियो भी किया है वायरल…
अनुराधा शिवहरे ने अपनी fb पोस्ट पर कुछ दिन पहले एक वीडियो वायरल किया है और पोस्ट भी लिखीं हैं जिनके अनुसार मुरैना कमिश्नर एम के अग्रवाल और तत्कालीन भाजपा सांसद अशोक अर्गल और कुछ सामाजिक बंधु इनकी मदद कर रहे हैं ! मामला लगभग अस्सी लाख का है ! जाहिर है इन लोगों को मदद करने के एवज में कुछ खैरात मिली हो ! लेकिन प्रशासनिक लोगों के दवाब में फाइलें आगे नहीं बड़तीं ये सच है !
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इनका कहना है…..
अनुराधा शिवहरे के आवेदन पर प्रतिवेदन बनाकर हमने पुलिस अधीक्षक के पास भेज दिया है ! दो तीन दिन में जो भी आदेश मिलेगा उस आधार पर कार्यवाही की जाएगी ! अभी तक निर्वाचन की ब्यस्तताए थीं इसलिये कार्यवाही में विलम्ब हुआ है ! आवश्यकता पड़ी तो में स्वयं जाकर प्रतिवेदन को दिखवाऊंगी !
शिवानी यादव
सिटी कोतवाली मुरैना
