★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{सरकार का फ़्लोर मैनेजमेंट रहा सक्सेस,CAB बिल बहुमत से हुआ पास,बिल के समर्थन में 125 तो विरोध में पड़े 105 मत}
(गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे,हैं और बने रहेंगे तो कांग्रेस ने सरकार से राजहठ त्यागने की सलाह दी)
[लोकसभा में सरकार के साथ बिल का खुलेआम समर्थन करने वाली शिवसेना ने राज्यसभा में वाकआउट कर अप्रत्यक्ष की मदद बिल को पास कराने में]
(राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने धरना दे इस बिल को बताया संविधान का उल्लंघन तो असम में सेना की तैनाती के साथ कुछ जिलों में बन्द की गई इंटरनेट सेवा)
♂÷देश मे राजनीतिक पारे को चढ़ाने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में मोदी सरकार के बेहतर फ़्लोर मैनेजमेंट के चलते बहुमत से पारित हो गया है।इस बिल के पक्ष में कुल 230 वोट पड़े, जिसमें पक्ष में 125 वोट और विपक्ष में 105 वोट पड़े।
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं, उन्होंने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी कम से कम 20 फीसदी कम हुई है।
अमित शाह ने कहा कि इन प्रवासियों के पास रोजगार और शिक्षा के अधिकार नहीं थे। गृह मंत्री ने इस विधेयक के पीछे वोटबैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस संबंध में घोषणा की थी।
वहीं भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर लाया गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष को राजनीतिक हितों के बजाय राष्ट्र के हित साधने की नसीहत दी और दावा किया कि तथा इससे पूर्वोत्तर की ‘‘सांस्कृतिक पहचान’’ को कोई खतरा नहीं पहुंचेगा।
वहीं राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) को ‘‘समानता के अधिकार’’ सहित संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार बताते हुए इस बारे में सरकार को ‘‘राजहठ’’ त्यागने की सलाह दी। हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए सत्ता पक्ष ने इस विधेयक को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर लाया गया एक कदम बताया और दावा किया कि इससे पूर्वोत्तर की ‘‘सांस्कृतिक पहचान’’ को कोई खतरा नहीं पहुंचेगा।
महाराष्ट्र में एनसीपी काँग्रेस के समर्थन से सरकार चला रही शिवसेना ने जहाँ सोमवार को लोकसभा में अपने गठबंधन के साथियों के विरुद्ध जाकर बिल का समर्थन किया था तो वहीं आज राज्यसभा में शिवसेना ने वोटिंग के दौरान अपने साथियों का साथ छोड़ कर वाकआउट कर दिया।शिवसेना ने वाकआउट कर अप्रत्यक्ष तौर पर सरकार व बिल के पक्ष में ही क़दम उठाया है क्योंकि शिवसेना की छवि कट्टर हिंदुत्ववादी पार्टी की रही है।चर्चा के दौरान संजय राउत ने बीजेपी पर तंज भी कसे की जिस स्कूल में आप पढ़ते हो उस स्कूल के हम हेडमास्टर हैं।
इस बिल के विरोध में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज धरना देते हुए इसे देश के संविधान के खिलाफ बताया।
उधर नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच बिगड़ती कानून व्यवस्था को संभालने के लिए बुधवार को असम के गुवाहाटी में लगाये गये कर्फ्यू को अनिश्चिकाल के लिए बढ़ा दिया गया है और कुछ जिलों में इंटरनेट की सेवा बाधित कर दी गयी है।
कुल मिलाकर बीजेपी अपने दूसरे कार्यकाल में अपने प्रमुख चुनावी वादे को पूरा करती जा रही है और विपक्ष सरकार के सम्मुख असहाय सी नज़र आती है जबकि विपक्षी दलों के पास राज्यसभा में बहुमत है।