★मुकेश शर्मा★
★भोपाल★
{खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने कहा हमारे पास चिकित्सकों का अभाव,हम कुछ नही कर सकते}
[नोंक झोंक के बाद समाज सेवी अब्दुल हमीद ने दिया एसडीएम को ज्ञापन]
♂÷मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के मौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की
व्यवस्था की पोल स्वास्थ्य विभाग के ही बीएमओ डॉक्टर आलोक शर्मा ने खोल कर रख दी। जानकारी के अनुसार आज मौ के स्थानीय सोशल मीडिया ग्रुप पर
नगर के ही एक मरीज द्वारा वीडियो डाला गया,जिसमें मौ स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को होरही परेशानी का जिक्र था।
इस वीडियो को देखकर कुछ पत्रकार एवं समाज सेवी संस्था मानवता ईश्वर के लिए कल्याण संस्था परिषद के अध्यक्ष अब्दुल हमीद हॉस्पिटल गए और हॉस्पिटल की व्यवस्था देखी ,उपस्थित डॉक्टर से पूछा कि यहां कितने बैड हैं तो जवाब मिला एक भी नहीं दोबारा जवाब मिला कि दो बैड हैं। हमीद ने द्व डॉक्टर से फिर पूछा यहां ऑक्सीजन की व्यवस्था क्या है? तो डॉक्टर ने बताया कि ऑक्सीजन की कोई व्यवस्था नहीं है ।यह खाली सिलेंडर रखा है उसके बाद डॉक्टर से अगला सवाल किया कि यहां डॉक्टर कितने हैं? जवाब दिया एक भी नहीं मैं तो रिटायर हो चुका हूं बस सेवा कर रहा हूं। अगर कुछ कर सकते हो हॉस्पिटल के लिए तो करो।यह बात साफ-साफ डॉक्टर गोयल ने समाजसेवी अब्दुल हमीद से कही।उसके बाद समाजसेवी हमीद ने तुरंत एसडीएम शुभम शर्मा को फोन कर मौ नगर की स्वास्थ्य सेवाओं मैं सुधार लाने के लिए निवेदन किया। बात सुनते ही एसडीएम तत्काल स्वास्थ्य मौ निरीक्षण के लिए पहुंचे उनके साथ खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक शर्मा भी थे। नगर वासियों एवं समाजसेवी अब्दुल हमीद द्वारा एसडीएम को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में मौ स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाएं लगभग समाप्त होने का जिक्र किया । मौ भिण्ड जिले का सबसे बड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है जिसमें 50 बेड होने के बाद भी मरीजों को एक भी बेड उपलब्ध नहीं है तथा लाखों की आबादी को कवर करने वाले अस्पताल में दो डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं है। कोरोन महामारी के चलते जहां पूरा विश्व इस महामारी से लड़ रहा है वहीं इस स्थिति में भी स्वास्थ्य विभाग राम भरोसे चल रहा है।मानवता ईश्वर के लिए कल्याण संस्था परिषद तथा समस्त नगरवासी इस स्थिति को गंभीरता से देखते हुए आप से यह आग्रह करते हैं कि मौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन 2 स्थाई डॉक्टर एवं आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था अविलंब करें ताकि स्वास्थ्य सेवाएं वह नगर वासियों को आसानी से मिल सकें तथा इस महामारी से जनता को बचाया जा सके। ज्ञापन दिया ही जारहा था कि खण्ड चिकित्सा अधिकारी आलोक शर्मा ने बीच मे ही कह दिया कि कि न तो हमारे पास डॉक्टरों की व्यवस्था है और न कर पायेंगे। जब डॉक्टरों की व्यवस्था गोहद में ही नहीं है तो आपके यहां कहां से करें, बीएमओ आलोक शर्मा द्वारा आम जनता के बीच सरकार की पोल खोलने से एसडीएम जनता के सामने बगलें झांकते नजर आये।इस तरह डॉ आलोक शर्मा ने गोहद तहसील की नहीं बल्कि पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ा दीं। उसके बाद अब्दुल हमीद ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर भी नगर की स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने की शिकायत की। जिसके बाद से मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से अब्दुल हमीद के पास स्वास्थ्य विभाग से फोन आया कि कि आप अपनी 181पर की गई शिकायत वापस लेलो क्योंकि आपकी समस्या का हल न तो कलेक्टर कर सकते हैं और न एसडीएम।
हमीद ने भिंड जिले के आवाम से यह अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा एसडीएम के सामने यह उजागर करना कि हमारे पास व्यवस्था नहीं है ,यह साबित करता है कि हमें अपनी हिफाजत खुद ही करना पड़ेगी स्वास्थ्य विभाग या प्रशासन शासन के भरोसे अपनी जिंदगी को खतरे में ना डालें स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में शासन-प्रशासन पूर्ण तरीके से फेल हो चुका है।
