★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{पूर्व JDU नेता प्रशांत किशोर ने पटना में प्रेस कान्फ्रेंस कर नीतीश कुमार व जेडीयू पर जमकर साधा निशाना कि क्या बिहार की तरक्की हुई विशेष दर्जा मिला?}
[जेडीयू सांसद RCP सिंह ने कहा किसी की इतनी हैसियत नही की नीतीश को सर्टिफिकेट दे सके तो अजय आलोक ने कहा मानसिक रूप से अस्थिर है पीके]
(जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद स्वीकार नही करना चाहिए था ये राजनीतिक अनैतिकता है, उन्होंने एक घण्टे भी राजनीति के लिए नही दिया है)
♂÷राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार उनके साथ हैं जो नाथूराम गोडसे की विचारधारा को मानते हैं, लेकिन गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं। प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि वह पंद्रह साल की सत्ता का दावा करते हैं, लेकिन क्या बिहार में तरक्की हुई, विशेष दर्जा मिला? उन्होंने सीएम नीतीश के बिहार के विकास के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि विकास के 20 बड़े मानकों में आज भी बिहार की स्थिति साल 2005 जैसी है।29 जनवरी को जेडीयू से निष्कासित होने के बाद पटना पहुंचे प्रशांत किशोर के इन बयानों ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है, जेडीयू-बीजेपी ने पीके के इन बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
विचारधारा से समझौता करने के प्रशांत किशोर के आरोपों का जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि किसी की इतनी हैसियत नहीं की नीतीश कुमार को सर्टिफ़िकेट दे सके। नीतीश कुमार की सियासत को देश जानता है। वह कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं करते हैं।
PK के बिहार के विकास पर सवाल खड़ा करने पर जेडीयू सांसद ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद से बिहार में कितना विकास हुआ है यह देश ने देखा है। बिहार जिस हाल में था और जहां है ये किसी से छिपा हुआ नहीं है।PK के बिहार में रहने और युवाओं की फ़ौज बनाने पर आरसीपी सिंह ने कहा कि किसी के रहने न रहने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है।
इस बीच जेडीयू नेता अजय आलोक ने सबसे कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘कोई ऐसी बात तब ही करता है, जब वह मानसिक रूप से अस्थिर हो। एक तरफ वह कहते हैं कि नीतीश कुमार मेरे पिता की तरह हैं, दूसरी तरफ पिता कि जो कमियां नहीं हैं, उसके बारे में भी बता रहे हैं।
दूसरी तरफ, जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद स्वीकार नहीं करना चाहिए था. यह राजनीतिक अनैतिकता है, मैं चाहता हूं साल 2020 के चुनाव में पराजित होने वाली पार्टी में उनका भी नाम हो। अब तक एक घंटे भी उन्होंने राजनीति के लिए नहीं दिए।
प्रशांत किशोर पर कांग्रेस ने कहा कि वे एक तरफ़ नीतीश कुमार को पितातुल्य बता रहे हैं जिन्हें वो पिता कह रहे हैं उन्होंने तो अपने बॉस के कहने पर उन्हें ही पार्टी से निकाल दिया।अब जब वो जेडीयू से बाहर हो गए तो उनपर निशाना साध रहे हैं अब उन्हें बीजेपी-जेडीयू को हराने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए।
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर आरजेडी के लिए कोई विषय नहीं हैं, क्योंकि पीके एक इवेंट मेनेजर हैं,आज वो गांधी और गोडसे की बात कर रहे हैं. कल तक दोनों के साथ काम कर रहे थे. हालांकि, पीके ने जेडीयू को आईना दिखा दिया है।
