★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि घोड़ा बाज़ार बन्द होना चाहिए,डायरेक्ट टेलिकास्ट में ओपन बैलट के जरिये हो फ़्लोर टेस्ट}
[शिवसेना एनसीपी काँग्रेस ने संविधान व सत्य की बताई जीत तो बीजेपी ने कहा साबित करेंगे सदन में बहुमत]
(शरद पवार,सुप्रिया सुले ने अजित पवार से बात कर उनसे पार्टी परिवार में लौट आने की अपील की तो डिप्टी सीएम पवार ने भूपेंद्र यादव व फडणवीस से की मुलाक़ात)

♂÷महाराष्ट्र मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया कि कल शाम 5 बजे सदन में फडणवीस सरका ओपन बैलट के जरिये बहुमत साबित करे और इस कार्रवाही की लाइव टेलीकॉस्ट की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस सारे घटनाक्रम पर गहरी नाराज़गी जताते हुए कहा कि घोड़ाबाज़ार बन्द किया जाए।
उच्चतम न्यायालय के इस फ़ैसले को जहाँ शिवसेना, एनसीपी काँग्रेस ने स्वागत कर संविधान व सत्य की जीत बताया तो वहीं बीजेपी ने कहा है कि हम सदन में साबित करेंगे बहुमत।
मालूम हो कि राज्यपाल ने एनसीपी विधायक दल के नेता रहे अजित पवार के द्वारा 54 विधायकों के समर्थन पत्र देते हुए देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के पक्ष में समर्थन पत्र देने पर राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने आनन फानन में राष्ट्रपति शासन हटाने की मंजूरी केंद्र से मिलते ही फडणवीस को मुख्यमंत्री व पवार को डिप्टी सीएम पद पर शपथ दिलाई थी।जिस पर महाराष्ट्र ही नही दिल्ली तक राजनीति गरमा गई है और इस कदम के बाद शिवसेना एनसीपी कांग्रेस ने उसी दिन रात में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी थी जिसपर आज तीन जजों की बेंच में शामिल जस्टिस रमन्ना ने फडणवीस सरकार को कल शाम 5 बजे तक बहुमत साबित करने का निर्देश दे डाला।

भाजपा के सीएम देवेंद्र फड़णवीस को कल फ्लोर टेस्ट पास करना होगा, प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति होगी और वहीं शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया को देखेंगे।
उधर आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार व सुप्रिया सुले ने अजित पवार से बात करके उनको वापस लौट आने को कहा तो वहीं अजित पवार से प्रफुल्ल पटेल छगन भुजबल ने भी मुलाकात करके डिप्टी सीएम पद से इस्तीफ़ा दे वापस पार्टी परिवार में आने के लिए बात की।
आज सुबह उपमुख्यमंत्री अजित पवार नरीमन पॉइंट स्थित ट्राइडेंट होटल में पहुँचे जहां पर महाराष्ट्र बीजेपी के प्रभारी राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ठहरे हुए हैं।उसके बाद पवार अपने भाई श्रीनिवासन पवार से भी मिलने के बाद वह मुख्यमंत्री आवास वर्षा जाकर फडणवीस से भी मुलाकात किये।

इधर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने होटल में जाकर अपने विधायकों के साथ बैठक कीटो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी अपने विधायकों से मुलाकात की।
कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष व वरिष्ठ विधायक बाला साहेब थोराट को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में आज मंगलवार को महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद पर फैसले में अदालत ने कहा कि संसदीय परंपरा में कोर्ट का दखल नहीं होगा घोड़ा बाज़ार बन्द होना चाहिए। जस्टिस रमन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 27 नवंबर को शाम पांच बजे मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को बहुमत साबित करना होगा। इसका मतलब है कि कल फ्लोर टेस्ट होगा,इसका लाइव टेलिकास्ट होगा और कोई सिक्रेट बैलट नहीं होगा, यह सब ओपेन बैलट के आधार पर होगा, विधानसभा की सारी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बनाने के लिए घोड़ा बाजार बंद की जाए,प्रोटेम स्पीकर ही कराएंगे फ्लोर टेस्ट।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राजनीतिक विवाद पर फैसला देते हुए कहा कि प्रोटेम स्पीकर के पास ही सारे व्हिप भेजे जाएंगे। मालूम हो कि गवर्नर ही प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करते हैं जिसमें ज्यादातर वरिष्ठ नेता ही चुने जाते हैं।सीएम और डिप्टी का चुनाव बाद में होगा पहले प्रोटेम स्पीकर का चुनाव होगा। अदालत में रविवार से बहस चल रही थी सोमवार को सभी पक्षों के वकीलों ने अपनी दलील पेश की थी। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का पक्ष रखने के लिए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे भाजपा की तरफ से मुकुल रोहतगी, शिवसेना की तरफ से कपिल सिब्बल, अजित पवार की तरफ से मनिंदर सिंह और एनसीपी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी दलील पेश कर चुके थे।
सुप्रीम कोर्ट में रखे गए सभी पक्ष ने अपने दलीलें इस प्रकार रखी थी।
तुषार मेहता:-
उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाने के फैसले का बचाव किया,उनकी मुख्य दलीलें कुछ इस प्रकार थीं-
- राज्यपाल ने सबको मौका दिया लेकिन कोई नहीं आया
- अजित पवार ने 54 विधायकों का हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा
- राज्यपाल ने कई दिनों तक इंतजार किया, फिर सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देने का फैसला किया
- महाराष्ट्र के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका के औचित्य पर सवाल उठाया।
- याचिकाकर्ता राज्यपाल के पास 12 नवंबर के बाद गए ही नहीं
- क्या गवर्नर के फैसले को चुनौती दी जा सकती है?
- विपक्ष को चिंता है कि उनके विधायक टूट सकते हैं, अदालत को इसकी चिंता क्यों करनी चाहिए
मुकुल रोहतगी:-
उन्होंने कुछ इस तरह दलीलें पेश कीं:- - दोनों पक्षों ने वैध दस्तावेजों के आधार पर फैसला लिया
- पारिवारिक लड़ाई से अदालत को कोई लेना देना नहीं
- कर्नाटक के मामले से अलग है महाराष्ट्र
- राज्यपाल के फैसले का सम्मान होना चाहिए
- कोर्ट को विश्वास मत की तारीख में दखल नहीं देना चाहिए
- फ्लोर टेस्ट की तारीख पर फैसला अदालत में नहीं होना चाहिए
- राज्यपाल का फैसला दुर्भावना से प्रेरित नहीं
- जिन पार्टियों को अपने विधायकों के भागने के डर है उससे अदालत को क्या लेना देना
- विस्तार जवाब दाखिल करने के लिए के लिए समय चाहिए
- एनसीपी विधायकों की संख्या पर विवाद हो सकता है लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में है
- विधानसभा की बैठक में फैसला होगा, जिसकी संख्या ज्यादा होगी उसका स्पीकर होगा
मनिंदर सिंह ने दलीलें कुछ इस प्रकार रखी- - अजित पवार ही असली एनसीपी हैं
- ये मामला हाईकोर्ट जाना चाहिेए था सुप्रीम कोर्ट नहीं
- गवर्नर को दी गई चिट्ठी कानूनी रुप से बिल्कुल सही है
- चिट्ठी सौंपने के बाद की परिस्थितियों पर अदालत में बहस क्यों की जाए
कपिल सिब्बल ने मुख्य रुप से ये बातें कहीं- - राष्ट्रपति शासन सुबह 5 बजे क्यों हटाया
- सब्र से काम ले रहे राज्यपाल अचानक हड़बड़ी में क्यों आए
- आपातकाल जैसे हालत में फैसला क्यों लिया गया
- कैबिनेट बैठक के बिना फैसला आपातकाल में होता है.
- कौन सी राष्ट्रीय आपदा थी जो सुबह 8 बजे शपथ दिलाई गई
- 22 नवंबर की शाम को तीन दलों की बैठक में फैसला लिया गया तो सुबह शपथ क्यों दिलाई गई
अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क रखा:- - दोनों पक्ष राजी तो फ्लोर टेस्ट में देरी क्यों
- गोवा और कर्नाटक मामले की नजीर ली जानी चाहिए
- प्रोटेम स्पीकर बनाकर आज ही फ्लोर टेस्ट हो
- विधायकों ने नहीं कहा कि समर्थन दे रहे हैं. ये धोखा है
- वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाकर फ्लोर टेस्ट होना चाहिए
- कोर्ट चाहे तो विशेष सत्र बुलाने का आदेश दे दे