★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन ने उच्चतम न्यायालय में दलीलें दी कि कोर्ट वेद पुराण से नही चलेगा,सबूत में तो अयोध्या में मस्जिद है}
[राजीव धवन ने तीसरे दिन कोर्ट में कहा कि इमारत के भीतरी हिस्से में होती थी नमाज़ हमसे कहा जाता था कि आपको दी जाएंगी वैकल्पिक जगह]

♂÷अयोध्या राम मंदिर मामलें की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लगातार अठारवें दिन जारी है, हिन्दू पक्ष की दलील ख़त्म होनें के बाद मुस्लिम पक्ष 3 दिन से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनीं दलील पेश कर रहा है।
मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन पैरवी कर रहे हैं, राजीव धवन ने आज सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि – अयोध्या में मंदिर तो था ही नहीं, वहां मस्जिद थी और मस्जिद में लिखा था अल्लाह लेकिन साजिश के तहत वहां मूर्तियां रख दी गयी।
धवन ने आगे कहा ÷
♂1947 में दिल्ली में तोड़ी गई 30 मस्जिदों को PM नेहरू ने बनाने का आदेश दिया
♂उधर एक फैज़ाबाद के DM के के नायर थे, जो कह रहे थे कि फैज़ाबाद में मंदिर था, जिसे तोड़ा गया।
♂ बाद में नायर की फोटो इमारत में लगाई गई। साफ है कि वो हिंदुओं के पक्ष में भेदभाव कर रहे थे।
धवन की दलील :-
♂मस्ज़िद में कई जगह अल्लाह लिखा था
♂साज़िश के तहत दिसंबर 1949 में वहां मूर्तियां रख दी गईं
♂ कई लोगों ने गवाही दी है कि इमारत के भीतरी हिस्से में नमाज होती थी
हमसे कहा जाता रहा कि आपको वैकल्पिक जगह दी जाएगी। प्रस्ताव देने वाले जानते थे कि हमारा दावा मजबत है।
अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि मस्ज़िद में कई जगह अल्लाह लिखा था, साज़िश के तहत दिसंबर 1949 में वहां मूर्तियां रख दी गईं, कई लोगों ने गवाही दी है कि इमारत के भीतरी हिस्से में नमाज होती थी, हमसे कहा जाता रहा कि आपको वैकल्पिक जगह दी जाएगी। प्रस्ताव देने वाले जानते थे कि हमारा दावा मजबूत है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कल मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन ने कहा था कोर्ट वेद पुराण से नहीं चलेगा, सबूतों से चलेगा, सबूत में तो अयोध्या में मस्जिद ही है।