★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{राज्यसभा में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमे राष्ट्रवाद पर किसी का सर्टिफिकेट नही चाहिए,जिस स्कूल के आप छात्र है उस स्कूल के हम हैं हेडमास्टर}
[सोमवार को शिवसेना ने लोकसभा में बिल के समर्थन में किया था मतदान,काँग्रेस ने दी थी महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार गिराने की धमकी]

♂÷लोकसभा में पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया। इस दौरान बिल पर वोटिंग के दौरान शिवसेना ने सदन से वॉकआउट किया। वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत से जब पूछा गया कि क्या वो वोटिंग का बहिष्कार करेंगे तो उन्होंने कहा कि हां, शिवसेना वोटिंग का बहिष्कार कर रही है।मालूम हो कि लोकसभा में मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बिल पर शिवसेना ने समर्थन करते हुए बिल के पक्ष में मतदान किया था तो वहीं काँग्रेस द्वारा सख़्त नाराज़गी दिखाने व महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार पर संकट न आ जाये इसके तहत नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में शिवसेना के तेवर बदले हुए नजर आए। राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान संजय राउत ने कहा कि बिल को लेकर हमारे कई सवाल हैं। क्या इस बिल के पास होने के बाद घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे? अगर शरणार्थियों को स्वीकार करते हैं तो उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। क्या उनको मताधिकार मिलेंगे? इन सवालों को उठाने के बावजूद संजय राउत ने ये साफ नहीं किया आखिर शिवसेना का रुख इस बिल पर क्या होगा? हालांकि, बाद में वोटिंग के समय शिवसेना ने राज्यसभा में बिल पर वोटिंग के दौरान वॉकआउट किया।

इस बीच जिस तरह का रवैया शिवसेना की ओर से देखने को मिल रहा है, उसमें पार्टी बिल को लेकर कई सवाल जरूर उठाती नजर आई लेकिन इस बात की चर्चा रही कि शिवसेना बिल पर वोटिंग के दौरान राज्यसभा से वॉक आउट कर सकती है। राज्यसभा में अपना पक्ष रखते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने जिस तरह से अपनी बातें रखीं और समर्थन या विरोध को लेकर कुछ भी साफ नहीं किया, इससे ऐसे ही संकेत नजर आए। आखिरकार वोटिंग के दौरान पार्टी ने वॉकआउट कर दिया।वाकआउट को भी सरकार के द्वारा लाये गए बिल के समर्थन के तौर पर ही माना जाता है क्योंकि बहुमत के नम्बर घट जाते हैं।
नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें राष्ट्रवाद पर किसी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। हिन्दुत्व के जिस स्कूल में आप पढ़ते हैं, हम उसके हेडमास्टर हैं। राउत ने सीधे तौर पर बिल को समर्थन या विरोध ना करते हुए कहा, मैं देख और सुन रहा हूं कि जो लोग इस बिल का समर्थन नहीं करते वो देशद्रोही हैं और जो समर्थन करेंगे वो देशभक्त हैं। जिस तरह से शिवसेना सांसद ने राज्यसभा में अपना पक्ष रखा उसके बाद ये माना जा रहा था कि पार्टी बिल पर अपना विरोध जताते हुए, सदन से वॉक आउट कर सकती है।
बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता बिल पर चर्चा के दौरान संजय राउत ने कहा, ‘सरकार ने 370 को हटाया, हमने समर्थन दिया। आज बहुत से हिस्से में नागरिकता बिल का विरोध हो रहा है। जो विरोध कर रहे हैं, वे भी देश के नागरिक हैं, देशद्रोही नहीं। मैं कहता हूं कि मानवता के आधार पर इस पर चर्चा होनी चाहिए। बता दें, नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा से पास हो चुका है। बुधवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया और बिल के पक्ष में 125 तो विपक्ष में 105 मत पड़े सरकार ने आसानी के साथ बिल को पास कराते हुए अपना बड़ा चुनावी वादा पूरा कर लिया।
नागरिकता संशोधन बिल 2019 की बात करें तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इसमें इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से लाए गए इस बिल का देश के कई हिस्सों और खासतौर से पूर्वोत्तर में भारी विरोध हो रहा है। वहीं विपक्षी दल और कई संगठन भी इसका विरोध कर रहे हैं। जो पार्टियां सीधे तौर पर इस बिल के विरोध में नजर आ रही हैं उनमें कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, बीएसपी,एनसीपी,एआईएमआईएम, वामदल शामिल हैं।