★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{दशकों से आतंकवाद ग्रस्त देश इराक़ पहुँचने पर पीएम मुस्तफ़ाअल-क़दीमी ने किया स्वागत,बड़ी सँख्या में लोग मौजूद रहे हवाई अड्डे पर}
[शांति और सहिष्णुता के सन्देश का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं इराक़, यह यात्रा ऐतिहासिक है कहा इराकी विदेशमंत्री फवद हुसैन ने]
(पोप की यात्रा बग़दाद से होगी शुरू जहाँ वह विभागों कार्यक्रमों को करेंगे सम्बोधित, और करेंगे शीर्ष शिया धर्मगुरु अयातुल्लाह अली अल-सिस्तानी से मुलाकात)
♂÷आतंकवाद से ग्रसित देश इराक में दशकों तक चले युद्ध के दौरान ईसाई समुदाय के लोगों की घटती संख्या के बीच ईसाई धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु व वेटिकन सिटी के पोप फ्रांसिस शुक्रवार को इराक़ पहुंचे।
पोप ईसाई व इस्लाम मज़हब के बीच सामंजस्य बनाने के अभियान पर इराक़ पहुँचे है।कोविड-19 महामारी के बीच हो रही पोप की इस ऐतिहासिक यात्रा के लिए महीनों से तैयारियां चल रही थीं और यह पोप की पहली इराक यात्रा है।
पोप ईसाइयों से आग्रह करेंगे कि वे वर्षों के युद्ध और उत्पीड़न के बाद देश के पुनर्निर्माण में मदद करें।
पोप ने उड़ान के दौरान मास्क पहन रखा था और जब वह सीढियों से नीचे उतर रहे थे, उस समय भी उन्होंने मास्क पहन रखा था।
पोप शांति और सह-अस्तित्व का संदेश लेकर इराक आए हैं ताकि देश में रचे-बसे ईसाई अल्पसंख्यक को राहत मिल सके। 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हुए हमले के बाद हुए विभिन्न संघर्षों के दौरान बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक देश छोड़कर भाग गए।
उनकी यात्रा बगदाद में शुरू होगी, जहां वह विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा वह अन्य विभिन्न धार्मिक शहरों में कई धार्मिक कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे।
उनका विमान स्थानीय समयानुसार दोपहर में करीब दो बजे यहां उतारा। विमान पर वैटिकन और इराक के झंडे लगे हुए थे।
उनके स्वागत के लिए भव्य तैयारियां की गयी थीं और उनकी अगवानी के लिए प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कादिमी वहां मौजूद थे। पोप की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग हवाई अड्डा के पास एकत्र थे।
इराकी विदेश मंत्री फवद हुसैन ने कहा कि इराकी नागरिक पोप के “शांति और सहिष्णुता के संदेश” का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया।
अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान पोप शनिवार को देश के शीर्ष शिया धर्मगुरू, अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी से भी मुलाकात करेंगे जिनका इराक और अन्य देशों में काफी सम्मान है।
पोप की यात्रा को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गयी है।
मालूम हो कि इटली के रोम स्थिति वेटिकन सिटी को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दी गयी है और पोप को राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा पूरी दुनियां में दी गयी है।जिसके चलते उनको किसी भी देश की यात्रा करने पर एक राष्ट्राध्यक्ष का प्रोटोकॉल दिया जाता है।