★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{ब्रदर लकड़ा ने 2.6 लाख में ज़मीन ख़रीद बेचा 4.72 करोड़ में,जमीन खरीद-बिक्री के धन्धे में चर्च से जुड़े लोग हैं शामिल}
[झारखण्ड सरकार ने चर्चों के पास मौजूदा ज़मीन की जाँच पड़ताल के दे दिए है आदेश,राज्यकानून के अनुसार बाहरी लोग पारम्परिक आदिवासियों से नही कर सकते जमीनों की खरीद फ़रोख़्त]
(झारखण्ड में हज़ारों चर्च,मिशनरी स्कूल-कॉलेज, संस्थान व पल्लियां आदिवासियों की ही जमीन पर है खड़े)
{झारखण्ड सरकार राज्य में कार्यरत 88 गैर सरकारी ईसाई संगठनों को मिली विदेशी फ़ंडिंग की भी करवा रही है जाँच पड़ताल}
[चर्च नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर उनके बारे में की जा रही विभिन्न जाँच पर जताये है एतराज]

♂√झारखण्ड सरकार ने पिछले दिनों चर्चों के पास उपलब्ध जमीन की जांच पड़ताल करने के आदेश दे दिए है क्योंकि राज्य में प्रभावी सन् 1908 के छोटानागपुर काश्तकारी कानून तथा 1949 के सन्थाल परगना काश्तकारी कानून के तहत बाहरी लोगों द्वारा पारंपरिक आदिवासियों की जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती।झारखण्ड में हजारों चर्च, मिशनरी स्कूल- कालेज व अन्य संस्थान एवं पल्लियाँ आदिवासी समाज की भूमि पर ही स्थापित किये गये हैं। चर्च नेताओं ने सरकार की इस कार्यवाही काे ईसाइयाें के उत्पीड़न व निश्चित रूप से एक प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करार दिया था।
चर्च नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर राज्य में उनके बारे में विभिन्न मामलों में की जा रही जांच-पड़ताल पर भी इतराज जताया था। राज्य में कार्यरत 88 ग़ैर-सरकारी ईसाई संगठनाें के विदेशी फंड की जाँच भी शामिल है। वर्तमान समय में कैथोलिक चर्च के पास राज्य में भूमि का एक विशाल भू-भाग उसके कब्जे में है। वहाँ जमीन को लेकर किस तरह चर्च पदाधिकारी आदिवासी समाज के साथ धाेखा-धड़ी कर रहे हैं ,यह रिपोर्ट इसकी मात्र एक झलक हैं। -आर एल फ्रांसिस
- सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीद-बिक्री के कई मामले समाने आये हैं, जिनमें राजनेताओं से लेकर ब्यूरोक्रेट तक शामिल रहे हैं।यहां तक कि सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर धार्मिक संस्थानों से व्यक्ति भी पीछे नहीं रहे।कैथोलिक चर्च से जुड़े ब्रदर-सिस्टर व फादर निजी संपत्ति अर्जित नहीं कर सकते हैं। राजधानी में एक मामला ऐसा भी सामने आया है जहां एक ब्रदर ने सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन अपने नाम खरीद ली, उसके बाद उसे बेच भी दिया। सुपीरियर ब्रदर सिरिल लकड़ा ने रांची के नामकुम अंचल के सरवां गांव में 4.23 एकड़ जमीन अपने नाम पर खरीद-बिक्री की।
सुपीरियर ब्रदर सिरिल लकड़ा ने 2004-05 में रांची के नामकुम अंचल में जमीन का खरीदते समय अपना पता तेतरी डहू टोली नामकुम दर्ज कराया. इस जमीन को सीएनटी एक्ट 1908 की धारा 46 के तहत अपर समाहर्ता रांची के न्यायालय से 19 जुलाई 2004 को परमीशन मिला।ब्रदर सिरिल लकड़ा ने मतियस मिंज, ग्राम सहेरा, थाना नामकुम ये यह जमीन खरीदी, इसका खाता नंबर 3, प्लॉट नंबर 170, 171, 172 है इसका कुल रकबा 2.13 एकड़ है, इस जमीन की कीमत एक लाख 55 हजार अदा की. इतना ही नहीं ब्रदर सिरिल लकड़ा ने इसके बाद भी दूसरी डीड के माध्यम से कानून का उल्लंघन करते हुए बिरिस मिंज से नामकुम अंचल में ही पहले की जमीन से लगा हुआ खाता नंबर 142 का प्लॉट नंबर 173, 174, 176 ,177 कुल रकबा 2.09 एकड़ जमीन खरीद ली. इसके लिए उन्होंने एक लाख पांच हजार रुपया अदा किये।
÷जिस जमीन को ब्रदर ने 683 रुपये प्रति डिसमिल खरीदी, उसे 1,12,000 रुपये प्रति डिसमिल बेचा÷
सुपीरियर ब्रदर सिरिल लकड़ा ने जिस जमीन को 683 प्रति डिसमिल की दर से खरीदा, उसी जमीन को 1,12,000 रुपये प्रति डिसमिल की दर बेच दिया। सुपीरियर ब्रदर सिरिल लकड़ा ने 8 अगस्त 2018 को सेल डीड के माध्यम से 4 करोड़ 72 लाख में अपनी संपत्ति का गेल के साथ सौदा तय कर बेचा. ब्रदर ने खुद को नामकुम निवासी दिखाते हुए सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए जमीन की खरीद की. ब्रदर सिरिल ने अपना पेशा नौकरी दिखाया है.
÷क्या कहते हैं व्यक्तिगत संपत्ति अर्जित करने के मामले में फादर आनंद डेबिट÷
बिशप हाउस रांची के मीडिया प्रभारी फादर आंनद डेबिट का कहना है चर्च से जुड़े हुए किसी फादर, सिस्टर और ब्रदर के द्वारा व्यक्तिगत संपत्ति अर्जित नहीं की जा सकती।व्यक्तिगत संपत्ति अर्जित करना धार्मिक कार्य में लगे हुए लोगों के लिए वर्जित है। अगर सुपीरियर ब्रदर सिरिल लकड़ा के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर संपत्ति अर्जित की गयी है, तो यह धर्म अनुकूल नहीं है.
÷जमीन बेचने में शिक्षण संस्थान के पैड का भी प्रयोग÷
सुपीरियर ब्रदर सिरिल लकड़ा के द्वारा जमीन की खरीद के समय रांची नामकुम का पता दिखया गया. वहीं जमीन की बिक्री के दौरान दिये गये शपथ पत्र में जमीन खरीद बिक्री के मामले में शिक्षण संस्थान के लेटर पैड का भी प्रयोग किया गया है।
÷दिये गये दो अलग-अलग पते÷
सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए सुपीरियर ब्रदर सिरिल लकड़ा के द्वारा जमीन की खरीद के समय नामकुम का पता दर्जा कराया गया।वहीं जमीन की बिक्री के दौरान दो अलग-अलग शपथ पत्र दिये गये।एक में ब्रदर लकड़ा ने पता पुरुलिया रोड का दिखाया एवं दूसरे शपथ पत्र में सुपीरियर ब्रदर लकड़ा ने अपनी वंशावली गुमला जिला के उर्मी गांव को दिखाया।बिक्री संबंधी अनुमति के लिए उपायुक्त न्यायालय में दायर विविध वाद संख्या 16 /2017 -18 में सुपीरियर ब्रदर के द्वारा दो-दो शपथ पत्र न्यायालय में दायर किये गये। जमीन की बिक्री को लेकर विक्रेता सुपीरियर ब्रदर सिरिल लकड़ा ने रांची उपायुक्त न्यायालय में दायर शपथ पत्र में अपना पुश्तैनी गांव गुमला दिखया है।जहां 7.93 एकड़ जमीन होने का दावा किया है. इस संबंध में सुपीरियर ब्रदर लकड़ा के द्वारा 9 फरवरी 2018 को शपथ पत्र भी न्यायालय में दायर किया था।
राज्य में सीएनटी एक्ट का हो रहा उल्लंघन
छोटानागपुर के आदिवासियों-मूलवासियों की जमीन की हिफाजत के लिए कमिश्नर स्ट्रीट फील्ड, ई लीस्टर और फादर हाफमैन ने सीएनटी एक्ट कानून लिख कर आदिवासियों-मूलवासियों की जमीन संरक्षित करने का काम किया था। इस कानून को लिखने की वजह बिरसा मुंडा का आंदोलन था, लेकिन इस कानून के रहते हुए रांची और छोटनागपुर के तमाम इलाकों में जमीन खरीद-बिक्री का खेल कानून को तक पर रख कर किया जा रहा है। इसमें आम लोगों से लेकर राजनेताओं, ब्यूरोक्रेट से लेकर धार्मिक संस्था से जुड़े लोग भी पीछे नहीं हैं।
^न्यूज विंग (राँची) के इनपुट के साथ^