★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाराम यादव ने भारतीय भाषा स्वाभिमान आंदोलन के प्रतिनिधि मण्डल की मांग का समर्थन करते हुए यूजीसी को लिखा पत्र}
[कुलपति ने कहा हिंदी व और दूसरी भाषाओं को एक षड्यंत्र के तहत ले जाया गया पिछली सीट पर,IAS की परीक्षा से हटाया जाए अंग्रेजी का पर्चा]

♂÷पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाराम यादव ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की जोरदार पैरवी की है।भारतीय भाषा स्वाभिमान आंदोलन के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में उन्होंने कहा कि हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओँ को एक षड़यंत्र के तहत पिछली सीट पर ले जाया गया है. भारतीय भाषाओँ की इस दुर्गति में कॉर्पोरेट दुनिया का बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की समूची दुनिया अमेरिका और दूसरे देशों की मोहताज होकर.रह गयी है। इसी षड़यंत्र के तहत विश्वविद्यालयीन शिक्षा की विविधता को भी कम करके आंका जाता है। उन्होंने कहा कि आईएएस के परीक्षा से अंग्रेजी का पर्चा हटाया जाना चाहिए।
भारतीय भाषा स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक ओम प्रकाश ने एक बयान में कहा है कि कुलपति के समर्थन से भाषा आंदोलन को बहुत ताकत मिली है। उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भी चिट्ठी लिख कर कहा है कि सभी विश्वविद्यालयों को मिल-जुल कर हिंदी और भारतीय भाषाओँ को समृद्ध करने और हिंदी को हिंदी को राष्ट्रभाषा और एकल राजभाषा बनाने का वातावरण बनाना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि सभी विश्वविद्यालय इस काम में लग जाएँ तो भारतीय भाषाओँ को सरलता और सहजता से समृद्ध किया जा सकता है। स्मरणीय है कि भारतीय भाषा स्वाभिमान आंदोलन हिंदी लेखिका श्रीमती पुष्पा भारती के नेतृत्व में भारतीय भाषाओँ को मज़बूत करने का आंदोलन चला रहा है।
डॉ. यादव को २३- दिसंबर को मुंबई में आयोजित किये जा रहे भारतीय भाषा संगम में भी मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। भाषा संगम में भारतीय भाषाओँ को जोड़ने और उन्हें उन्हें पास लाने के तरीकों पर बात होगी।