★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{RSS के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करते इसे निन्दनीय व पूर्व नियोजित बताया और ममता सरकार से तुरंत कदम उठाने के8 मांग की}
[होसबोले ने कहा कि महिलाओं के साथ घृणास्पद व्यवहार किया,निर्दोष लोगों की क्रूरतापूर्ण हत्याएं की,घरों,दुकानों को लूटा,जलाया गया, जिसके चलते हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण लेने को हैं मजबूर]
♂÷पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य में चल रही राजनीतिक हिंसा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कड़े शब्दों में निंदा की है,इसे निंदनीय और पूर्व नियोजित करार देते हुए ममता बनर्जी की सरकार से तुरंत कदम उठाने की मांग की है।
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने आज जारी बयान में कहा, “हम नवनिर्वाचित राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता राज्य में चल रही हिंसा को तुरंत समाप्त कर कानून का शासन स्थापित करना, दोषियों को अविलंब गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे।
बता दें कि चुनाव परिणाम आने के बाद से बंगाल में लगातार हिंसा की घटनाएं घट रही है, बंगाल में अभी तक 20 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्याएं कर दी गई है और हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता बंगाल छोड़ कर असम पलायन के लिए बाध्य हुए हैं, हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जताई है।
होसबोले ने कहा,” हिंसा पीड़ितों में मन में विश्वास व सुरक्षा का भाव पैदा कर पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाना होना चाहिए।हम केंद्र सरकार से भी आग्रह करते है कि वो बंगाल में शांति कायम करने के लिए आवश्यक हर संभव कदम उठाए और सुनिश्चित करे कि राज्य सरकार भी इस दिशा में कार्रवाई करे, लोकतंत्र में चुनावों की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने आगे कहा चुनावों के इसी क्रम में पश्चिम बंगाल का चुनाव अभी-अभी सम्पन्न हुआ है। बंगाल के सम्पूर्ण समाज ने इसमें बढ़-चढ़ कर सहभाग लिया है,चुनावों में स्वाभाविक ही पक्ष-विपक्ष, आरोप-प्रत्यारोप कभी-कभी भावावेश में मर्यादाओं को भी पार कर देता है, पर, हमें यह सदैव स्मरण रखना होगा कि सभी दल अपने ही देश के दल हैं और चुनावों की प्रक्रिया में भाग लेने वाले प्रत्याशी, समर्थक, मतदाता सभी अपने ही देश के नागरिक हैं।
हिंसा पूरी तरह से निंदनीय
उन्होंने कहा,” चुनाव परिणाम के तुरंत बाद उन्मुक्त होकर अनियंत्रित तरीक़े से हुई राज्यव्यापी हिंसा न केवल निंदनीय है, बल्कि पूर्व नियोजित भी है।
समाज-विघातक शक्तियों ने महिलाओं के साथ घृणास्पद बर्बर व्यवहार किया, निर्दोष लोगों की क्रूरतापूर्ण हत्याएं कीं, घरों को जलाया, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों-दुकानों को लूटा एवं हिंसा के फलस्वरूप अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के बंधुओं सहित हज़ारों लोग अपने घरों से बेघर होकर प्राण-मान रक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण के लिए मजबूर हुए हैं,कूचबिहार से लेकर सुंदरबन तक सर्वत्र जन सामान्य में भय का वातावरण बना हुआ है।