★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{मुम्बई के रिटायर्ड पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की आत्मकथा”let me say it now”में किये गए खुलासे से मुम्बई पुलिस व सरकार में हलचल मचना तय}
[शीना वोरा हत्याकांड में ACP देवेन भारती पर लगाये गम्भीर आरोप तो पुलिस कमिश्नर रहे अहमद जावेद को बताया हत्यारोपी पीटर मुखर्जी का दोस्त]
(अहमद जावेद ने कहा बहुत बुरे तथ्य है गुमराह करने वाले,ये बकवास है तो देवेन भारती ने कहा यह किताब बेचने व वेब सीरीज़ बनाने की मार्केटिंग स्ट्रेटजी है)
[मुम्बई आतंकी हमले को लेकर तत्कालीन काँग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र व राज्य सरकार व उनके नेताओं ने आरएसएस,बीजेपी व मोदी के ऊपर आतंकी हमला करवाने की साजिश रचने के साथ ही हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी गढ़ी थी]
♂÷मुम्बई पुलिस के तेजतर्रार अधिकारियों में शुमार रहे सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त राकेश मारिया की आत्मकथा ने महाराष्ट्र सरकार से लेकर मुम्बई पुलिस में में तहलका मचा दिया है।
हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर और मुंबई पुलिस के कमिश्नर रह चुके राकेश मारिया की आत्मकथा ‘राकेश मारिया”let me say it now” अभी लोगो के हांथो में आई भी नहीं है पर चर्चा का विषय जरूर बन गई है।
दरअसल राकेश मारिया ने इन पुस्तक में वो खुलासे किए हैं जो वह बावर्दी रहते नहीं बोल पाए थे।26/11 आतंकी हमले से लेकर पुलिस विभाग में राजनीतिक दखल को लेकर राकेश मारिया ने अपने अनुभव लिखें है।
राकेश मारिया ने अपनी किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ में मुंबई में साल 2008 के 26/11 को हुए आतंकी हमले में एकमात्र जिंदा गिरफ्तार किए गए आतंकी अजमल कसाब को लेकर बड़े खुलासे किए हैं।राकेश मारिया ने अपनी किताब में दावा किया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद का चोला पहनाने कोशिश की थी। 10 हमलावरों को हिंदू साबित करने के लिए उनके साथ फर्जी आईकार्ड भेजे गए थे।
कसाब के पास भी एक आईकार्ड मिला था, इस पहचान पत्र पर समीर चौधरी लिखा हुआ था। समीर चौधरी के घर का पता बैंगलोर लिखा था जबकि आईकार्ड के मुताबिक उसे हैदराबाद के दिलकुशनगर के एक कॉलेज का छात्र बताया था। आतंकी हमले की रात मुम्बई पुलिस की टीम जांच के लिए बैंगलोर भी रवाना हो चुकी थी। राकेश मारिया के मुताबिक कसाब से जुड़ी गोपनीयता रखना बड़ी चुनौती थी।
मारिया के मुताबिक मुंबई पुलिस आतंकी कसाब की फोटो या अधिक जानकारी जारी नहीं करना चाहती थी।पुलिस ने पूरी कोशिश की थी कि आतंकी की डिटेल मीडिया में लीक न हो। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी का ये भी दावा है कि कोर्ट ट्रायल के दौरान पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब हो रहा था इसलिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गैंग को कसाब को मारने की सुपारी मिली थी।मारिया ने अपनी किताब में लिखा है, ‘कसाब को जिंदा रखना मेरी पहली प्राथमिकता थी।कसाब को लेकर आम लोगों से लेकर मुंबई पुलिस डिपार्टमेंट के अफसर भी गुस्से में थे। पाकिस्तान और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा कसाब को किसी भी सूरत में उसे रास्ते से हटाने की फिराक में थी क्योंकि कसाब मुंबई हमले का सबसे बड़ा और एकमात्र सबूत था।
राकेश मारिया कसाब को लेकर ये भी ख़ुलासे करते हैं कि पाकिस्तान में ट्रेनिंग के दौरान उसको यक़ीन दिलाया गया था कि हिंदुस्तान में मुस्लिमों को नमाज़ नही पढ़ने दिया जाता है।पूछताछ के दौरान जब कसाब से यह जानकारी मिली तो उसे तगड़ी सुरक्षा में एक मस्जिद में ले जाकर सच्चाई दिखाई गई कि देश मे धार्मिक स्वतंत्रता सबको हासिल है।कसाब ने ये भी बताया था कि लश्करे तैयबा से मिले 1 लाख 25 हज़ार रुपये उसने घर दे दिया था जिससे कि बहन की शादी की जा सके।
राकेश मारिया ने चर्चित शीना बोरा हत्याकांड में मुम्बई पुलिस में अपने सहयोगी रहे तत्कालीन सह पुलिस आयुक्त देवेन भारती पर गंभीर आरोप लगाए हैं।राकेश मारिया का कहना है कि देवेन भारती ने उस समय के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मेरे नाम से गलत जानकारी देकर गुमराह किया। राकेश मारिया ने किताब में लिखा है कि जब मैंने पीटर मुख़र्जी से शीना बोरा के लापता होने के बारे में पूछा तो पीटर ने कहा की शीना के लापता होने की जानकारी देवेन को दी थी और जब राकेश मारिया ने देवेन भारती की तरफ देखा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।राकेश मारिया ने आगे लिखा कि गृह सचिव ने मेसेज के माध्यम से उनका तत्काल ट्रांसफर कर दिया। देवेन भारती ने आरोप लगाते हुए कहा कि राकेश मारिया उस परिवार से जुड़े है जिसका लिंक बॉलीवुड से है और उनपर भी प्रभाव है,यह किताब बेचने और वेब सीरीज बनाने की मार्केटिंग स्ट्रेटजी है।
पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने खुलासा किया है की मेरे बाद अहमद जावेद को मुम्बई पुलिस कमिश्नर बनाया गया। अहमद जावेद और शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी पीटर मुख़र्जी की अच्छी दोस्ती थी। अहमद जावेद अपने घर ईद की पार्टी में पीटर मुखर्जी को बुलाते थे. ऐसे पर शीना बोरा हत्याकांड प्रभावित होगा। अहमद जावेद ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की क्या बक़वास है, राकेश मारिया का आरोप चौकाने वाला है. इसमे खामिया, गलत जानकारी, बहुत बुरे तथ्य है जो गुमराह करने वाले हैं।आधिकरिक जानकारी की पुष्टि आधिकारिक रिकॉर्ड से की जा सकती है,अहमद जावेद ने यह तक लिखा की मारिया से और क्या उम्मीद की जा सकती है।
कुल मिलाकर इतना तो तय है कि एक बार फ़िर क़िताब की शक्ल में हुए ख़ुलासे से तत्कालीन केंद्र,राज्य सरकार चलाने वाली पार्टी काँग्रेस के लिए स्थिति असहज होगी और बीजेपी भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ने के लिए काँग्रेस को निशाने पर लेने से नही चुकेगी।
मालूम हो कि मुम्बई आतंकी हमले के बाद ही मुम्बई में काँग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह, फिल्मकार महेश भट्ट,सम्पादक रहे अज़ीज बर्नी सहित मुस्लिग धर्मगुरुओं ने भी इस हमले को आरएसएस,बीजेपी व गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेन्द्र मोदी से जोड़ते हुए जिम्मेदार ठहराया था।
