★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{फडणवीस को सीएम व पवार को डिप्टी सीएम की शपथ दिलाई गयी,शिवसेना से मुख्यमंत्री तय न होने के चलते समर्थन पत्र पर नही था मुख्यमंत्री का नाम,काम आया फडणवीस के}

[शरद पवार ने कहा 10,11 विधायक ही हैं अजित के साथ,अजित के ऊपर करेंगे कार्रवाई तो सुप्रिया सुले ने लिखा अजित ने परिवार व पार्टी तोड़ा]
(शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा बीजेपी ने लोकतंत्र का धोखा दिया,कोई मेरे विधायक तोड़ के दिखाए)
[कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने लिखा कि सियासत हूं मैं कपड़े नही पहनती तो अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा पवार तुसी ग्रेट हो]
♂÷महाराष्ट्र की राजनीति में अभी तक का सबसे बड़ा उलटफेर हो गया है। शुक्रवार की देर शाम तक जहां खबर थी कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बना रहे हैं, वहीं शनिवार सुबह एक चौंकाने वाले घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ले ली। देवेंद्र फडणवीस के साथ एनसीपी नेता अजीत पवार ने भी प्रदेश के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली। इस पूरे घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र में सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को समर्थन देने के लिए जिस कागज पर एनसीपी विधायकों के दस्तखत कराए गए थे, वो ही समर्थन पत्र अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस को दे दिया।

सूत्रों की मानें तो एनसीपी की बैठक में शिवसेना और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए जिस पेपर पर पार्टी के विधायकों से दस्तखत कराए गए थे, उस पेपर पर मुख्यमंत्री का नाम नहीं था। इसकी वजह ये थी कि शिवसेना की तरफ से उस समय तक सीएम पद के लिए कोई नाम ही तय नहीं हुआ था। दरअसल शुक्रवार देर रात तक उद्धव ठाकरे सीएम पद के लिए अपने नाम को लेकर पूरी तरह तैयार नहीं थे। सूत्रों का कहना है कि इसी बात का फायदा अजीत पवार ने उठाया और विधायकों के समर्थन वाला पेपर देवेंद्र फडणवीस के समर्थन में राज्यपाल को सौंप दिया।
आपको बता दें कि एनसीपी नेताओं के बीच पिछले कई दिनों से शिवसेना को समर्थन देने की कवायद चल रही थी। इसके लिए दिल्ली और महाराष्ट्र में कई दौर की बैठकें भी हो चुकी थी और कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत चल रही थी। बताया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के बीच सहमति बनने के बाद एनसीपी के विधायकों से शिवसेना का समर्थन करने के लिए एक पेपर पर दस्तखत कराए गए थे। यह पेपर खाली था और इसके ऊपर सीएम पद के लिए किसी का नाम नहीं लिखा था।
वहीं, इस मामले पर एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने मीडिया को बताया, ‘हमने पेपर पर विधायकों से उनकी उपस्थिति के लिए हस्ताक्षर लिए थे, शपथ के आधार के रूप में उस पेपर का दुरुपयोग किया गया है।’ इस पूरे घटनाक्रम को लेकर शरद पवार ने आज शाम 4 बजे अपने घर पर पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है। शरद पवार ने कहा, ‘ये फैसला पार्टी का नहीं है। यह अजीत पवार का निजी फैसला है। मैं साफ करना चाहता हूं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।’ वहीं प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार का महाराष्ट्र में गठित सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। हम अजीत पवार के फैसले का समर्थन नहीं करते हैं। बीजेपी को समर्थन अजित पवार का निजी फैसला है।
उधर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया कि पहले तो उन्हें ये फेंक न्यूज़ लगा किन्तु जब सारी चीजें सच साबित हुई तो मैंने कहा पवार तुसी ग्रेट हो।
रणदीप सुरजेवाला ने शायराना अंदाज में ट्वीट किया कि मुझे मत देखों यू उजाले में लाकर,सियासत हूँ मैं कपड़े नही पहनती।इसे कहते हैं जनादेश से विश्वासघात, लोकतंत्र की सुपारी।
इसी बीच मुम्बई के वाईबी चव्हाण सेंटर में एनसीपी प्रमुख शरद पवार व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस की।
पवार ने कहा कि अजित पवार ने धोखा दिया है, उनके साथ 10,11 विधायक ही हैं, धीरे धीरे विधायक वापस आ रहे हैं और फडणवीस सरकार बहुमत साबित नही कर पाएंगी।
सरकार बनाने के आंकड़े हमारे पास है।
पवार ने आगे कहा कि अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
उद्धव ने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या की है, शिवसेना के विधायक तोड़ कर दिखाए।
एनसीपी की राज्यसभा सदस्य व शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अजित पवार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी व परिवार को तोड़ा है।