★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{पीएम मोदी सेकेण्ड इनिंग में जल्द हाथ जोड़ सकते हैं कैबिनेट सेक्रेटरी P K Sinha समेत 18-20 बिग ब्यूरोक्रेट्स से!}
[गुजरात के सीएम रहते मोदी ने अपनाई थी ब्यूरोक्रेट्स को लेकर ख़ास रणनीति,जिसको वह पीएम रहते भी लाते है अमल में]
(बराक ओबामा समेत ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्षो ने भी माने है लोहा पीएम मोदी की ब्यूरोक्रेट्स को लेकर अपनाई गई पॉलिसी पर)
♂÷प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के साथ ही उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली ब्यूरोक्रेसी टीम के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत अधिकारियों का कार्यकाल पूरा हो रहा है।इनमें उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और पीएम मोदी के प्रधान सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा के नाम भी शामिल हैं, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि पीएम मोदी इन दोनों अधिकारियों के कार्यकाल को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन कैबिनेट सेक्रेटरी पीके सिन्हा समेत करीब 18 से 20 ब्यूरोक्रेट्स इस बार बदले जाएंगे।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काम करने का अपना एक खास अंदाज है वे अपनी कैबिनेट चुनने के बाद दूसरा सबसे प्रमुख काम ब्यूरोक्रेट्स की एक टीम तैयार करते हैं, ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी कैबिनेट की तरह ही यहां भी कुछ बड़े बदलाव करने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार, इस बार करीब 18-20 ब्यूरोक्रेट्स को उनके पदों से हटाकर नये ब्यूरोक्रेट्स को टीम में शामिल किया जाएगा।
15 जून को रिटायर हो रहे हैं कैबिनेट सचिव
एक खबर के मुताबिक, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा आगामी 15 जून को रिटायर हो रहे हैं। इस बार उन्हें पद छोड़ना ही पड़ेगा, क्योंकि वह पहले ही दो बार अपनी रिटायरमेंट पर अतिरिक्त कार्यलाभ ले चुके हैं। इसी क्रम में बेहद महत्वपूर्ण रॉ (RAW) व दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के कई महत्वपूर्ण पद खाली हो रहे हैं।
स्मरण हो कि पीएम मोदी ने अपने गुजरात सीएम रहने के दौरान के अनुभवों के आधार पर प्रधानमंत्री बनने के पश्चात ब्यूरोक्रेट्स की एक टीम तैयार की थी, जो सीधे पीएम मोदी को रिपोर्ट करती थी।
कौन लेगा पीके मिश्रा की जगह?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा का जाना तय है। इसलिए इस पद के योग्य उम्मीदवार की तलाश जारी हो गई। फिलहाल इस पद के लिए सबसे आगे राजीव गौबा का नाम चल रहा है,वह भी एक वरिष्ठ नौकरशाह हैं।
बराक ओबामा ने की थी तारीफ
अमेरिकी अखबार ने 50 साल में नहीं हुआ ऐसा कहा था अपनी ख़ास रपट में।
पीएम मोदी के काम करने के इस अंदाज के बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी अपनी राय व्यक्त की थी।उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को लेकर उठाए गए पीएम मोदी के कदमों के बारे में कहा था कि पीएम मोदी ने भारत की ब्यूरोक्रेसी को सक्रिय कर दिया है।
इसके बाद अमेरिका के एक प्रमुख अखबार ने मोदी सरकार के बारे में विस्तार से एक रिपोर्ट प्रकाशित की।
इसका शीर्षक पीएम मोदी के ब्यूरोक्रेसी को लेकर किए बदलावों के बारे में था।इसमें दावा किया गया था कि पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल के महज छह महीने में देश की ब्यूरोक्रेसी में जितना बदलाव कर दिया है उतना भारतीय सरकार के 50 सालों के इतिहास में नहीं हुआ।
ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्राध्यक्षों ने भी माना था लोहा
पीएम मोदी की ब्यूरोक्रेसी की मजबूत टीम को देखने के बाद ब्रिटेन के पीएम डेविड कैमरून और ऑस्ट्रेलिया के पीएम टोनी एबॉट ने भारतीय ब्यूरोक्रेसी टीम में हुए बदलावों और उसके नये रूप की बेहद तारीफ किया था। साथ ही दोनों यह बताना नहीं भूले थे ऐसा करने से भारत की ताकत काफी बढ़ गई है।
ब्यूरोक्रेट को दिया विदेश मंत्री का पद
ब्यूरोक्रेसी से आने वाले लोग एम मोदी की सरकार में कितना महत्व रखते हैं इसका संदेश पीएम मोदी ने एक ब्यूरोक्रेट को विदेश मंत्री बनाकर दे दिया है।देश के नये विदेश मंत्री पहले विदेश सचिव हुआ करते थे अब वे सीधे भारत के विदेश मंत्री बन गए हैं।ऐसे में पीएम मोदी की नई ब्यूरोक्रेसी टीम का स्वरूप क्या होगा, इसका सबको इंतजार है।