(मुकेश सेठ)
(मुम्बई)
महाराष्ट्र राज्य कौशल के तहत अंतर्राष्ट्रीय सुविधा ‘महाराष्ट्र इंटरनेशनल’ के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले विदेशी भाषा प्रशिक्षण के लिए पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। विकास सोसायटी। यह घोषणा कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार राज्य मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने की।
मंत्री लोढ़ा प्रमोद महाजन कौशल युवा विकास योजना के माध्यम से पुलिस कॉलोनी, ताड़देव और मुंबई पुलिस भर्ती और प्लेसमेंट सेंटर एल सेक्शन 3, वर्ली में मुंबई पुलिस और उनके परिवारों के लिए एक कौशल प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन पर बोल रहे थे। मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर, विशेष पुलिस आयुक्त देवेन भारती, महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास सोसायटी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल सोनावणे, सशस्त्र पुलिस बल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह, संयुक्त पुलिस आयुक्त एस. इस अवसर पर जयकुमार, पुलिस उपायुक्त प्रज्ञा जेडगे, अस्मिता संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र चंजड़ सहित पुलिसकर्मी और पुलिसकर्मियों के परिवार उपस्थित थे।
मंत्री ने कहा, पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों को विभिन्न रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कौशल विकास विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से यह पहल क्रियान्वित की जा रही है। हम न सिर्फ हुनर सिखाने का प्रयास करेंगे, बल्कि रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। यदि नए लॉन्च किए गए प्रशिक्षण वर्ग को अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है, तो आगे भी बदलाव किए जा सकते हैं। इस अभिनव पहल से सभी को लाभ मिलना चाहिए। मंत्री लोढ़ा ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कोई प्रशिक्षु स्वरोजगार करना चाहता है तो उसका मार्गदर्शन किया जाएगा, उसे सरकारी योजना और उसका लाभ कैसे उठाया जाए इसके बारे में भी मार्गदर्शन किया जाएगा!
कौशल प्रशिक्षण कक्षाओं के माध्यम से क्रियान्वित की जाने वाली गतिविधियाँ
पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के लिए महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास सोसायटी के माध्यम से बृहन्मुंबई के ताड़देव, वर्ली, नायगांव, कलिना और मरोल में कौशल प्रशिक्षण गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इसमें आईटी, गारमेंट, ब्यूटी एंड वेलनेस, ऑटोमोटिव और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में कुल 10 तरह की प्रशिक्षण कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। जिसमें न्यूनतम 300 घंटे से अधिकतम 500 घंटे की कौशल प्रशिक्षण कक्षाएं संचालित की जाएंगी। 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के पुरुष एवं महिलाएं अपने आधार पहचान पत्र के आधार पर प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। इस प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षुओं की उपस्थिति बायोमेट्रिक विधि से ली जायेगी। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले उम्मीदवारों को सरकार द्वारा एनएसक्यूएफ मानक प्रमाणपत्र से सम्मानित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षुओं को रोजगार के अवसर, प्रशिक्षुता प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किये जायेंगे।