★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{नेपाल सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश चोलेन्द्र एसजे बी राणा की एकल पीठ ने 12 अलग-अलग याचिकाओं को भेजा संविधान पीठ को,प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में चार अन्य जज करेंगे सुनवाई}
[नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के “दहल”गुट ने ओली को पार्टी से निकालते हुए माधव कुमार नेपाल को बनाया पार्टी प्रमुख]
(प्रधानमंत्री केपी ओली के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति भंडारी ने रविवार को नेपाली संसद भंग कर अप्रैल मई में चुनाव कराने के दिये हैं आदेश)
♂÷पड़ोसी देश नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है जिससे कि वहां के सर्द मौसम में भी सियासी तापमान का पारा चढ़ा हुआ है।ओली और प्रचंड गुट एक दूसरे को पटखनी देने में पूरी ताक़त झोंके हुए हैं।
उधर मंगलवार को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के पुष्प कमल दहल गुट ने केपी शर्मा ओली को पार्टी अध्यक्ष पद पर से हटाते हुए माधव कुमार नेपाल को पार्टी सुप्रीमो बना दिया है।
आज नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने संसद भंग करने के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के फैसले के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को बुधवार को संविधान पीठ के पास भेज दिया। प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र एसजे बी राणा की एकल पीठ ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के खिलाफ दायर 12 अलग-अलग याचिकाओं पर आरंभिक सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। संविधान पीठ याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई शुरू करेगी। पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश राणा करेंगे तथा चार अन्य न्यायाधीशों का वह चुनाव करेंगे।
याचिकाकर्ताओं ने फैसले के खिलाफ अंतरिम आदेश का भी अनुरोध किया लेकिन शीर्ष अदालत ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। ‘माय रिपब्लिका’ अखबार के मुताबिक नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले खेमे के नेताओं ने निर्वाचन आयोग का रूख कर कहा है कि पार्टी में उनके पास दो तिहाई बहुमत है इसलिए चुनाव आयोग द्वारा उन्हें आधिकारिक तौर पर मान्यता देना चाहिए। पार्टी की स्थायी कमेटी के सदस्य लीलामणि पोखरेल के हवाले से अखबार ने कहा, ‘‘हम यहां यह साबित करने आए हैं कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी पर हमारा हक है।’’ पोखरेल ने कहा कि उनके खेमे को बहुमत हासिल है और पार्टी की केंद्रीय समिति के 315 सदस्यों के दस्तखत हैं।
चुनाव आयोग से आधिकारिक तौर पर मान्यता के लिए खेमे को पार्टी के भीतर बहुमत, सदस्यों के हस्ताक्षर, उनके विवरण जमा करने होंगे। पार्टी के प्रचंड खेमे की केंद्रीय कमेटी ने मंगलवार को बैठक कर ओली को अध्यक्ष पद से हटा दिया और प्रतिनिधि सभा को असंवैधानिक रूप से भंग करने के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला किया। केंद्रीय कमेटी ने वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल को पार्टी का दूसरा अध्यक्ष चुना। प्रचंड पार्टी के पहले अध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री ओली ने रविवार को संसद भंग करने का प्रस्ताव भेजा और राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने इसे मंजूर कर लिया। पार्टी में लंबे समय से प्रचंड और ओली के खेमे के बीच गतिरोध चल रहा था।
