★मुकेश शर्मा★
★ग्वालियर(मध्यप्रदेश)★
{कई सत्ताधारी नेताओं के साथ फोटो, अवैध खनन के कारोबार में शामिल आरोपी महादेव राजपूत के ऊपर दर्ज है 50 से भी अधिक केस}
(मन्त्री के वरदहस्त प्राप्त कोक सिंह है खनन माफिया, इस पर भी दर्ज है भिंड ज़िले में दर्जनों केस,सत्ता की नजदीकी के चलते शासन, प्रशासन है असहाय)
[काँग्रेस की कमलनाथ सरकार रही हो या फ़िर बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान की,नेताओं माफियाओं की गठजोड़ तोड़ने में नही हो पा रही सफ़ल]
♂÷मध्यप्रदेश के भिंड जिले की मेहगांव क्षेत्र में अवैध खनन और परिवहन का संरक्षण करने वाले राज्य मंत्री ओ पी एस भदौरिया कुख्यात अपराधी पर मेहरबान क्यों हैं ? जिस पर करीब आधा सैकड़ा गंभीर मामले भिन्न भिन्न थानों में दर्ज हैं । ऐसे अपराधी को साथ लेकर अवैध खनन कहीं ना कहीं मंत्री भदौरिया के चाल चरित्र पर संदेह खड़ा करता है ।

बताया जाता है कि महादेव सिंह राजपूत निवासी इंदुर्खी थाना रौन जिला भिण्ड कुख्यात अपराधी होने के साथ साथ रेत माफिया के नाम से मशहूर हैं, जो करीब 15 महीने जिले से तड़ीपार भी किए जा चुके आरोपी महादेव राजपूत पर रौन थाना क्षेत्र में एक दर्जन अपराधिक मामले दर्ज होने के अलावा अमायन थाने में भी मामला दर्ज है । इनके परिवार की एक महिला सरपंच भी होने की जानकारी मिली है । उक्त महिला सरपंच का पूरा सहयोग कुख्यात अपराधों को मिलने की चर्चा जग जाहिर है ।
मजे की बात ये है कि उक्त आरोपी बड़े कद्दावर नेताओं के साथ फोटो सेशन कराने का शौक भी रखते हैं लेकिन तथाकथित नेताओं ने कभी महादेव राजपूत और कोक सिंह राजपूत के अपराधिक मामलों पर ध्यान क्यों नहीं दिया ? क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके कोक सिंह राजपूत उर्फ पप्पू पुत्र सुजान सिंह राजपूत और महादेव राजपूत पर मेहरबानी को लेकर पुलिसिया कार्रवाई पर भी सवाल उठाए जा रहे हैंजनचर्चा है कि मंत्री ओ पी एस भदौरिया के संरक्षण में ही इन कुख्यात अपराधियों ने बड़े पैमाने पर अवैध खनन का धन्धा चला रखा है और शासन प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी इन पर हाथ डालने से कतराते हैं?
उल्लेखनीय है कि भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा में रेत के अवैध कारोबारी कोक सिंह राजपूत पर वर्ष अपराध क्रमांक 14/ 1991 में अमयान थाने में धारा 353, 332, 294, 34 के तहत पहला मामला दर्ज हुआ उसके बाद साल 1995 में थाना अमायन में ही अपराध क्रमांक 7/1995 को धारा 147, 148, 149, 336 एवम् अपराध इसी थाने में साल 1998 को अपराध क्रमांक 58/1998 को गंभीर अपराध मामले में धारा 307, 147, 148, 149 के तहत मामला दर्ज हुआ ।

बाद कोक सिंह आदतन अपराधी बनकर उभरा और इलाके में अवैध वसूली जैसे अनेक कारोबारियों में शामिल होकर धन कुबेर बनने की चाहत में अपराधों की सूची बढ़ाता चला गया जिसमे स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ साथ स्थानीय कद्दावर नेता भी अपराधी को संरक्षण देने लगे । जाहिर है कि हर नेता को एक अपराधी के सहयोग की जरूरत होती है इसलिए नेता अपराधी और पुलिस का गठजोड़ बन गया और कोक सिंह कुख्यात अपराधियों में शुमार होकर अपराधों की फेहरिस्त लंबी करता चला गया जिसमे साल 2002, 2003 में थाना रौन, साल 2004 में थाना रौन और थाना भारोली, साल 2006 में भारोली सहित साल 2016, 2018 तक निरंतर छोटे बड़े गंभीर मामले दर्ज हुए लेकिन मंत्री जी का वरदहस्त होने के कारण कुख्यात अपराधी पर पुलिस भी कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर सकी है बताने की जरूरत नहीं है । इसी तरह महादेव राजपूत पर थाना रौन में अपराध क्रमांक 62/7 भारतीय दण्ड संहिता की धारा 341ए, 294, 324, 324, 506, 34 के तहत मामले दर्ज है और साथ में अपराध क्रमांक 2/9, 59/9, 12/10, 190/11, 108/12, 04/13, 52/13, 166/13, 185/13, 167/15, 79/18, 55/19 में विभिन्न गंभीर अपराधों की कानूनी धाराओं 452, 294, 11, 13, 25, 27, 447, 506, 307 के साथ साथ अन्य धाराओं के तहत करीब आधा सैकड़ा मामले दर्ज हैं लेकिन कई मामलों में आरोपी वांछित होने के बाद भी पुलिस अभी तक कुख्यात अपराधी पर कृपा बरसाने में क्यों लगी है ? दबाव में या प्रभाव में ❓देखा गया है कि चाहे वह काँग्रेस की कमलनाथ सरकार रही हो या फिर बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान की नेताओं, अपराधियों, खनन माफियाओं की क़मर तोड़ने में कोई भी सफ़ल नही होता दिखा।
सवाल यह उठता है कि ऐसे अपराधियों को संरक्षण देने वाले मंत्री ओ पी एस भदौरिया पर मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान क्या कार्यवाही करेंगे और कब तक,या ले दे कर मामला यूं ही चलता रहेगा सरकार की मेहरबानी से ❓