★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से विचार विमर्श के बाद तय हुआ कि पश्चिम बंगाल चुनाव में हिस्सा लेंगी पार्टी कहा सांसद व पार्टी प्रवक्ता संजय राऊत ने ट्वीट के जरिये}
[बिहार विधानसभा में किसी भी सीट पर खाता खोल पाने में असफ़ल शिवसेना ने बीजेपी को झटका देने की नीति के तहत कूदेगी चुनावी समर में तो ओवैसी ने भी कहा है मिलेंगे चुनाव में]
♂÷महाराष्ट्र में तीन पहियों की सरकार चला रही शिवसेना अब बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में भी चुनावी ताल ठोकनें में जा रही है,इसकी जानकारी शिवसेना के वरिष्ठ नेता मुख्य प्रवक्ता व सांसद संजय राउत ने ट्वीट करके खबरें आम की।
उन्होंने लिखा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ विचार विमर्श के बाद तय हुआ कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शिवसेना चुनावी समर में उतरेगी, “जय हिंद जय बांग्ला”।
मालूम हो कि 2021 के अप्रैल महीना में पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पश्चिम बंगाल में कुल 294 सीटें हैं, जिनमें से सत्ताधारी दीदी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पास 211,कांग्रेस के पास 44,वामपंथी कम्युनिस्ट पार्टी के पास 26, व 2021 में चुनावी मैदान फतेह कर अपनी सरकार बनाने का जोरदार दावा ठोक रही भारतीय जनता पार्टी के पास बस 3 असेम्बली सीट है।
उधर बिहार चुनाव में 5 सीट पर जीत का परचम फ़हराने वाले “एआईएमआईएम” चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले दिनों कहा था कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में हमारी पार्टी दमदार ढंग से चुनावी समर में उतरेगी।
देखा जाए तो पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक मत प्रतिशत ममता दीदी के साथ पिछले विधानसभा चुनाव में रहा,उनको 45.6%,कम्युनिस्ट पार्टी के साथ 20.11%, कांग्रेस के साथ 12.44% व सबसे दमदार चुनावी हूंकार भर रहे भारतीय जनता पार्टी को महज 10.34% वोट इन लोगों के खाते में आए थे।
बिहार में शिवसेना को बीते विधानसभा चुनाव में किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली थी बल्कि अधिकतर सीटों पर जमानत ज़ब्त हो गई थी कई सीटे तो ऐसी भी रही कि नोटा से भी कम शिवसेना के निशान पर वोट गिने गए, तो वहीं पर ओवैसी की पार्टी 5 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
कुल मिलाकर यह तय है कि हिंदुत्व व भगवा की राजनीति करने वाली शिवसेना जितने भी वोट पाएगी वह बीजेपी के खाते से ही कम होते दिखेंगे।