★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मन्त्री कृपाशंकर सिंह ने आक्रोश व्यक्त किया किसान षड्यंत्र नही रचता वह देशभूमि को मातृभूमि मानता है,आंदोलन की आड़ में कुछ देशविरोधी तत्व दे रहे खालिस्तान की हवा}
[पूर्व गृहराज्यमन्त्री ने याद किया कि देश अभी भूला नही है कि इन्ही तत्वों ने पँजाब में आतंकवाद की ज्वाला भड़का कर देश की लौह महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की जान ले ली थी]
(पूर्व मन्त्री कृपाशंकर सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की है कि आज हुए राष्ट्रविरोधी घटना की सभी पहलुओं, स्तरों पर जाँच करा कर इस अराजकता में शामिल आरजकतावादियों,ताकतों को सख़्त दण्ड दिया जाय)
♂÷आज जिस तरह से दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर रैली के बहाने लाल किले पर देश की प्रतिष्ठा को लोकतंत्र के प्रतीक गणतंत्र दिवस के दिन भारी अराजकता का नंगा नाच हुआ है,लाल किले की प्राचीर पर दूसरा झंडा फहराया गया वह शुद्ध रूप से भयानक उत्पात है अराजकता है इसकी कठोर से कठोर शब्दों में निंदा की जानी चाहिए।उक्त आक्रोश व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मन्त्री कृपाशंकर सिंह ने इसको दहशतगर्द की संज्ञा देते हुए कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर ऐसे राष्ट्रविरोधी तत्व, देश में उथल-पुथल करने की मंशा से राष्ट्र विरोधी हरकतों में लिप्त हैं।उन्होंने क्षुब्दता भरे अंदाज में कहा कि देश को अभी भी याद है इन्हीं लोगों की देश विरोधी हरकतों के चलते कभी देश में खालिस्तान के झंडे लहराए जाते थे,खालिस्तान की मांग की जाती थी और पंजाब आतंकवाद की आग में जल रहा था, ग्रस्त हो चुका था,उस आतंकवाद ने भारत देश की लौह महिला कही जाने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्राण ले लिए थे जिसको आज भी देश याद कर दुखी हो जाता है।पूर्व मंत्री ने कहा आज की घटना निश्चित रूप से लोकतंत्र के माथे पर इन लोगों ने अपनी हरकतों से, उपद्रव से काला धब्बा लगाया है जो क्षमा योग्य नहीं है।
श्री सिंह ने किसानों से हाथ जोड़कर विनती की कि अपनी बात संयमित व संतुलित तरीके से सरकार तक पहुंचाएं,सुप्रीम कोर्ट की सुने,सरकार हम लोगों ने बनाई है सरकार तकलीफों, समस्याओं को दूर करेगी और सरकार को भी चाहिए देशवासियों की अपेक्षाएं उनसे जुड़ी हुई हैं वह संविधान के दायरे में राष्ट्र हित में कदम उठाए,खेती किसानी के हित में कदम उठाए, जिसकी अपेक्षा राष्ट्र कर रहा है।
कृपाशंकर सिंह ने आगे कहा कि किसानों की आड़ लेकर कुछ अराजक व राष्ट्रविरोधी तत्वों ने देश का सिर दुनियां के सामने झुकाने का काम किया है। एक सच्चा किसान कृषि भूमि, मातृभूमि ,और राष्ट्रभूमि के विरुद्ध कभी नहीं जा सकता ,कभी षड्यंत्र नहीं रच सकता है,प्राण दे सकता है किंतु देश का सिर शर्म से झुकने नहीं देता है क्योंकि वह अन्नदाता है राष्ट्र का पेट भरता है।
पूर्व गृहराज्य मन्त्री ने केंद्र सरकार से इस बाबत सभी पहलुओं पर जाँच कराकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है जिससे एक सख़्त सन्देश देश-दुनियां में जाना चाहिए कि भारत एक सम्प्रभु व ताक़तवर राष्ट्र है।
