★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{अधिवक्ता के जरिये मुवक्किल ने उच्चतम न्यायालय में 2015 के आरक्षण सूची के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश को किया चैलेंज}
[हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिया था आदेश की 2015 की आरक्षण सूची के अनुसार चुनाव प्रक्रिया 25 मई तक कराएं पूरी]
♂÷उत्तरप्रदेश में पंचायत चुनाव कराने को लेकर अब एक नया पेंच फँस गया है जिसको लेकर चुनाव लड़ने के दावेदारों में एक बार फ़िर सीटों पर आरक्षण का ऊँट किस करवट बैठेगा इसको लेकर उनकी धुकधुकी बढ़ गयी है।
इलाहाबाद उच्चन्यायालय के द्वारा पंचायत चुनाव के संदर्भ में राज्य सरकार को दिए गए आदेश को चुनौती देने हेतु मामला अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर जा पहुँचा है।
यूपी में पंचायत चुनाव में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है।
लखनऊ हाई कोर्ट के अधिवक्ता अमित कुमार सिंह भदौरिया के मुवक्किल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें लखनऊ हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पंचायत चुनाव में 2021 के आरक्षण फॉर्मूले को खारिज करते हुए 2015 के चक्रानुक्रम के आधार पर नए सिरे से सीटों के आवंटन व आरक्षण का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने साफ किया था कि प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जारी की गई नई आरक्षण प्रणाली नहीं चलेगी बल्कि 2015 को आधार मानकर ही आरक्षण सूची जारी की जाए।
अदालत ने राज्य सरकार को आरक्षण की कार्रवाई 27 मार्च तक पूरी करने को कहा था, हाईकोर्ट ने चुनाव की प्रक्रिया 25 मई तक पूरी कराने का आदेश भी दिया था।
