★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में कहा कि इस फ़िल्म ने चौकाने वाला कटु सच सबके सामने लाया है
एनसीपी विधायक जितेंद्र आह्वाड के द्वारा फ़िल्म में झूठ दिखाने के लिए निर्माता को फाँसी पर लटका देने वाले बयान पर DCM ने कहा जाँच कर करेंगे कार्रवाई
♂÷आज नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नें सेक्युलर विपक्षी दलों के निशाने पर आई बहुचर्चित व व विवाद का केन्द्रबिन्दु बनी फ़िल्म ‘द केरला स्टोरी’ की जमकर तारीफ़ करने साथ उन्होंने कहा कि इस फ़िल्म के जरिए लोगों के सामने एक चौंकाने वाला कटु सच सामने आया है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा कि यह सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि जन जागरूकता का एक माध्यम है।
वह नागपुर में मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस फिल्म के जरिए एक चौंकाने वाला सच इस फिल्म ने पेश किया है। यह सभी के सामने मजबूती से आना चाहिए। आज देश में हमारी बहनों,बेटियों के साथ कैसा षड्यंत्र हो रहा है, यह सबके सामने आना ही चाहिए।
इस फिल्म को देखने के बाद कई लोगों की आंखें खुल जाएंगी।
एनसीपी विधायक व पूर्व मन्त्री जितेंद्र आह्वाड के द्वारा दिये गए विवादास्पद बयान कि इस फ़िल्म के निर्माता को झूठ दिखाने के लिए फाँसी पर लटका देना चाहिए के बारे में मीडिया द्वारा पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अगर आह्वाड ने ऐसा कहा है तो यह बयान बहुत गलत और असंवैधानिक है, शोहरत हासिल करने और समुदाय विशेष को बढ़ावा देने,खुश करने के लिए ऐसी बातें कहने से हिंदू समुदाय में रोष पैदा होता है।इस बयान की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, देवेंद्र फडणवीस ने पहले अमरावती में मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
जब मीडिया ने प्रकाश अंबेडकर के इस बयान के बारे में पूछा कि अजित पवार ने बीजेपी को दो बार धोखा दिया तो देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रकाश अंबेडकर ने अजित पवार के बारे में जो कहा, उस पर मैं प्रतिक्रिया क्यों दूं, अजित पवार को उस पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए, भारतीय जनता पार्टी को कोई धोखा नहीं दे सकता।
राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी ने 2014 और 2019 का सपना देखा था लेकिन, ऐसा नहीं किया गया है और कभी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि NCP कोई राज्यव्यापी पार्टी नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि शरद पवार के पास लोगों का बहुत अनुभव है, इसलिए वे कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन, मुझे लगता है कि उन्हें अपनी पार्टी को एकजुट रखने के लिए जो प्रयास करना पड़ रहा है, उसे देखने के बाद उन्हें सोचना चाहिए कि उन्हें दूसरी पार्टियों के बारे में बात करनी चाहिए या नहीं।