(मुकेश सेठ)
(मुम्बई)
जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रसिद्ध चित्रकार संगीता सिंह के चित्रों की प्रदर्शनी का शुभारंभ प्रसिद्ध अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता आभा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया
कर्नल पिता की चित्रकारी देख बचपन में ही कूंची थाम लेने वाली संगीता सिंह देश विदेश में लगा चुकी है अनेकों प्रदर्शनी
सुप्रसिद्ध चित्रकार संगीता सिंह के द्वारा बनाए गए मनमोहनी चित्रों की प्रदर्शन मुम्बई के झंगिर आर्ट गैलरी में दर्शकों और कलाप्रेमियो के लिए लगाई गई।
इस दौरान बड़ी संख्या में मायानगरी मुंबई ही नही बल्कि देश के तमाम हिस्सों से आए कलाप्रेमियो ने पेंटर सुनीता सिंह की पेंटिंग की जबरदस्त सराहना करते हुए शुभकामनाएं दी।
प्रदर्शनी का शुभारंभ प्रख्यात अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता आभा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस मौके पर सेवानिवृत्त आईपीएस आधिकारी वाईपी सिंह,कर्नल शैलेंद्र सिंह,डिप्यूटी इनकम टैक्स कमिश्नर जयवंतिका सिंह,प्रशिक्षु आईपीएस ईशा सिंह, अधिवक्ता आदित्य सिंह , जहांगीर आर्ट गैलरी की सचिव श्रीमती मेनन, रवि कौशल, जौनिता कौशल, संजुक्ता बारीक आदि लोग मौजूद रहे।
देश विदेश में अपनी पेंटिग से कलाप्रेमियों दर्शकों की मन मोहिनी चित्रकार संगीता सिंह कहती हैं कि चित्रकारी का शौक उनको अपने पिता सेना में कर्नल रहे आरपी.एच.रघुवंशी को पेंटिंग बनाते हुए देखकर हुई।
उनके पिता शौकिया तौर पर पेंटिंग बनाते थे और मैं भी बचपन से ही उनसे प्रेरित होकर कब ब्रश चलाना सीख लिया मुझे ख़ुद नही मालूम।

फेमस ब्रशवूमेन संगीता सिंह आगे बताती हैं कि वह मिजोरम में रहते हुए चित्रकारी शुरू की थी और तकरीबन 20 वर्षों से पेंटिग कर रही हूं और अब तक हजारों चित्र बना चुकी हैं। अपनी पेंटिग्स की पहली प्रदर्शनी दिल्ली में लगाने के साथ, अब तक बंगलौर, लखनऊ, मुम्बई के साथ ही विदेशो में ऑस्ट्रिया, इटली,तुर्किए समेत कई देशों के आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी लगा चुकी हूं।
चित्रकार संगीता सिंह ने चित्रकारी की बारीकियां के चित्रकार गुरु दिल्ली स्थित त्रिवेणी कला संगम के प्रख्यात चित्रकार गुरु रामेश्वर बूटा से सीखा है। संगीता सिंह को भारत सरकार से जूनियर व सीनियर फेलोशिप के साथ ही अवॉर्ड,पेंटिंग के क्षेत्र में मिला हुआ है।
संगीता सिंह के द्वारा बनाई गई पेंटिंग 20 हज़ार से लेकर 4 लाख रुपए तक की कीमत में कला प्रेमियों द्वारा खरीदे जाते हैं। इनकी पेंटिग में रंग संयोजन से लेकर दर्शकों की कल्पना को सुखद स्पष्ट का एहसास करा देने की अद्भुत क्षमता होती है।
चित्रकार संगीता सिंह के पति सेना से कर्नल के पद से सेवानिवृत्त होकर वकालत करते हैं, सुपुत्र शशांक सिंह भी वकालत के क्षेत्र में हैं तो सुपुत्री जयवंतीका सिंह मुम्बई में बतौर डीप्युटी इनकम टैक्स कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं।
चित्रकला के क्षेत्र में रसूखदार बनने के बाद भी संगीता सिंह ने विजयराज फाउंडेशन बनाकर 20 से 35 वर्ष के उभरते हुए चित्रकार कलाकार को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित करने का काम करती है।