(राजेश बैरागी)
(गौतम बुद्ध नगर)
पैदल यात्रा में डीजे से लेकर पूड़ी जलेबी तक की है व्यवस्था
शादी ब्याह और धार्मिक आयोजनों के बाद क्या किसान आंदोलन में भी डीजे की भूमिका का प्रवेश हो गया है लगता तो यही है ग्रेटर नोएडा में किसानों के मार्च को देखकर। प्राधिकरण पर पिछले 108 दिनों से क्षेत्र के किसानों की अरसे से चली आ रही मांगो को लेकर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के द्वारा आज सोमवार को आयोजित किए गए पैदल मार्च में कुछ कुछ शादी ब्याह जैसा ही माहौल था। हजारों की संख्या में पैदल मार्च कर प्राधिकरण पर पहुंचे किसान एकदम चकाचक सफेद पैंट शर्ट या कुर्ता पायजामा में साफे बांधे हुए थे। उनके आगे तेज आवाज में गाने गाता डीजे चल रहा था और धरना स्थल पर सुबह से ही पूड़ी सब्जी के साथ साथ गरमागरम जलेबी बनाई जा रही थीं। इस अवसर पर आधुनिक शादियों की तर्ज पर महिलाएं भी शामिल हुईं।परंपरागत सूट सलवार और ओढ़ना पहने हुए ये ग्रामीण महिलाएं लग्जरी कारों से आईं थीं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आज सुबह से और दिनों की अपेक्षा ज्यादा चहल-पहल थी। भाकियू (अराजनीतिक) जिलाध्यक्ष चौधरी महेंद्र मुखिया के नेतृत्व में पिछले 108 दिनों से धरना दे रहे किसानों ने आज पैदल मार्च का कॉल दिया हुआ था। लिहाजा कमिश्नरेट पुलिस ने भी डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस और पीएसी के साथ सुरक्षा की पूरी तैयारी की हुई थी। लगभग साढ़े ग्यारह बजे हजारों की संख्या में किसान परी चौक की ओर से पैदल मार्च करते हुए प्राधिकरण पर पहुंचे। ज्यादातर किसान अपनी कारों से आए थे परन्तु आंदोलन को किसान आंदोलन का स्वरूप देने के लिए कुछ ट्रैक्टर भी शामिल किए गए थे।ये सभी किसान नेता किसी आंदोलन के आक्रोश में नहीं बल्कि किसी मंगल कार्य की मौज-मस्ती में ज्यादा लग रहे थे।
पैदल मार्च के आगे एक मिनी ट्रक में तेज आवाज में गाने गाता डीजे चल रहा था। धरना स्थल पर पहुंच कर पैदल मार्च धरने में बदल गया और नेताओं की भाषणबाजी शुरू हो गई। इस मौके पर पहुंची ग्रामीण महिलाओं की वेशभूषा तो देहाती थी परंतु वे आई लग्जरी कारों से थीं। धरना स्थल पर सुबह से ही पूड़ी सब्जी के साथ जलेबियां भी छानीं जा रही थीं जो धरना प्रदर्शन का एक और बड़ा आकर्षण था।
उल्लेखनीय है कि गौतमबुद्धनगर में तीन बड़े औद्योगिक विकास प्राधिकरणों नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की समस्याओं को हल कराने का धंधा एक बड़े उद्योग का रूप ले चुका है। पिछले वर्ष रिकॉर्ड 124 दिनों तक किसानों की समस्याओं को लेकर अब तक का सबसे बड़ा धरना आयोजित कर चुके किसान नेता डॉ रूपेश वर्मा बताते हैं कि जिले में कम से कम तीन दर्जन किसान संगठन बने हुए हैं। ये संगठन आये दिन टोल टैक्स फ्री कराने से लेकर छोटी मोटी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहते हैं।सबका उद्देश्य प्राधिकरणों के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराना ही होता है। पहचान स्थापित हो जाने के बाद क्या क्या होता है, यह यहां बताने की आवश्यकता नहीं है। किसानों की जिन मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 108 दिनों से धरना चल रहा है और आज पैदल मार्च किया गया,उन सभी मांगों को लेकर रूपेश वर्मा के नेतृत्व में चले आंदोलन में न केवल सहमति बन गई थी बल्कि प्राधिकरण, जिलाधिकारी और शासन के स्तर पर कार्रवाई जारी है।आज पैदल मार्च करने वाले किसानों से प्राधिकरण के एक ओएसडी ने मुलाकात की और प्राधिकरण द्वारा की जा रही कार्रवाई से अवगत कराया। हालांकि अधिकांश अधिकारी झंझट से बचने के लिए साइटों पर या इधर-उधर ही रहे।