लेखक- राजेंद्र द्विवेदी
ओडिशा राज्य के गुजराती बढ़ई परिवार में 17 नवंबर 1942 को जन्में सैम पित्रोदा जिनका पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। सैम पित्रोदा गरीब परिवार में जरूर जन्में लेकिन विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं। उनके नाम उपलब्धियों की श्रृंखला है। जिनमें 20 मानद पीएचडी और 100 से अधिक आविष्कार के पेटेंट शामिल हैं। भारत में उन्हें दूरसंचार क्रांति में अहम योग्यदान के लिए जाना जाता है। कांग्रेस के नजदीकी रहे पित्रोदा के इन्दिरा गाँधी से लेकर राजीव गाँधी, मनमोहन सिंह और अब राहुल गाँधी से सम्बन्ध है। 1964 में ही सैम पित्रोदा शिकागो चले गए थे। राजीव गाँधी 1984 में दूरसंचार क्रांति के क्षेत्र में कार्य के लिए बुलाया और वह दिल्ली आये। उन्होंने दूरसंचार क्रांति के क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान दिया। 2004 में कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का अध्यक्ष बनाया और कई महत्वपूर्ण सिफारिश भी की। वर्तमान में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उनके योग्यदान को देखते हुए 2009 में भारत सरकार ने विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
आज भी राहुल गांधी जब भी विदेश या अमेरिका दौरे पर जाते हैं तो सैम पित्रोदा के अनुभव का मार्गदर्शन भी मिलता है। निश्चित रूप से सैम पित्रोदा बहुत ही योग्य एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जानकारी रखते हैं जिससे देश को काफी फ़ायदा भी मिला। लेकिन 83 वर्षीय सैम पित्रोदा अपनी तमाम योग्यता और क्षमता के साथ विवादों में भी रहते हैं। चीन पर दिया गया बयान फिर चर्चा में हैं। न्यूज एजेंसी IANS को दिए इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा- चीन को दुश्मन मानने के बजाय उसे सम्मान देना चाहिए। मुझे समझ ही नहीं आता कि भारत को चीन से क्या खतरा है। हम सभी को साथ आकर काम करना चाहिए। भारत को चीन के प्रति अपने नजरिए को बदलने की जरूरत की है। पित्रोदा ने कहा-“हमारा रवैया पहले दिन से ही टकराव का रहा है। यह दुश्मनी पैदा करता है। मुझे लगता है कि हमें इस पैटर्न को बदलने की जरूरत है। यह किसी के लिए भी ठीक नहीं है।“
सैम पित्रोदा का यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष विशेष कर राहुल गाँधी अमेरिका द्वारा अवैध रूप से गए भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियां लगाकर भेजने पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे है। दूसरा चीन द्वारा भारत की सीमा में किये जा रहे घुसपैठ के प्रयास को लेकर तनाव बना हुआ है। गलवान घाटी में हमारे जवान आमने सामने की लड़ाई में शहीद भी हो चुके हैं। चीन लगातार भारत के सीमाओं को लेकर हरकतें करता रहता है। कभी मानचित्र गलत बना देगा और निरंतर बॉर्डर पर निर्माण भी कर रहा है जिसको लेकर राहुल गांधी मोदी सरकार पर काफी आक्रामक भी है और यह आरोप लगाते है कि मोदी चीन का नाम लेने से भी डरते हैं। यही नहीं 1962 में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को चीन ने हिंदी चीनी भाई भाई कहकर धोखा दिया और हजारों किलोमीटर भूभाग कब्ज़ा करके बैठा हुआ है। चीन भारत का दुश्मन नंबर एक है यह बात पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव भी कहते थे।
आज भारत के पड़ोसी देशों के साथ चालबाजी करके अपने आर्थिक वर्चस को बढाकर हमारे देश की घेराबंदी करने में जुटा है ऐसे चीन को सैम पित्रोदा जैसे विद्वान मित्र बता कर कांग्रेस या राहुल गांधी की मदद कर रहे हैं या मुसीबत में डाल दिए हैं। पूरा देश जानता है कि चीन हमारा कितना ताकतवर दुश्मन है। ऐसे बयान देकर सैम पित्रोदा ने राहुल की समझ पर सवाल उठा दिया है कि उन्हें चीन को लेकर सही जानकारी नहीं है दूसरा भाजपा को राहुल और कांग्रेस पर हमला करने का अवसर भी दे दिया है। वैसे उनका यह पहला बयान नहीं है इसके पहले भी 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान अंग्रेजी अखबार द स्टेटस मैन को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि भारत में ईस्ट के लोग चाइनीज और साउथ के लोग अफ्रीकन दिखते हैं। इस पर काफी विववाद हुआ भाजपा ने खूब हंगामा किया। मजबूरी में कांग्रेस को उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से 8 मई 2024 हटाना पड़ा। लोकसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद उन्हें 26 जून को दुबारा नियुक्त कर दिया।
इसी तरह के बयान 22 मार्च 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बालाकोट एयरस्ट्राइक पर किया था। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ऐसे हमले होते रहते हैं। कुछ आतंकियों ने हमला किया, इसकी सजा पूरे पाकिस्तान को क्यों दी जा रही है?
इसी तरीके के विवादस्पद बयान चुनाव के समय सैम पित्रोदा देते हैं चाहे वह विरासत टैक्स रहा हो, सिख विरोधी दंगा या अन्य बयान जिसे लेकर कांग्रेस फंसती है। यह आरोप लगते हैं कि यह सैम पित्रोदा का बयान नहीं कांग्रेस की सोच है। हर बयान के बाद कांग्रेस को स्पष्टीकरण देना पड़ता हैं कि यह सैम पित्रोदा का निजी बयान है। उसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। जैसा कि चीन पर बयान आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता जय राम रमेश ने सैम पित्रोदा को बयान को निजी बताया है।
सवाल यह उठता है कि राजीव गांधी के दोस्त और कांग्रेस एवं गांधी परिवार के नजदीकी माने जाने वाले जिनकी पहचान राहुल गांधी के चाचा के रूप में भी है। वह ऐसा बयान देकर कांग्रेस को परेशानी में क्यों डालते हैं। क्या वह नासमझ है ? या जानबूझ कर किसी का मोहरा बन कर ऐसा बयान देते हैं। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जब भी बयान देते है चाहे वह चुनाव या ऐसा मौका हो जब कांग्रेस मोदी पर हमलावर है। चीन पर बयान देने के पीछे यह संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि अमेरिका से हथकड़ी लगा कर भेजे जा रहे भारतीयों के मामले में भाजपा रक्षात्मक मुद्रा में है। ऐसे में चीन पर बयान देकर भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का एक बहुत बड़ा हथियार दे दिया और दिख भी रहा है। सैम के बयान के बाद कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है और भाजपा हमलावर। कांग्रेस को सैम पित्रोदा के रिश्तों पर सोचना चाहिए कि आखिर वह ऐसा क्यों करते है ? क्या उम्र ज्यादा हो गयी है या किसी दवाब या प्रलोभन में आकर मुसीबत खड़ा करते हैं। आखिर वह कांग्रेस के दोस्त हैं दुश्मन।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और यह उनके निजी विचार हैं)